Saturday, 5 April 2008

रीयल्टी म्युचुअल फंड्स पर गाइडलाइंस जल्द

नई दिल्ली : मार्केट रेग्युलेटर सेबी रीयल इस्टेट म्युचुअल फंड्स के लिए 15 दिनों के भीतर दिशानिर्देश जारी कर सकती है जिससे बाजार में निवेशकों की पहुंच रीयल्टी क्षे़त्र तक हो। पिछले कुछ महीनों में इस सेक्टर में बहुत अधिक बढ़ोतरी दर्ज हुई है। सेबी के सदस्य टी. सी. नायर ने कहा, ' रीयल इस्टेट म्युचअल फंडों पर मार्गनिर्देश किसी समय जारी हो सकता है। गाइडलाइंस जारी करने की अधिकतम समयसीमा 15 दिन है। ' ऐसोचैम द्वारा रीयल इस्टेट म्युचुअल फंडों (आरईएमएफ) पर आयोजित एक सम्मेलन में उन्होंने कहा कि सभी कानूनी मसले सुलझा लिए गए हैं जिनमें ऑडिट और वैल्युएशन के मामले भी शामिल हैं।

आरईएमएफ निवेश का लक्ष्य होता है प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रीयल इस्टेट में निवेश करना। ऐसोचैम के अध्यक्ष वेणुगोपाल एन. धूत ने कहा कि फिलहाल सिर्फ वेंचर कैपिटल फंड्स, अमीर व्यक्तियों, संस्थागत और विदेशी निवेशकों को रीयल इस्टेट फंड की पेशकश करने की अनुमति है। सेबी के नियमों के मुताबिक व्यक्तिगत निवेशकों द्वारा कम से कम 11500 डॉलर का निवेश जरूरी होता है लेकिन मौजूदा कंपनियों ने न्यूनतम निवेश का स्तर बहुत ज्यादा कर रखा है।

नायर ने कहा कि पहले इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया ने इन फंडों पर कुछ आपत्ति जताई थी जिन्हें अब सुलझा लिया गया है। इस फैसले का स्वागत करते हुए असोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया के अध्यक्ष . पी. कुरियन ने कहा, ' रीयल इस्टेट म्युचुअल फंड के बाजार में काफी संभावनाएं हैं और एक बार गाइडलाइंस जारी हो जाएं तो फंड हाउस बंद अवधि के इंटर्वल फंड लेकर आएंगे। '

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