सेबी ने देश के सभी संस्थागत निवेशकों को 21 अप्रैल से ‘शॉर्ट सेलिंग’ करने की मंजूरी दे दी है। अब तक सिर्फ खुदरा निवेशक, एचएनआई (बड़ी पूंजी वाले निवेशक) और विदेशी संस्थागत निवेशक ही बाजार में शॉर्ट सेलिंग करते थे। लेकिन म्युचुअल फंड और दूसरे संस्थागत निवेशकों को इसकी इजाजत नहीं थी।
सेबी ‘पी-नोट्स’ पर पुनः विचार करेगी?
पिछले साल दिसम्बर में सेबी ने इस मामले पर एक नीति बनाई थी। शॉर्ट सेलिंग के अलावा 21 अप्रैल से ही बाजार के सभी खिलाड़ियों को ‘स्टॉक लेंडिंग’ (स्टॉक उधार देना) और ‘स्टॉक बॉरोइंग’ (स्टॉक उधार लेना) को लागू करने की भी मंजूरी दे दी गई है।
सेबी ‘पी-नोट्स’ पर पुनः विचार करेगी?
पिछले साल दिसम्बर में सेबी ने इस मामले पर एक नीति बनाई थी। शॉर्ट सेलिंग के अलावा 21 अप्रैल से ही बाजार के सभी खिलाड़ियों को ‘स्टॉक लेंडिंग’ (स्टॉक उधार देना) और ‘स्टॉक बॉरोइंग’ (स्टॉक उधार लेना) को लागू करने की भी मंजूरी दे दी गई है।
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