नई दिल्ली। “निवेशक बाजार में धीरज के साथ टिके रहें और हड़बड़ी में कोई निर्णय न करें।”
यह सुझाव है शेयर बाजारों की नियामक संस्था भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पूर्व अध्यक्ष जी.एन. बाजपेयी का जो मानते हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था की आधारभूत स्थिति अब भी पुख्ता है और घरेलू कम्पनियों का काम भी ठीक है।
बाजपेयी ने एक संक्षिप्त बातचीत में कहा कि शेयर बाजारों में इस समय चल रही उठा पटक की मुख्य वजह अंतर्राष्ट्रीय बाजार की स्थिति है। विदेशी परिस्थितियों के कारण विदेशी निवेशक बाजार में नहीं आ रहे हैं और इस माहौल में स्थानीय निवेशक भी शांत बैठे हैं लेकिन उनकी राय में हालात जरूर सुधरेंगे। हालांकि उन्होंने इसके समय के बारे में कोई अटकलबाजी करना उचित नहीं समझा।
उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था यदि 7-8 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि दर हासिल करती है तो भी यह वृद्धि अच्छी है। भारतीय कम्पनियों के कारोबार की स्थिति भी अच्छी चल रही है। ऐसे में निवेशकों को बाजार में विश्वास बनाए रखना चाहिए।
यह सुझाव है शेयर बाजारों की नियामक संस्था भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पूर्व अध्यक्ष जी.एन. बाजपेयी का जो मानते हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था की आधारभूत स्थिति अब भी पुख्ता है और घरेलू कम्पनियों का काम भी ठीक है।
बाजपेयी ने एक संक्षिप्त बातचीत में कहा कि शेयर बाजारों में इस समय चल रही उठा पटक की मुख्य वजह अंतर्राष्ट्रीय बाजार की स्थिति है। विदेशी परिस्थितियों के कारण विदेशी निवेशक बाजार में नहीं आ रहे हैं और इस माहौल में स्थानीय निवेशक भी शांत बैठे हैं लेकिन उनकी राय में हालात जरूर सुधरेंगे। हालांकि उन्होंने इसके समय के बारे में कोई अटकलबाजी करना उचित नहीं समझा।
उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था यदि 7-8 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि दर हासिल करती है तो भी यह वृद्धि अच्छी है। भारतीय कम्पनियों के कारोबार की स्थिति भी अच्छी चल रही है। ऐसे में निवेशकों को बाजार में विश्वास बनाए रखना चाहिए।
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