सोने और चांदी के दाम में गुरुवार को सबसे बड़ी गिरावट आई। समाचार एजेंसी एनएनएस के मुताबिक, यहां के सर्राफा बाजार में सोना 1060 रुपये गिरकर 12,050 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। चांदी 2300 रुपये कम होकर 22,500 रुपये प्रति किलोग्राम रह गई। लेकिन देश में शादी का मौसम अब खत्म होने के कगार पर है और सोने की खरीदारी वैसे भी कम है।
भारत हर साल करीब 800 टन सोने का आयात करता है, जो विश्व की कुल खपत का 20 फीसदी है। ऐसे में यहां के भावों पर विश्व बाजार का असर पड़ा। लंदन में सोने के भाव गिरकर 905 डॉलर प्रति औंस पर आ गए, जबकि 17 मार्च को इसका भाव 1,033 डॉलर था। सोने की यह हालत उन खबरों के बाद हुई, जिनमें कहा गया था कि डॉलर मजबूत होने के कारण लंदन में सोने के साप्ताहिक भाव में 25 साल की सबसे बड़ी गिरावट होने वाली है। इसके बाद सटोरियों ने बिकवाली तेज कर दी।
एनएनएस के मुताबिक, अभी शादी-ब्याह का सीजन खुलने में तीन सप्ताह लगेंगे। कुछ एजेंटों का कहना है कि अगर भाव 11-12 हजार रुपये के दायरे में आकर स्थिर हो तो सोने की हाजिर मांग बढ़ सकती है। फिलहाल मांग कम है। मुंबई में पांच कंपनियों के ईटीएफ सौदे (म्युचुअल फंड की तरह सोने का सौदा) होने पर भी कुल मांग मात्र चार-साढ़े चार टन बताई गई। वैसे भी म्युचुअल फंड में निवेश के लिए पैन कार्ड होना जरूरी है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मुताबिक, देश में लगभग 15 हजार टन सोना जेवर आदि के रूप में लोगों के पास जमा है। ऐसे में पुराने सोने से काम चल जाता है। महंगे हो चुके नए सोने की मांग कम है।
अब चांदी की बात। लंदन में चांदी शुरू में 1995 से फिसलकर सुबह 1780 सेंट प्रति औंस रही। ऐसे में यहां सर्राफा बाजार में सुबह चांदी के भाव 24,800 रुपये से लुढ़ककर 22 हजार रुपये की रंगत में रहे। बाद में विदेशी भाव 1815 सेंट हुए तो विलायती चांदी 23 हजार रुपये प्रति किलो हो गई। भाव में घट-बढ़ को देखते हुए चांदी में कारोबार नगण्य रहा। बुधवार को भी विदेशी चांदी की आवक नहीं हुई। पुराने माल की सप्लाई भी 2000 की बजाय 500 किलो रह गई।
भारत हर साल करीब 800 टन सोने का आयात करता है, जो विश्व की कुल खपत का 20 फीसदी है। ऐसे में यहां के भावों पर विश्व बाजार का असर पड़ा। लंदन में सोने के भाव गिरकर 905 डॉलर प्रति औंस पर आ गए, जबकि 17 मार्च को इसका भाव 1,033 डॉलर था। सोने की यह हालत उन खबरों के बाद हुई, जिनमें कहा गया था कि डॉलर मजबूत होने के कारण लंदन में सोने के साप्ताहिक भाव में 25 साल की सबसे बड़ी गिरावट होने वाली है। इसके बाद सटोरियों ने बिकवाली तेज कर दी।
एनएनएस के मुताबिक, अभी शादी-ब्याह का सीजन खुलने में तीन सप्ताह लगेंगे। कुछ एजेंटों का कहना है कि अगर भाव 11-12 हजार रुपये के दायरे में आकर स्थिर हो तो सोने की हाजिर मांग बढ़ सकती है। फिलहाल मांग कम है। मुंबई में पांच कंपनियों के ईटीएफ सौदे (म्युचुअल फंड की तरह सोने का सौदा) होने पर भी कुल मांग मात्र चार-साढ़े चार टन बताई गई। वैसे भी म्युचुअल फंड में निवेश के लिए पैन कार्ड होना जरूरी है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मुताबिक, देश में लगभग 15 हजार टन सोना जेवर आदि के रूप में लोगों के पास जमा है। ऐसे में पुराने सोने से काम चल जाता है। महंगे हो चुके नए सोने की मांग कम है।
अब चांदी की बात। लंदन में चांदी शुरू में 1995 से फिसलकर सुबह 1780 सेंट प्रति औंस रही। ऐसे में यहां सर्राफा बाजार में सुबह चांदी के भाव 24,800 रुपये से लुढ़ककर 22 हजार रुपये की रंगत में रहे। बाद में विदेशी भाव 1815 सेंट हुए तो विलायती चांदी 23 हजार रुपये प्रति किलो हो गई। भाव में घट-बढ़ को देखते हुए चांदी में कारोबार नगण्य रहा। बुधवार को भी विदेशी चांदी की आवक नहीं हुई। पुराने माल की सप्लाई भी 2000 की बजाय 500 किलो रह गई।
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