नई दिल्ली। पेट्रोलियम मंत्री मुरली देवड़ा ने प्रधानमंत्री से मांग की है कि कच्चे तेल के आयात पर शुल्क हटा लिया जाए ताकि घाटे से जूझ रही सार्वजनिक पेट्रोलियम कम्पनियों को उबारा जा सके।
देवड़ा ने मंगलवार को कुछ वस्तुओं की कीमतों में की गई कमी का हवाला देते हुए कहा, “जिस तरह सरकार ने खाद्य तेलों पर से आयात शुल्क हटाया है उसी तरह कच्चे तेल पर लग रहा पांच फीसदी आयात शुल्क भी हटा लिया जाना चाहिए।”
देवड़ा ने बुधवार को प्रधानमंत्री से मुलाकात करने के बाद कहा, “सरकार द्वारा जारी किए गए तेल बांड पर्याप्त नहीं हैं।”
गौरतलब है कि पेट्रोलियम मंत्रालय ने सार्वजनिक तेल कम्पनियों को घाटे से बचाने के लिए अतिरिक्त तेल बांड की मांग की है।
मंत्रालय ने कहा कि इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम जैसी सार्वजनिक क्षेत्र की कम्पनियों को पिछले वित्त वर्ष के दौरान 750 अरब रुपए का घाटा हो चुका है। अगर अगर यही स्थिति रही तो यह घाटा बढ़कर दो गुना हो सकता है।
गौरतलब है कि भारत अपनी जरूरत का 70 फीसदी कच्चा तेल आयात करता है। इसकी कीमत अंतर्राष्ट्रीय बाजार में 100 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर जा चुकी है। ऐसे में यदि पेट्रोलियम उत्पादों की खुदरा कीमतें नहीं बढ़ाई गईं तो इस क्षेत्र की सार्वजनिक कम्पनियों को भारी घाटा होगा।
देवड़ा ने मंगलवार को कुछ वस्तुओं की कीमतों में की गई कमी का हवाला देते हुए कहा, “जिस तरह सरकार ने खाद्य तेलों पर से आयात शुल्क हटाया है उसी तरह कच्चे तेल पर लग रहा पांच फीसदी आयात शुल्क भी हटा लिया जाना चाहिए।”
देवड़ा ने बुधवार को प्रधानमंत्री से मुलाकात करने के बाद कहा, “सरकार द्वारा जारी किए गए तेल बांड पर्याप्त नहीं हैं।”
गौरतलब है कि पेट्रोलियम मंत्रालय ने सार्वजनिक तेल कम्पनियों को घाटे से बचाने के लिए अतिरिक्त तेल बांड की मांग की है।
मंत्रालय ने कहा कि इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम जैसी सार्वजनिक क्षेत्र की कम्पनियों को पिछले वित्त वर्ष के दौरान 750 अरब रुपए का घाटा हो चुका है। अगर अगर यही स्थिति रही तो यह घाटा बढ़कर दो गुना हो सकता है।
गौरतलब है कि भारत अपनी जरूरत का 70 फीसदी कच्चा तेल आयात करता है। इसकी कीमत अंतर्राष्ट्रीय बाजार में 100 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर जा चुकी है। ऐसे में यदि पेट्रोलियम उत्पादों की खुदरा कीमतें नहीं बढ़ाई गईं तो इस क्षेत्र की सार्वजनिक कम्पनियों को भारी घाटा होगा।
No comments:
Post a Comment