नई दिल्ली। देश का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) इस वर्ष जनवरी में पिछले वर्ष की इसी अवधि के 11.6 प्रतिशत की तुलना में गिरकर 5.3 प्रतिशत रह गया है।
अर्थशास्त्रियों का मानना है कि आईआईपी में गिरावट उत्पादन घटना अर्थव्यवस्था के मंद पड़ने का संकेत है। चालू वित्तीय वर्ष में अप्रैल से जनवरी तक का आईआईपी 8.7 प्रतिशत रहा है।
भारी वस्तुओं का उत्पादन बुरी तरह से प्रभावित रहा है और जनवरी में उनकी वृद्धि 2.1 प्रतिशत रह गई जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह 16.3 प्रतिशत थी। उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं का उत्पादन भी पिछले वर्ष की जनवरी के 5.3 प्रतिशत के मुकाबले इस वर्ष इसी माह में 3.1 प्रतिशत हो गया।
उपभोक्ता वस्तुओं की वृद्धि सात प्रतिशत रह गई जबकि पिछले वर्ष जनवरी में यह 8.2 प्रतिशत थी।
खदानों में भी उत्पादन जनवरी में 1.8 प्रतिशत रह गया जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह 7.7 प्रतिशत था। बिजली का उत्पादन भी पिछले वर्ष के मुकाबले पांच प्रतिशत घटकर 3.3 प्रतिशत रह गया। पिछले वर्ष जनवरी में यह 8.3 प्रतिशत था।
उपभोक्ता गैर टिकाऊ वस्तुओं के उत्पादन में हालांकि वृद्धि दर्ज की गई। यह इस वर्ष जनवरी में 10.1 प्रतिशत रहा जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह 9.1 प्रतिशत था।
अर्थशास्त्रियों का मानना है कि आईआईपी में गिरावट उत्पादन घटना अर्थव्यवस्था के मंद पड़ने का संकेत है। चालू वित्तीय वर्ष में अप्रैल से जनवरी तक का आईआईपी 8.7 प्रतिशत रहा है।
भारी वस्तुओं का उत्पादन बुरी तरह से प्रभावित रहा है और जनवरी में उनकी वृद्धि 2.1 प्रतिशत रह गई जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह 16.3 प्रतिशत थी। उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं का उत्पादन भी पिछले वर्ष की जनवरी के 5.3 प्रतिशत के मुकाबले इस वर्ष इसी माह में 3.1 प्रतिशत हो गया।
उपभोक्ता वस्तुओं की वृद्धि सात प्रतिशत रह गई जबकि पिछले वर्ष जनवरी में यह 8.2 प्रतिशत थी।
खदानों में भी उत्पादन जनवरी में 1.8 प्रतिशत रह गया जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह 7.7 प्रतिशत था। बिजली का उत्पादन भी पिछले वर्ष के मुकाबले पांच प्रतिशत घटकर 3.3 प्रतिशत रह गया। पिछले वर्ष जनवरी में यह 8.3 प्रतिशत था।
उपभोक्ता गैर टिकाऊ वस्तुओं के उत्पादन में हालांकि वृद्धि दर्ज की गई। यह इस वर्ष जनवरी में 10.1 प्रतिशत रहा जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह 9.1 प्रतिशत था।
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