Wednesday 5 September, 2007

गेहूं आयात का फैसला किसानों से दगा: भाजपा

नई दिल्ली। आंतरिक सुरक्षा के अलावा महंगाई और किसानों से जुड़े मुद्दों पर संप्रग सरकार को कठघरे में खड़ा कर रही भाजपा के हाथ एक और मुद्दा लग गया है। यह मुद्दा फिर से कृषि एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री शरद पवार के मंत्रालय ने दिया है।
भाजपा ने पहले ही गेहूं आयात में घपले का आरोप लगाते हुए संप्रग सरकार पर सीबीआई जांच का दबाव बनाया था।इस बीच मंत्रालय ने पहले से भी ज्यादा दामों पर विदेशी गेहूं खरीदने का फैसला कर लिया है। इसके लिए सरकार भारतीय किसानों की तुलना में विदेशियों को दोगुनी कीमत देगी। भाजपा ने इसे केंद्र सरकार की दिनदहाड़े लूट बताते हुए भारतीय किसानों के साथ घात बताया है।
गौरतलब है कि केंद्र ने अभी 390 डालर प्रति मीट्रिक टन के हिसाब से गेहूं आयात को मंजूरी दी है। मतलब भारतीय किसानों को गेहूं के लिए जहां 850 रुपये प्रति क्विंटल मिलता है, वहीं विदेशी किसानों को सरकार 1600 रुपये के हिसाब से भुगतान करेगी। पहले भी गेहूं आयात में घपले का आरोप लगाने वाले भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जावडे़कर ने सरकार के नए कदम को 'व्हीटगेट' कांड का नाम दिया और कहा कि किसान अपने साथ हुए इस घात के लिए केंद्र को माफ नहीं करेगा।
जावड़ेकर ने याद दिलाया कि जून में इस सरकार ने 263 डालर के हिसाब से प्रति मीट्रिक टन गेहूं आयात करने का टेंडर यह कहते हुए खारिज कर दिया कि दाम बहुत ज्यादा है। इसके ठीक 10 दिन बाद सरकार ने 325 डालर प्रति मीट्रिक टन के लिहाज से 5.7 लाख टन गेहूं आयात का फैसला कर लिया। सरकार के पास इस विचित्र फैसले का कोई जवाब नहीं था। उसका हर तर्क साफ इशारा कर रहा है कि इस पूरे सौदे में बड़ी घपलेबाजी हुई है।
सरकार ने 390 डालर प्रति मीट्रिक टन के हिसाब से आठ लाख टन गेहूं आयात को हरी झंडी दे दी है। जावडे़कर ने कहा कि यह दिनदहाड़े डकैती है। सरकार ने 263 डालर प्रति मीट्रिक टन के हिसाब से सौदे को मंहगा बताते हुए रद करने पर कई तर्क दिए थे। जावड़ेकर ने कहा, भाजपा ने उसी समय मंहगा आयात करने के मामले में प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की मांग की थी, लेकिन सरकार के कान पर अब तक जूं नहीं रेंगी।
भाजपा प्रवक्ता ने सवाल उठाया कि आखिर सरकार अपने इस फैसले के पक्ष में क्या तर्क दे सकती है? विदेशी किसानों को दूने दाम देना भारतीय किसानों के साथ अन्याय तो है ही और उनका अपमान भी। जावड़ेकर ने कहा कि 'भारतीय किसान सिर्फ 1100 रुपये के हिसाब से भुगतान की मांग कर रहे हैं। उन्हें सरकार यह दाम नहीं दे रही, लेकिन विदेशी किसानों को 1600 रुपये की दर से भुगतान करने को राजी है।' उन्होंने सतर्कता एजेंसियों और अदालत से अपील की कि वे स्वत: इस मामले का संज्ञान लेकर सरकार का घपला उजागर करें, क्योंकि वह विपक्ष की सीबीआई जांच की मांग को स्वीकार नहीं कर रही। भाजपा प्रवक्ता ने इस मुद्दे पर देशव्यापी आंदोलन का एलान किया।

1 comment:

Anonymous said...

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