नई दिल्ली: पेट्रोलियम पदार्थों की बिक्री करने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की सबसे बड़ी कम्पनी इंडियन ऑयल कार्पोरेशन ने अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के रिकॉर्ड तोड़ दाम को देखते हुए घरेलू बाजार में भी पेट्रोल, डीजल के दाम बढ़ाने का आग्रह किया है।
इंडियन ऑयल अध्यक्ष सार्थक बेहुरिया ने कहा कि सरकार और तेल कम्पनियां तो बढ़ते दाम से पड़ने वाले बोझ को वहन कर रही हैं लेकिन जनता से इसकी वसूली नहीं की जा रही है। सरकारी फॉर्मूले के मुताबिक जनता से भी कुल नुकसान की एक-तिहाई घाटे की वसूली की जानी चाहिए। उल्लेखनीय है कि तेल कम्पनियों को पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस और मिट्टी तेल की घटे दाम पर बिक्री से इस साल 55,000 करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान लगाया गया है।
उन्होंने कहा कि ऐसे समय जब अंतर्राष्ट्रीय तेल कम्पनियां भारी मुनाफा कमा रही हैं और शेयर बाजार नित नए कीर्तिमान बना रहा है, घरेलू पेट्रोलियम मार्केटिंग कम्पनियां मुनाफा दर्ज करने के लिए सरकारी बॉन्ड पर निर्भर हैं और उनके शेयर मंदी में चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि इंडियन ऑयल की बाजार उधारी 28,000 करोड़ रुपए पर चल रही है, जबकि उसके सामने 12,000 करोड़ रुपए तक की योजनाएं लम्बित पड़ी हैं।
घरेलू पेट्रोलियम विपणन कम्पनियों की वर्तमान स्थिति पर खेद जताते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें ‘बॉन्ड पत्र’ नहीं बल्कि नकदी चाहिए। सरकार ने तेल कम्पनियों के नुकसान की भरपाई के लिए जो फार्मूला तैयार किया है उसमें जनता के हिस्से में भी एक-तिहाई बोझ डाला जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि वर्तमान स्थिति में इंडियन ऑयल को पेट्रोलियम उत्पादों की बिक्री से रोजाना करीब 100 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है और यदि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में दाम बढ़ने का सिलसिला जारी रहता है तो नवम्बर से दैनिक नुकसान 120 करोड़ रुपए पर पहुंच जाएगा।
बेहुरिया ने कहा कि तेल कम्पनियों को वर्तमान मूल्यों पर पेट्रोलियम उत्पादों की बिक्री से पेट्रोल पर 3.90 रुपए, डीजल पर 6.22 रुपए, मिट्टी तेल पर 15.99 रुपए प्रति लीटर और रसोई गैस सिलेंडर पर 174.17 रुपए प्रति सिलेंडर का नुकसान हो रहा है।
जिस तेजी से अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम बढ़ रहे हैं और भारतीय खरीद मूल्य में भी वृद्धि हो रही है उसे देखते हुए नवम्बर में ‘अंडर रिकवरी’ पेट्रोल पर करीब चार रुपए, डीजल पर साढ़े छह रुपए, मिट्टी तेल पर करीब साढ़े सोलह रुपए और घरेलू गैस सिलेंडर पर 200 रुपए के पार चली जाएगी।
बेहुरिया ने कहा कि कम्पनी का रिफाइनरी मार्जिन दूसरी तिमाही में करीब छह डॉलर प्रति बैरल रहा है जबकि पिछले साल इस तिमाही में यह आधा डॉलर से भी कम था। पहली छमाही में यह पिछले साल के 3.13 डॉलर के मुकाबले इस साल 8.44 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया।
कम्पनी के पाइपलाइन नेटवर्क में भी अच्छी कमाई हुई है इसके अलावा सरकार की तरफ से पहली छमाही में नुकसान की भरपाई के लिए 6,362.25 करोड़ रुपए के बॉन्ड जारी करने का भरोसा मिला है इन सबकी बदौलत कम्पनी को दूसरी तिमाही में 3,818 करोड़ रुपए का शुद्ध मुनाफा हुआ है जबकि पिछले साल उसे इस अवधि में 2,884 करोड़ रुपए का लाभ हुआ था। बॉन्ड मिलने की बदौलत यह वृद्धि 32 प्रतिशत की रही है। अप्रैल से सितम्बर की पूरी छमाही में कम्पनी का मुनाफा 25.7 प्रतिशत बढ़कर 5,286 करोड़ रुपए हो गया।
कम्पनी की दूसरी तिमाही में कुल कमाई पिछले साल के 50,357 करोड़ रुपए के मुकाबले घटकर 49,786 करोड़ रुपए रह गई। लेकिन अन्य आय के मद में 1,270 करोड़ रुपए मिलने और ब्याज अदायगी में मामूली कमी आने तथा 6,362.25 करोड़ रुपए की बॉन्ड राशि शामिल कर लिए जाने के बाद कम्पनी ने मुनाफा अर्जित कर लिया है।
बेहुरिया ने कहा कि सर्दियों का मौसम शुरू हो गया है, पेट्रोलियम उत्पादों की पूरी दुनिया में खपत बढ़ जाती है, तेल कम्पनियां अपने हिस्से का बोझ उठा रही हैं इसके बावजूद कम्पनी को इस साल 8,570 करोड़ रुपए की ‘अंडर रिकवरी’ होने का अनुमान है। कच्चे तेल के दाम बढ़ने के साथ इसमें और वृद्धि भी हो सकती है।
No comments:
Post a Comment