अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मंदी की वजह से ढेर सारे लोगों की नौकरियां जा रही हैं। लेकिन भारतीय कम्पनी टीसीएस ने अमेरिका में अपना सबसे बड़ा परिसर (कैम्पस) खोला है जिसमें एक हजार से ज्यादा लोगों को नौकरी मिलेगी।
टीसीएस का हैदराबाद में दूसरा परिसर शुरू
टीसीएस के नए परिसर का उद्घाटन करते हुए ओहायो के गवर्नर टेड स्ट्रीकलैंड खासे खुश नजर आएं। वजह भी साफ है, मंदी ने उनके राज्य के कई लोगों को बेरोजगार कर दिया। लेकिन अब इस परिसर से एक हजार लोगों को नौकरी मिलेगी जो उनके लिए थोड़ी राहत की बात तो जरुर है।
सेवन हिल्स पार्क कैम्पस बनाने में टीसीएस ने 2 करोड़ डॉलर (करीब 81 करोड़ रुपए) खर्च किए हैं और ओहायो सरकार से कम्पनी को इतनी ही राशि की कर छूट भी मिल रही है और अभी तक कम्पनी पर अमेरिकी अर्थव्यवस्था की मंदी का खास असर नहीं पड़ा है।
टीसीएस से 500 कर्मचारियों की छंटनी
टीसीएस इस परिसर के जरिए उत्तरी अमेरिका के ग्राहकों को सेवा देगी। खासकर नीलसन, जिसके साथ कम्पनी ने पिछले साल एक अरब बीस करोड़ डॉलर (करीब 4,800 करोड़ रुपए) के आउटसोर्सिंग का सौदा किया है। टीसीएस को उम्मीद है कि इस परिसर से न सिर्फ नौकरी के मौके पैदा होंगे बल्कि अमेरिका जैसे बड़े बाजार में उनके कारोबारी रिश्ते भी मजबूत होंगे।
टीसीएस का हैदराबाद में दूसरा परिसर शुरू
टीसीएस के नए परिसर का उद्घाटन करते हुए ओहायो के गवर्नर टेड स्ट्रीकलैंड खासे खुश नजर आएं। वजह भी साफ है, मंदी ने उनके राज्य के कई लोगों को बेरोजगार कर दिया। लेकिन अब इस परिसर से एक हजार लोगों को नौकरी मिलेगी जो उनके लिए थोड़ी राहत की बात तो जरुर है।
सेवन हिल्स पार्क कैम्पस बनाने में टीसीएस ने 2 करोड़ डॉलर (करीब 81 करोड़ रुपए) खर्च किए हैं और ओहायो सरकार से कम्पनी को इतनी ही राशि की कर छूट भी मिल रही है और अभी तक कम्पनी पर अमेरिकी अर्थव्यवस्था की मंदी का खास असर नहीं पड़ा है।
टीसीएस से 500 कर्मचारियों की छंटनी
टीसीएस इस परिसर के जरिए उत्तरी अमेरिका के ग्राहकों को सेवा देगी। खासकर नीलसन, जिसके साथ कम्पनी ने पिछले साल एक अरब बीस करोड़ डॉलर (करीब 4,800 करोड़ रुपए) के आउटसोर्सिंग का सौदा किया है। टीसीएस को उम्मीद है कि इस परिसर से न सिर्फ नौकरी के मौके पैदा होंगे बल्कि अमेरिका जैसे बड़े बाजार में उनके कारोबारी रिश्ते भी मजबूत होंगे।
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