नई दिल्ली: दिल्ली उपभोक्ता आयोग ने आईसीआईसीआई बैंक पर कर्ज वसूली के लिए गुंडे रखने के आरोप में पचास लाख रु. का जुर्माना ठोका है। आयोग ने किस्तें जमा करने में होने वाली देरी पर कर्जदार को बार-बार परेशान करने की भी आलोचना की है। बैंक को संबंधित उपभोक्ता को पांच लाख रु. मुआवजा देने को भी कहा है। संबंधित उपभोक्ता से बैंक के रिकवरी एजेंटों ने जमकर मारपीट भी की थी।
उपभोक्ता को एक बेहद महत्वपूर्ण फैसले में उपभोक्ता आयोग ने बैंकों द्वारा वाहनों के कर्ज वसूली में दादागीरी पर नाराजगी जताई। आयोग ने यह फैसला जिस मामले में दिया है, उसमें संबंधित उपभोक्ता से बैंक के रिकवरी एजेंटों ने जमकर मारपीट भी की थी। साथ ही उसकी कर्ज पर उठाई गई कार को भी जबरन छीन लिया गया था।
आयोग के अध्यक्ष जस्टिस जेडी कपूर ने कहा कि किसी भी सुसंस्कृत समाज में जहां के कायदे-कानून हों, ऐसे व्यवहार की इजाजत नहीं दी जा सकती। आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के गुंडों को नौकरी में नहीं रखने के निर्देशों के उल्लंघन पर भी आईसीआईसीआई प्रबंधन को फटकार लगाई।
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