भारत और यूरोपीय संघ के बीच शुक्रवार को शिखर सम्मेलन होने जा रहा है।
इस आठवें सालाना शिखर सम्मेलन में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के अलावा अन्य क्षेत्रों में साझेदारी बढ़ाने के संबंध में बातचीत होगी।
इस शिखर सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह करेंगे जबकि यूरोपीय संघ का नेतृत्व पुर्तगाल के प्रधानमंत्री जोस सॉक्रैटीज़ करेंगे।
ग़ौरतलब है कि इन दिनों यूरोपीय संघ की अध्यक्षता पुर्तगाल के पास है।
इस सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद की चुनौती और द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ाए जाने पर चर्चा होगी।
भारत और विभिन्न यूरोपीय देशों के बीच लंबे समय से द्विपक्षीय संबंध रहे हैं।
लेकिन यूरोपीय संघ बनने के बाद संबंधों को और मज़बूत बनाने के उद्देश्य से भारत और यूरोपीय संघ के बीच सालाना बैठक का निर्णय लिया गया था।
हालाँकि भारत की दृष्टि से तो यूरोपीय संघ उसका सबसे बड़ा व्यापार सहयोगी है।
लेकिन अगर यूरोपीय संघ के नज़रिए से देखा जाए तो उसके कुल व्यापार में भारत का कोई बड़ा योगदान नहीं है.
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत सूचना प्रौद्योगिकी और सस्ती मजदूरी की वजह से इन देशों के लिए आकर्षक का एक केंद्र है।
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