Wednesday, 8 April 2009

रबड़ की कीमतों में उत्पादन वृद्धि को बनाए रखने के लिए मांग- अप्रैल 08, 2009

हिन्दी अनुवाद:
जनवरी में रबड़ का मुल्ये 60 रूपये किलोग्राम के निचले स्तर पर पहुंच कर मुल्ये 80 रूपये को पार कर गया है। कीमत में वृद्धि मुख्य रूप से उत्पादन में धीमी गति में उत्पत्ति और बढती मांग के लिए िनिर्माण क्षेत्र समर्थित है। रबड़ के मुल्ये में उत्त्पादाको के लिए खुशी की वृद्धि है।

ऐसा लगता है कि जनवरी में सूचना मिली थी की 6% रबड़ उत्पादन में दिसंबर के दौरान छोड़ दिया गया था। इस बीच, घरेलू बाजार में प्राकृतिक रबड़ की मांग बढ़ती जा रही है और उपलब्धता कम होती जा रही है। शीट रबड़ में आने वाले बहुत बड़े बाजारों में दोहन के निलंबन के बाद थोड़ा थे। इसलिए निर्माताओ ने कोई अन्य विकल्प के अलावा घरेलू बाजार से प्राप्त करने के लिए किया था। केरल में ही बहुत कुछ शीट रबड़ भंडार है।

English Translation:

The rubber price, which reached the lower level of Rs 60 a kg in January, has crossed Rs 80-mark at present. The rise in price is backed mainly by slow speed in production and the increasing demand from the manufacturing sector. The rubber growers are happy increase in price.


It was reported that there was six per cent drop in rubber production during December-January. In the meantime, the demand for natural rubber in the domestic market is rising and the availability is reducing. The arrivals of sheet rubber were very slight in major markets after suspension of tapping. The manufacturers had, therefore, no other option except to obtain from the domestic market. In Kerala, only very few have sheet rubber stocks.

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