Tuesday 20 November, 2007

म्यूचुअल फंडों को मिली शॉर्ट सेल की इजाजत

सरकार ने तेजी के नए रेकॉर्ड बना रहे स्टॉक मार्केट्स पर अंकुश लगाने के लिए म्यूचुअल फंडों को शेयरों की 'शॉर्ट सेल' की इजाजत दे दी है। जानकारों का कहना है कि इससे शेयरों में बनावटी तेजी रुकेगी। आम निवेशकों को ऊंचे दामों में शेयर खरीद लेने से जो नुकसान हो रहा है, उस पर भी रोक लगेगी। शॉर्ट सेल शुरू होने से शेयरों की वास्तविक कीमत सामने आ जाएगी। सेबी के अध्यक्ष एम. दामोदरन का कहना है कि कोशिश यह की जा रही है कि शेयर बाजार में कारोबार संतुलित रहे।

क्या है शॉर्ट सेल?

शॉर्ट सेल का मतलब है कि शेयरों को बेचने के बाद उसकी डिलिवरी न की जाए। यानी शेयर बेचने के सौदे हो जाएं, मगर शेयर न दिए जाएं। बाद में शेयरों के बाई बैक यानी दोबारा खरीदने का विकल्प खुला रहेगा। शेयर बाजार में वायदा कारोबार के तहत शेयरों की खरीद-फरोख्त की तो सबको इजाजत है, मगर शॉर्ट सेल की इजाजत पहली बार म्यूचुअल फंडों को दी गई है।

करेक्शन की स्ट्रैटिजी

सरकार का मकसद शेयर बाजार में उम्मीद से ज्यादा तेजी को रोकना है। शॉर्ट सेल से बाजार में टेक्निकल करेक्शन हो सकता है। म्यूचुअल फंडों के पास फंड की कोई कमी नहीं है। अगर शॉर्ट सेल के दौरान म्यूचुअल फंड किसी को शेयर बेचते हैं, तो उनके पास उसे दोबारा खरीदने का विकल्प खुला रहेगा। ऐसे में वे बाजार को संतुलित करेंगे और मंदी लाने की कोशिश करेंगे। तभी उनको शेयर दोबारा खरीदने में फायदा होगा। एक ओर फॉरन इनवेस्टर्स तेजी लाने के लिए शेयरों को खरीदने में लगे हुए हैं। अगर म्यूचुअल फंड मंदी लाने के लिए शेयरों को बेचेंगे, तो हालात काफी संतुलित हो जाएगा।

आम निवेशकों को फायदा

वैल्यू रिसर्च के धीरज कुमार का कहना है शॉर्ट सेल की इजाजत के बाद म्यूचुअल फंड अपने फायदे के लिए सही शेयरों की कीमतों को तर्कसंगत बनाने की कोशिश करेंगे। इससे आम निवेशकों को शेयरों की वास्तविक कीमत का अंदाजा हो जाएगा। अगर आम निवेशक म्यूचुअल फंडों द्वारा खरीदे गए शेयरों पर निगाह रखेंगे, तो उनका फायदा होगा।

फिलहाल सही कदम!

यूटीआई म्यूचुअल फंड के चीफ मार्केटिंग ऑफिसर जयदीप भट्टाचार्य का कहना है कि मौजूदा हालात को देखते हुए इसे अच्छा फैसला कहा जा सकता है। इससे बाजार में अनिश्चितता समाप्त होगी। शेयरों को बेचने व खरीदने का दौर एक साथ चलेगा। बाजार में किसी की मानॉपली नहीं होगी। सब अपनी स्ट्रैटिजी के तहत काम करेंगे। आम निवेशकों को बाजार की स्टडी करने में ज्यादा आसानी होगी।

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