इंश्योरेंस टिप्सकान के तहत वीइकल का इंश्योरेंस कराना अनिवार्य तो है ही, लेकिन वीइकल की सुरक्षा के लिहाज से भी यह महत्वपूर्ण है। वीइकल को हादसे से हुए नुकसान या इसके चोरी हो जाने पर इंश्योरेंस क्लेम के जरिए आप क्षतिपूर्ति कर सकते हैं। इंश्योरेंस कंपनी से क्लेम लेने के लिए उठाए जाने वाले कुछ जरूरी कदम:
दुर्घटना या वीइकल चोरी हो जाने की स्थिति में इंश्योरेंस कंपनी को तत्काल इस बारे में बता देना चाहिए। कहने का मतलब है कि आप क्लेम जल्दी से जल्दी फाइल कर दें।
आपने जहां इंश्योरंस पॉलिसी खरीदी है, वहां से दूर, किसी दूसरे शहर में हादसा हो गया, तो इंश्योरेंस कंपनी के सबसे नजदीक के ऑफिस में क्लेम कीजिए। हादसे में वीइकल को हुए नुकसान की भरपाई के लिए क्लेम किए जाने की स्थिति में ज्यादातर इंश्योरेंस कंपनियां 'स्पॉट सवेर्' करती हैं। अगर दुर्घटना गंभीर है, तब तो यह और ज्यादा जरूरी हो जाता है। इसलिए हादसे के तत्काल बाद कंपनी को इस बारे में जानकारी देना जरूरी है, ताकि कंपनी जितनी जल्दी हो सके, स्पॉट सवेर् कर ले। इससे क्लेम लेने में आसानी रहती है।
अगर किसी हादसे में आपके वीइकल को नुकसान पहुंचा हो, तो इसे मरम्मत कराने के लिए अथॉराइज्ड सर्विस सेंटर पर ले जाना होता है। वीइकल कंपनी के अथॉराइज्ड सर्विस सेंटर के मैकेनिक से मरम्मत पर आने वाले अनुमानित खर्च (एस्टिमेट) की जानकारी ले लें। यह एस्टिमेंट इंश्योरेंस कंपनी में क्लेम फॉर्म के साथ जमा करना होता है। क्लेम फॉर्म पूरी तरह भर कर इंश्योरेंस कंपनी के दफ्तर में जमा कराएं। इसके बाद इंश्योरेंस कंपनी आपके केस की तहकीकात के लिए सर्वेयर बहाल करता है। क्लेम का निपटारा जल्दी कराने के लिए इंश्योरेंस कंपनी को तमाम दस्तावेज (मसलन एफआईआर की कॉपी, चालान वगैरह) तत्काल उपलब्ध करा दें।
सर्वेयर वर्कशॉप जाकर आपके वीइकल की हालत देखेगा और उसी आधार पर क्लेम की रकम तय की जाएगी। इस बात का ध्यान रखें कि जब तक सर्वेयर आपके क्षतिग्रस्त वीइकल का जायजा नहीं ले ले, उसकी मरम्मत का काम शुरू मत कराएं। सर्वेयर को दिए जाने वाले जरूरी कागजात में इंश्योरेंस पॉलिसी की एक कॉपी, ड्राइविंग लाइसेंस और वीइकल रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट की एक कॉपी शामिल हैं। जब वीइकल की मरम्मत से आप अपनी ओर से संतुष्ट हो जाएं, तो एक बार फिर इंश्योरेंस कंपनी को इत्तला कर दें।
हो सकता है कि कंपनी एक बार फिर वीइकल का जायजा लेना चाहे। मरम्मती के बाद इंश्योरेंस कंपनी के पास बिल की ओरिजिनल कॉपी, कैश मेमो, बिल पे करने का सबूत (रसीद) आदि कागजात जमा करा दें, ताकि आपके क्लेम का निपटारा जल्दी हो सके।जब आपका क्लेम अप्रूव हो जाए, तो वीइकल के खराब पुर्जे (जो बदले गए हैं) वगैरह इंश्योरेंस कंपनी के पास जमा करा दें। ऐसा नहीं करने पर कंपनी आपके द्वारा क्लेम की गई राशि में कटौती कर सकती है।
वीइकल चोरी होने की स्थिति में तत्काल एफआईआर कराएं। इसकी जानकारी इंश्योरेंस कंपनी और आरटीओ को भी दे दें। म्यूनिसिपल अथॉरिटी को भी चोरी की लिखित जानकारी दे दें और उनके रिकॉर्ड में इसे दर्ज करा दें, ताकि बाद में किसी तरह के जुर्माने से बचा जा सके।
पुलिस से इनवेस्टिगेशन रिपोर्ट लेकर उसे इंश्योरेंस कंपनी के पास जमा कराएं। गाड़ी की चाबी भी कंपनी को सौंप दें। कंपनी आपसे इंश्योरेंस पॉलिसी की ओरिजिनल कॉपी भी मांगेगी। क्लेम का निपटारा हो जाने के बाद रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट को इंश्योरेंस कंपनी के नाम ट्रांसफर करना होता है। अगर वीइकल किसी ने बंधक बना रखी है या जब्त कर ली है, तो इस स्थिति में फाइनैंसर से 'नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट' लेना होता है। यह सर्टिफिकेट नहीं लिया गया है तो क्लेम की रकम वीइकल फाइनैंस करने वाले को मिल जाती है।
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