नई दिल्लीः अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमत 100 डॉलर प्रति बैरल की सीमा पार करने जा रही है। हाई स्पीड डीजल और जेट फ्यूल जैसे रिफाइंड पेट्रोलियम प्रॉडक्ट के दाम पहले ही इस सीमा को पार कर चुके हैं। कीमतों में बढ़ोतरी से हरकत में आई सरकार ने पहले से घाटे में चल रहीं पब्लिक सेक्टर की तेल कंपनियों पर बोझ कम करने के उपायों को खंगालना शुरू कर दिया है, हालांकि खुदरा तेल कीमतों में फिलहाल किसी बढ़ोतरी के संकेत नहीं हैं।
पेट्रोलियम मंत्री मुरली देवड़ा ने वित्त मंत्री पी। चिदंबरम से मिलकर अंतरराष्ट्रीय बाजार की महंगाई का ऑयल मार्केटिंग कंपनियों पर पड़ने वाले असर को कम करने के उपायों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि हमने कई विकल्पों पर विचार किया है। पेट्रोलियम मंत्रालय के सीनियर अधिकारियों ने कहा कि फिलहाल पेट्रोल और डीजल की कीमतों में इजाफा करने का मंत्रालय की तरफ से कोई प्रस्ताव नहीं है। सूत्रों के मुताबिक तेल कीमतों के बढ़ने का तत्कालिक असर विमानों के किराए पर देखा जा सकता है।
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