Wednesday, 7 November 2007

गोल्ड मार्केट में रौनक कम

सोना महंगा होने से ज्यादातर ग्राहक इसकी खरीदारी में खास दिलचस्पी नहीं दिखा रहे। ऐसे में इस बार धनतेरस पर गोल्ड जूलरी का बाजार फीका रहने के आसार ज्यादा हैं। हालांकि गोल्ड जूलर्स ग्राहकों को रिझाने की हरसंभव कोशिश कर रहे हैं। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल का आकलन है कि बीते साल के मुकाबले इस साल सोने की घरेलू मांग में 10 से 15 परसेंट के बीच बढ़ोतरी होगी।

काउंसिल के वाइस प्रेजिडेंट शिवराम कुमार के मुताबिक ग्लोबल मार्केट में तेल की कीमत बढ़ने से लोग हेजिंग के लिए सोने में निवेश कर रहे हैं। इस फैक्टर को ध्यान में रखकर लोग इस त्योहारी सीजन में सोने की खरीदारी और ज्यादा करेंगे। दूसरी ओर स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि सोने के 10 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के पार जाने से बाजार में उठाव नहीं है। जूलर भी पुराने सोने गलाकर ही काम चला रहे हैं।

पिछले 2 साल का ट्रेंड देखें तो धनतेरस के दिन सोने की कीमतें पिछले कुछ दिनों की कीमतों के मुकाबले कुछ कम हो जाती हैं। लेकिन इस बार इंटरनैशनल मार्केट में कच्चे तेल की कीमतें बेहद ऊंची होने की वजह से सोने के दामों में उछाल आने की ही उम्मीद ज्यादा है। इससे बुलियन मार्केट को बड़ा झटका लग सकता है।

सोना खरीदने वाले ग्राहकों की संख्या इस बार नाम मात्र की है। जूलर्स का कहना है कि धनतेरस पर उनका असली सेल टारगेट मिडल क्लास रहता था। लेकिन कीमतें ज्यादा होने से यह वर्ग सोने की खरीदारी में दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है।

इस साल सोने की कीमतें पिछले साल के मुकाबले करीब 2 हजार रुपये ज्यादा हैं। ऐसे में ग्राहकों की खरीदारी में बढ़ोतरी नहीं हुई है। ग्राहकों को यह भरोसा नहीं हो पा रहा है कि आखिर सोने की कीमतें कहां जाकर ठहरेंगी। लिहाजा बुलियन मार्केट में उठाव नहीं आ रहा है। इस मामले में दिल्ली बुलियन मार्केट असोसिएशन के महासचिव श्रीकृष्ण गोयल चांदी वाला भी मानते हैं कि अभी सोने की कीमतों में और उछाल आ सकता है। उनका कहना है कि मार्केट में उठाव न होने की वजह से इस बार धनतेरस का मजा किरकिरा होता जा रहा है।

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