Thursday, 29 November 2007

बाजार को भारी झटके से बचाने की कवायद

नई दिल्ली : सरकार ने सेबी को सख्त निर्देश दिए हैं कि दिसंबर माह में बाजार में भारी झटका रोकने के लिए सख्त कदम उठाए। आशंका है कि एफआईआई अगले माह शेयर बाजारों में भारी मंदी की हवा चला सकते हैं। जबकि सरकार हर कीमत पर संतुलित कारोबार चाहती है।

इसलिए सेबी को उन शेयरों पर नजर रखने को कहा गया है, जिनमें पिछले कुछ दिनों से भारी उतार-चढ़ाव रहा है। गड़बड़ी की आशंका होने पर शेयरों के कारोबार पर तुरंत प्रतिबंध लगाने की छूट सेबी को दी गई है। वित्त मंत्रालय के शेयर विभाग मामले के उच्चाधिकारी के अनुसार हमारी प्राथमिकता आम निवेशकों को भारी झटके से बचाने की है।

एफआईआई की रणनीति
दिसंबर माह में एफआईआई की रणनीति भारी मात्रा में मुनाफा कमाने की रहती है। दरअसल उनके लिए साल दिसंबर माह में समाप्त होता है। ऐसे में नेट असट वैल्यू (एनएवी) बढ़ाने की भी मजबूरी होती है। इस बार बिकवाली ज्यादा होने की संभावना इसलिए है, क्योंकि अमेरिकी बाजार में मंदी है। भारतीय बाजार में एफआईआई को अच्छा रिटर्न मिल रहा है। यूटीआई सिक्योरिटीज के इक्विटीज हेड मिलिंद प्रधान कहते हैं, एफआईआई ज्यादा इंवेस्टमेंट कर रहे हैं, वे मुनाफा भी ज्यादा कमाएंगे।

भारतीय कंपनियों पर सवाल!
सेबी के सूत्रों के अनुसार यह बात भी सामने आई हैं कि कुछ भारतीय कंपनियां, जिनका नया आईपीओ आने वाला है। वे अपने शेयरों को प्रमोट करने में लगी हैं ताकि नए आईपीओ के शेयरों के दाम ज्यादा लग सकें। मगर इससे आम निवेशकों को दोहरा घाटा हो सकता है। एक तो वे आईपीओ के शेयरों को ज्यादा कीमतों पर खरीदेंगे। दूसरे कंपनियों के पहले से ही सूचीबद्ध शेयरों को ज्यादा भाव पर खरीदने से बिकवाली के समय उनको घाटा होना तय है।

क्या होगा फायदा
साहनी एंड साहनी ब्रोकर्स के प्रकाश साहनी का कहना है कि अगर सेबी ऐसा करती है तो इसका मनोवैज्ञानिक लाभ बाजार को होगा। बाजार में यह संदेश जाएगा कि सरकार का नियंत्रण अब भी बरकरार है। वैसे अब तक का कारोबार देखते हुए इतना जरूर कहा जा सकता है कि दिसंबर माह शेयर कारोबार के हिसाब से काफी महत्वपूर्ण रहेगा। सरकार को मुस्तैद रहना चाहिए।

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