Tuesday, 2 September 2008

टाटा को देना होगा रिलायंस को हर्जाना - सितम्बर 02 , 2008

हिन्दी रूपान्तर

नई दिल्ली : टाटा कम्यूनिकेशंस को ग्लोबल आर्बिट्रेशन ट्रिब्युनल ने दो साल पहले हुए केबल विवाद के लिए 1.9 करोड़ डॉलर हर्जाना देने को कहा है। इंटरनैशनल चैम्बर ऑफ कॉमर्स ने टाटा टेलिकम्यूनिकेशंस से कहा है कि वह रिलायंस कम्यूनिकेशन की सब्सिडरी को मई 2006 से 1.9 करोड़ डॉलर हर्जाने के तौर पर दे। इसके अतिरिक्त टाटा को ब्याज देने के लिए भी कहा गया है।

27 अगस्त को रिलायंस ग्लोबलकॉम (फ्लैग टेलिकॉम) के पक्ष में यह फैसला सुनाया गया। रिलायंस ने उसे हुए नुकसान के लिए 38.5 करोड़ का दावा किया था। यह मामला 2004 में तब सामने आया, जब फ्लैग ने उस समय के वीएसएनएल (अब टाटा टेलिकम्यूनिकेशन्स) पर आरोप लगाया कि वह केबल लैंडिंग स्टेशन में उसे फ्री एक्सेस नहीं करने दे रही है और एकाधिकारी की तरह कीमतों को बनाए हुए है।

फ्लैग, केबल सिस्टम पर अपनी क्षमता को 10 जीबीपीएस से बढ़ाकर 80 जीबीपीएस करना चाहती थी। हालांकि वीएसएनएल ने कहा था कि निर्माण और रखरखाव समझौते के तहत एक्सेस देने को वह बाध्य नहीं है। इस साल अप्रैल में टाटा के अपील को खारिज कर दिया गया था। कोर्ट ने टाटा कॉम को कार्रवाई के खर्चे की भरपाई करने का आदेश दिया था।

English Translation

New Delhi: The International Chamber of Commerce (ICC), the global arbitration tribunal, has directed Tata Communications to pay a Reliance Communication subsidiary approximately $19 million plus interest from May 2006 as damages over a cable dispute.

“In the matter of the ICC arbitration proceedings brought by Reliance Globalcom Ltd ("Reliance"), formerly known as 'Flag Telecom', against Tata Communications Ltd, the Tribunal has, on August 27, 2008, handed down a final award dealing with the issue of damages,” Tata Communications said in a statement Monday.“The Tribunal has directed Tata Communications to pay Reliance a sum of approximately US$19 million plus interest from May 2006 as damages, against the $385 million sum claimed by Reliance,” the statement added.Tata Communications said this was the tribunal's final award in the ICC arbitration proceedings over a dispute regarding FEA (Flag Europe Asia) cable, ongoing since 2004.

FLAG wanted access for enhancing the capacity of the FEA cable system from 10 Gbps to 80 Gbps. (Gbps stands for "billions of bits per second" and is a measure of bandwidth on a digital data transmission medium such as optical fibre).However, VSNL said it was not under obligation to grant access under the construction and maintenance agreement between the two parties.The dispute culminated in FLAG referring the matter to the ICC.

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