Saturday 12 April, 2008

41 महीने की रेकॉर्ड तोड़ महंगाई

नई दिल्ली : महंगाई की दर 7 .41 फीसदी होने के साथ ही केंद्र सरकार ने एक बार फिर हाथ खड़े कर दिए। शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक के बाद साइंस और टेक्नॉलजी मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि सरकार के पास जादू की कोई छड़ी नहीं है, महंगाई तो पूरी दुनिया में बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि देश के बाहर चीजों के दाम बढ़ रहे हैं, इसका असर भारत पर भी पड़ रहा है। सरकार महंगाई रोकने की हर कोशिश कर रही है।

महंगाई कब तक काबू में जाएगी? सिब्बल ने जवाब दिया कि सरकार के पास ऐसी कोई लैब नहीं है जहां केमिकल रिएक्शन के प्रयोगों की तरह तुरंत महंगाई को दूर करने का हल निकाल लिया जाए। उन्होंने विश्व बैंक के आंकड़े देते हुए कहा कि सरकार इनकी आड़ में अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं रही है। घरेलू स्तर पर महंगाई को काबू करने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं और ये आगे भी जारी रहेंगे।

सिब्बल ने महंगाई पर काबू पाने के लिए सब्सिडी बढ़ाने की संभावना से इनकार किया। उनका कहना था कि शुल्कों में कटौती करके इसे नियंत्रित किया जाएगा। राज्य सरकारों को भी जमाखारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। इससे भी महंगाई रोकने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि अगस्त 2007 से मार्च 2008 तक मध्यम अर्थव्यवस्था वाले देशों में कृषि उत्पादों के दामों में 73 फीसदी तक बढ़ोतरी हुई है। खाद्य पदार्थों के दाम 88 फीसदी और अनाज के दाम 105 फीसदी तक बढ़े हैं। गेहूं के दाम 74, चावल 72, तेल और वसा में 71 और चीनी के दामों में 35 फीसदी तक इजाफा हुआ। चीन में महंगाई की दर 8.7, रूस में 11.9, अर्जेन्टीना में 7.3 और तुर्की में 8 फीसदी तक पहुंच गई है।

शुक्रवार को जारी महंगाई के आंकड़ों ने 41 महीनों का नया रेकॉर्ड बना दिया, इसमें सबसे ज्यादा असर खाने के सामान का रहा। ये 29 मार्च को खत्म हफ्ते के आंकड़े हैं और सरकार ने महंगाई घटाने के ताजा कदमों का ऐलान 31 मार्च को किया था। तब सरकार ने खाद्य तेलों समेत कई आइटमों पर ड्यूटी घटाई थी और बासमती चावल का निर्यात रोक दिया था।

वाणिज्य उद्योग मंत्री कमलनाथ ने भी माना है कि फिलहाल सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता महंगाई को कंट्रोल करने की है। एग्जिम पॉलिसी पेश करने के बाद उन्होंने कह कि हम सीमेंट का निर्यात बंद करने जा रहे हैं, सारी औपचारिकताएं जल्द पूरी कर ली जाएंगी। कीमतों पर नियंत्रण के उपायों पर कैबिनेट कमिटी की अगले हफ्ते बैठक होगी। उन्होंने कहा कि किसी को बाजार से खेलने नहीं दिया जाएगा। सरकार बाजार पर कड़ी नजर रखे हुए है।

कमलनाथ ने कहा कि फिलहाल स्टील और सीमेंट कीमतों को सामान्य स्तर पर लाना है, मगर कृषि उत्पादों की कीमतें कम करने और सप्लाई बढ़ाने के उपायों पर भी कैबिनेट की बैठक में चर्चा होगी। महंगाई के मसले पर विशेषज्ञों का कहना है कि सप्लाई कम होने का असर दिख रहा है और देखने वाली बात यह होगी कि सरकार किस तरह इसे बहाल करती है और मुनाफाखोरों के खिलाफ कार्रवाई करती है।

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