Friday, 18 April 2008

रिजर्व बैंक ने सीआरआर बढ़ाया

मुम्बई। भारतीय रिजर्व बैंक ने कल वाणिज्यिक बैंकों का नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) बढ़ाने की घोषणा की।

यह वृद्धि करने की घोषणा रिजर्व बैंक की ऋण एवं मौद्रिक नीति की 29 अप्रैल को निर्धारित तिमाही समीक्षा के पहले की गई है जिसकी जानकारी देर शाम जारी विज्ञप्ति में दी गई। इसके अनुसार 0.50 प्रतिशत की यह वृद्धि दो चरणों में प्रभावी होगी।

पहले चरण में वाणिज्यिक बैंकों को 26 अप्रैल से 7.75 प्रतिशत तथा दूसरे चरण में 10 मई से आठ प्रतिशत का सीआरआर रखना होगा।

क्या है सीआरआर?

नकद सुरक्षित अनुपात (सीआरआर) मूलतः वह निश्चित राशि है जो बैंकों को अपने पास कुल जमा राशि से अलग रखनी पड़ती है। अब तक बैंकों को अपनी कुल जमा राशि का 7.5 प्रतिशत नकद सुरक्षित रखना होता था और वे इस राशि को ऋण के रुप में नहीं दे सकते थे। लेकिन अब उन्हें इससे ज्यादा नकद सुरक्षित रखना होगा, जो चरणों में 26 अप्रैल से 7.75 प्रतिशत तथा 10 मई से आठ प्रतिशत का होगा।

क्या होगा असर?

इस कदम से कुल मिलाकर बैंकिंग प्रणाली से नकद (तरलता) कम हो जाएगी क्योंकि बैंकों के पास ही ज्यादातर राशि कैद हो जाएगी। इससे बैंकों की कर्ज देने की क्षमता घटेगी और ब्याज दरों में बढ़ोतरी होगी।

किन पर पड़ेगा असर?

सीआरआर बढ़ाने का रिजर्व बैंक का यह निर्णय सभी अधिसूचित वाणिज्यिक बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों तथा सहकारी बैंकों पर लागू होगा।

अनुमान है कि इस निर्णय के कार्यान्वयन से देश में बैंकिंग व्यवस्था से 18,500 करोड़ रुपए निकल जाएंगे।

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