नई दिल्ली। देश में वर्ष 2009-10 तक हवाई यात्रा करने वालों की संख्या में 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष वार्षिक वृद्धि के मद्देनजर सरकारी उड्डयन कम्पनी इंडियन ने वायुयानों की खरीद के लिए अगले वित्त वर्ष में चार अरब डॉलर जुटाने की योजना बनाई है।
इंडियन एयरलाइंस ने लगभग 480 नए विमानों के लिए ऑर्डर दिया है और इसके वर्ष 2012 तक आपूर्ति किए जाने की उम्मीद है। इंडियन एयरलाइंस के पास फिलहाल 300 विमानों का बेड़ा है जो इस क्षेत्र की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए नाकाफी है।
‘अर्नस्ट एंड यंग’ ने एक रिपोर्ट में कहा है कि देश में अर्थव्यवस्था के तेजी से विकास के कारण हवाई यात्रा का चलन बढ़ रहा है और एक अरब 30 करोड़ रुपए की आबादी की आवश्यकता पूरी करने के लिए उड्डयन क्षेत्र को अपनी क्षमता बढ़ानी होगी।
अपेक्षाकृत कम किराए वाली इंडियन को बाजार में बड़ा हिस्सा मिलने की उम्मीद है। देश में वायु यात्रा का बाजार वर्ष 2010 में 70 प्रतिशत बढ़ जाएगा जिसमें 44 प्रतिशत हिस्सा घरेलू यात्रियों का होगा। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस चुनौती को पूरा करने में इंडियन के लिए तर्कसंगत किराया और संचालन की योग्यता महत्वपूर्ण होगी।
रिपोर्ट के आंकलन के अनुसार चालू वर्ष में इंडियन का घाटा ईंधन की कीमत और संचालन की लागत बढ़ने के कारण 70 करोड़ डॉलर होगा। जबकि आगामी वर्षों में इसके कम होने की सम्भावना है। पहले इसका अंदाजा 75 करोड़ डॉलर का लगाया गया था लेकिन अब यह 40 से 50 करोड़ डॉलर तक गिर सकता है।
इंडियन एयरलाइंस ने लगभग 480 नए विमानों के लिए ऑर्डर दिया है और इसके वर्ष 2012 तक आपूर्ति किए जाने की उम्मीद है। इंडियन एयरलाइंस के पास फिलहाल 300 विमानों का बेड़ा है जो इस क्षेत्र की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए नाकाफी है।
‘अर्नस्ट एंड यंग’ ने एक रिपोर्ट में कहा है कि देश में अर्थव्यवस्था के तेजी से विकास के कारण हवाई यात्रा का चलन बढ़ रहा है और एक अरब 30 करोड़ रुपए की आबादी की आवश्यकता पूरी करने के लिए उड्डयन क्षेत्र को अपनी क्षमता बढ़ानी होगी।
अपेक्षाकृत कम किराए वाली इंडियन को बाजार में बड़ा हिस्सा मिलने की उम्मीद है। देश में वायु यात्रा का बाजार वर्ष 2010 में 70 प्रतिशत बढ़ जाएगा जिसमें 44 प्रतिशत हिस्सा घरेलू यात्रियों का होगा। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस चुनौती को पूरा करने में इंडियन के लिए तर्कसंगत किराया और संचालन की योग्यता महत्वपूर्ण होगी।
रिपोर्ट के आंकलन के अनुसार चालू वर्ष में इंडियन का घाटा ईंधन की कीमत और संचालन की लागत बढ़ने के कारण 70 करोड़ डॉलर होगा। जबकि आगामी वर्षों में इसके कम होने की सम्भावना है। पहले इसका अंदाजा 75 करोड़ डॉलर का लगाया गया था लेकिन अब यह 40 से 50 करोड़ डॉलर तक गिर सकता है।
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