Thursday 30 August, 2007

निसान व अशोक लेलैंड मिलकर बनाएंगी हल्के वाहन

विश्व की प्रमुख आटोमोबाइल कंपनी निसान ने अब भारत के वाणिज्यिक वाहन बाजार में भी उतरने का ऐलान किया है। इसके लिए निसान ने घरेलू वाणिज्यिक वाहन निर्माता कंपनी अशोक लेलैंड का दामन थामा है। एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम के तहत दोनों कंपनियों ने भारत में तीन संयुक्त उपक्रम स्थापित करने का फैसला किया है। ये संयुक्त उपक्रम भारत के साथ-साथ विदेशी बाजारों के लिए भी वाणिज्यिक वाहन तैयार करेंगे। इस समझौते से यह भी स्पष्ट है कि जापानी कंपनी निसान भारतीय आटोमोबाइल बाजार में लंबी पारी खेलने की मंशा रखती है।
समझौते के मुताबिक निसान मोटर्स और अशोक लेलैंड सबसे पहले वाहन निर्माण करने वाली एक कंपनी गठित करेंगी। इस संयुक्त उद्यम में ज्यादा हिस्सेदारी अशोक लेलैंड की होगी और इसका प्लांट भी भारत में ही स्थित होगा। प्लांट में हर साल एक लाख हल्के वाणिज्यिक वाहनों (छोटे ट्रक वगैरह) का निर्माण किया जाएगा। दूसरा संयुक्त उद्यम इंजन निर्माण से जुड़ा होगा। वहां हल्के वाणिज्यिक वाहनों में इस्तेमाल होने वाले इंजन बनाए जाएंगे। इसका प्लांट भी भारत में ही होगा, लेकिन इस संयुक्त उपक्रम में अधिकांश हिस्सेदारी निसान के पास होगी।
तीसरा संयुक्त उद्यम तकनीकी क्षेत्र में स्थापित किया जाएगा। यह कंपनी हल्के वाणिज्यिक वाहनों और इनके इंजन की तकनीक को बेहतर बनाने का काम करेगी। वहां उन्नत तकनीक विकसित की जाएगी ताकि भारत और अन्य विकासशील देशों के वास्ते बेहतर प्रदर्शन करने वाले छोटे व हल्के ट्रक बनाए जा सकें। इसमें निसान और अशोक लेलैंड की समान हिस्सेदारी होगी। तीसरी कंपनी जो उत्पाद तैयार करेगी उसे निसान और अशोक लेलैंड के ब्रांड के तहत ही बेचा जाएगा।
इसके अलावा दोनों कंपनियां भारत में बिक्री व वितरण क्षेत्र में उतरने पर भी गंभीरता से विचार कर रही हैं। अशोक लेलैंड के डीलर नेटवर्क के जरिए निसान के विभिन्न माडलों की बिक्री की संभावना भी तलाशी जा रही है। अगर विदेश में निसान के नेटवर्क के जरिए अशोक लेलैंड के वाहनों का बाजार मिलता है तो इसको भी आगे बढ़ाया जा सकता है। निसान के साथ गठबंधन करने से अशोक लेलैंड को अब भारत में तेजी से बढ़ रहे छोटे व मझोले ट्रकों व बसों के बाजार में भी पैर पसारने का मौका मिलेगा।
निसान पहले ही भारतीय कार बाजार में उतरने का ऐलान कर चुकी है। अब वाणिज्यिक वाहनों के क्षेत्र में भी उसके आ जाने से यह तय हो गया है कि भारत कंपनी के लिए एक बड़ा बाजार बनने जा रहा है।

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