नई दिल्लीः सेल्युलर ऑपरेटर कंपनी भारती एयरटेल लिमिटेड ने कहा है कि कंपनी ने टेलिकॉम डिपार्टमेंट की टेक्निकल यूनिट टेलिकॉम इंजीनियरिंग सेंटर (टीईसी) के स्पेक्ट्रम अलॉटमेंट के नियमों के बारे में दी गई सिफारिशों को पर्याप्त सबूतों और आंकड़ों के साथ चुनौती दी है।
भारती एयरटेल के प्रमुख सुनील मित्तल ने स्पेक्ट्रम अलॉटमेंट के नियमों की समीक्षा के लिए गठित टेलिकॉम पैनल की बैठक के बाद यह जानकारी दी। मित्तल ने कहा कि आधुनिक टेक्नॉलजी अपनाने के मामले में हम पर सवाल नहीं किए जा सकते। उन्होंने कहा कि जानकारी न होने को नियम बदलने के लिए बहाना नहीं बनाया जा सकता। मित्तल ने कहा कि उनकी कंपनी ने स्पेक्ट्रम अलॉटमेंट के बारे में टीईसी की सिफारिशों को पर्याप्त सबूतों और आंकड़ों के साथ चुनौती दी है।
पैनल ने स्पेक्ट्रम अलॉटमेंट के मसले पर इस महीने के शुरू में अपनी रिपोर्ट दे दी थी। कंपनी ने रेडियो तरंगों के अलॉटमेंट के लिए कस्टमरों की संख्या में कई गुना बढ़ोतरी की सिफारिश की है। कम्यूनिकेशन मिनिस्टर ए. राजा ने इस रिपोर्ट को सिद्धांत रूप में स्वीकार कर लिया था, लेकिन भारती एयरटेल, वोडाफोन, एस्सार और आइडिया सेल्युलर जैसे जीएसएम ऑपरेटरों के इस पर कड़ा विरोध जताने करने पर सरकार ने नियमों पर नए सिरे से विचार करने के लिए एक पैनल गठित कर दिया।
पैनल को इसी महीने अपनी रिपोर्ट देनी है। टेलिकॉम डिपार्टमेंट के अडिशनल सेक्रेटरी आर. बंदोपाध्याय की अध्यक्षता में गठित पैनल में बीएसएनएल और एमटीएनएल को शामिल नहीं किया गया है। हालांकि इसमें जीएसएम और सीडीएमए के प्रतिनिधि शामिल हैं। पैनल की अगली बैठक 30 नवंबर को होगी।
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