अक्सर लोग फाइनेंशल प्लानिंग की अनदेखी करते हैं। इसकी वजह कई हो सकती हैं, लेकिन अंतत: यह आपके मजबूत आर्थिक भविष्य के लिए ठीक नहीं है।
सॉफ्टवेयर प्रफेशनल रोहित ढींगरा फाइनेंशल प्लानिंग का 'शौक' पालते हैं, लेकिन उनका यह शौक आधा-अधूरा ही है। उन्होंने कुछ साल पहले अपने दोस्तों से कई फाइनेंशल प्लानर्स के फोन नंबर लिए थे। इनमें से कुछ को फोन करने के बाद एक प्लानर से मुलाकात के लिए उन्होंने वक्त भी लिया, लेकिन तय वक्त पर रोहित फाइनेंशल प्लानर के पास पहुंचे ही नहीं। मुलाकात फिर से तय करने में उन्हें ठीक नहीं लगा, सो रोहित ने फिर उस प्लानर से बात ही नहीं की।
छह महीने बाद वह किसी दूसरे फाइनेंशल अडवाइजर से मिले। इस बार उन्होंने थोड़ी होशियारी दिखाई और अपने लिए एक फाइनेंशल प्लान तैयार किया। रोहित ने एक महीने बाद दोबारा उस प्लानर से मिलने की बात तय की। इस बीच, उन्हें दूसरे ज्यादा जरूरी काम आ गए और ऐन वक्त पर उन्हें बहन की शादी के लिए होमटाउन जाना पड़ गया। वह महीना बीत जाने के बाद फाइनेंशल प्लानिंग की बात रोहित के लिए अतीत की बात हो गई। अब एक साल बीत गया है, लेकिन रोहित का यह शौक मिटा नहीं है। उनका कहना है कि वह जल्द ही अपने लिए फाइनेंशल प्लानिंग करेंगे और इनवेस्टमेंट शुरू करेंगे। रोहित का उदाहरण इकलौता नहीं है। उनकी तरह कई लोग फाइनेंशल प्लानिंग को गंभीरता से नहीं लेते।
कल की कल देखेंगे
फाइनेंशल प्लानिंग को लोग आखिर गंभीरता से क्यों नहीं लेते हैं? एक सर्टिफाइड फाइनेंशल प्लानर के मुताबिक ज्यादातर मामलों में इसकी वजह आलस्य है। वह बताते हैं, 'जब तक कोई क्राइसिस सामने नहीं आ जाए, तब तक लोग आम तौर पर फाइनेंशल प्लानिंग करते ही नहीं। यही वजह है कि कई लोग तब तक हेल्थ पॉलिसी भी नहीं खरीदते, जब तक कि उन्हें ऐसी पॉलिसी नहीं होने का खमियाजा नहीं भुगतना पड़ जाता।' फाइनेंशल प्लानिंग को लेकर लोगों की निष्क्रियता की एक वजह यह भी है कि वे यह मान कर चलते हैं कि भविष्य के बारे में सोचने के लिए उनके पास पर्याप्त वक्त है।
क्या कमी है, जो प्लान करें
फाइनेंशल अडवाइजर्स की राय में फाइनैंस के मामले में प्लानिंग से लोगों के दूर रहने की एक वजह यह भी है कि कई लोग यह मान कर चलते हैं कि ऐसा करना अमीर लोगों के लिए जरूरी है, जिनके पास काफी पैसा है। आम धारणा है कि कम पैसे वाले लोगों के लिए फाइनेंशल प्लानिंग की जरूरत ही नहीं है। एक्सपर्ट्स ऐसा नहीं मानते। उनकी राय में ऐसा सोचने वालों को यह महंगा पड़ सकता है। एक म्यूचुअल फंड मैनेजर बताते हैं, 'मैं जब भी किसी इनवेस्टर कैंप में जाता हूं, तो मुझे यह देखकर बड़ी हैरानी होती है कि वहां ज्यादातर लोग इसी मत के होते हैं कि फाइनेंशल प्लानिंग की जरूरत केवल अमीर लोगों को है। सच तो यह है कि अगर आपके पास पर्याप्त पैसा नहीं है, तो भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए प्लानिंग की खास जरूरत है।'
एक्सपर्ट होने की जरूरत नहीं
फाइनेंशल प्लानिंग से आम लोगों के दूर रहने की एक वजह यह भी हो सकती है कि लोग यह मानते हैं कि इसके लिए फाइनेंशल मामलों का जानकार होना जरूरी है। फाइनेंशल प्लानर्स भी ऐसा मानते हैं कि लोग समझते हैं कि उन्हें फाइनेंशल मामलों की जानकारी नहीं होने के चलते एक्सपर्ट के सामने शर्मिंदगी महसूस होगी और इस वजह से वे प्रफेशनल एक्सपर्ट्स की मदद लेने से हिचकते हैं। सच तो यह है कि ऐसी सोच का कोई आधार ही नहीं है। आखिर आप एक्सपर्ट की जानकारी का इस्तेमाल करने के लिए ही तो उसकी सेवाएं ले रहे हैं और बदले में उसे पैसे दे रहे हैं। इसलिए फाइनेंशल प्लानिंग के लिए आपका एक्सपर्ट होना जरूरी नहीं है, बल्कि फाइनेंशल प्लानिंग और इनवेस्टमेंट का महत्व समझना जरूरी है।
शुरुआत आज से ही
कारण जो भी हो, कुल मिलाकर यह समझना जरूरी है कि फाइनेंशल प्लानिंग की अनदेखी करना ठीक नहीं है। इसलिए शुरुआत अभी से कर देनी चाहिए- प्रफेशनल एक्सपर्ट की मदद लेकर या अपने दम पर। अगर प्रफेशनल फाइनेंशल प्लानर का चयन करना हो, तो दोस्तों-परिचितों की सलाह ली जा सकती है। दो-तीन एक्सपर्ट्स से मुलाकात कर उनकी साख, कार्यशैली आदि के बारे में जानकारी हासिल कर तुलनात्मक दृष्टि से अंतिम नतीजे पर पहुंचा जा सकता है।
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