Wednesday 21 November, 2007

कच्चा तेल करीब 100 डॉलर

सोल- डॉलर के निम्नतम स्तर तक गिर जाने तथा अमेरिका में जाड़ों के दौरान आपूर्ति को लेकर चिंता बढ़ने के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में बुधवार को कच्चा तेल 100 डॉलर प्रति बैरल के बिल्कुल करीब पहुँच गया।

जनवरी में डेलीवरी के लिए यूएस लाइट क्रूड एक डॉलर से अधिक उछलकर 99.29 डॉलर प्रति बैरल की रिकार्ड ऊँचाई पर चला गया। मंगलवार के दाम में चार प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इससे पहले सात नवम्बर को कच्चा तेल 98.62 डॉलर प्रति बैरल की नई ऊँचाई पर पहुँच गया था।

बाद में कच्चे तेल के दाम में हल्की नरमी आई और यह 61 सेंट की बढ़त के साथ 98.64 डॉलर तक आ गया। इस साल के शुरू से अब तक इसके दाम में करीब 60 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो चुकी है। लंदन ब्रेंट 50 सेंट ऊपर 95.99 डॉलर प्रति बैरल बोला गया।

कोरिया नेशनल आयल कॉर्पोरेशन के कच्चा तेल मामलों के विश्लेषक कू जा कोन का कहना है कि कच्चे तेल के दामों में बढ़त लाजिमी है क्योंकि बाजार में सट्टेबाजी का जोर है और डॉलर कमजोर पड़ता जा रहा है। इसके अलावा जाड़ों के दौरान तेल निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) की ओर से कम आपूर्ति को लेकर चिंता व्याप्त है।

ओपेक की बैठक पाँच दिसम्बर को सऊदी अरब के रियाद में होनी है। उसमें उत्पादन बढ़ाने के बारे में चर्चा होनी है। ओपेक गत सितम्बर में पाँच लाख बैरल प्रति दिन उत्पादन बढ़ाने के लिए तैयार हो गया था लेकिन उससे भी कीमतें कम नहीं हुईं। अमेरिका चाहता है कि ओपेक उत्पादन बढ़ाए लेकिन ओपेक के अनेक सदस्यों का मानना है कि सट्टेबाजी और राजनीति के कारण तेल के दाम बढ़ रहे हैं।

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