Monday, 24 September 2007

रुपये की मजबूती बनी प्रवासी भारतीयों की मुश्किल

दुबई : रुपये की मजबूती कइयों के लिए परेशानी का सबब बन गई है। प्रवासी भारतीय भी इसकी गिरफ्त में हैं। रुपये के मुकाबले डॉलर के कमजोर होने से कतर की मुदा रीयाल भी रुपये के सामने पानी भरने लगी है। इसने यहां नौकरी करने वाले भारतीयों की दिक्कतें बढ़ा दी हैं। ऐसे लोग घर पैसे भेजते हैं। इसके लिए उन्हें रीयाल को बेचकर रुपये में तब्दील करना पड़ता है। रुपये की मजबूती के चलते उन्हें रीयाल बदले कम रुपये हासिल हो रहे हैं। जाहिर है ऐसे लोगों द्वारा घर भेजे जाने वाले पैसे में कमी आ रही है।

यहां स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) के लिए मनी एक्सचेंज का काम करने वाली एजेंसी ट्रस्ट एक्सचेंज के जनरल मैनेजर ब्रह्मा राव ने बताया - यहां रुपये की मजबूती का रिमिटेंस पर कितना असर पड़ा है, इसका पूरा आंकड़ा इस महीने के आखिर तक मिल पाएगा। पर इतना तो यह है कि इसने रिमिटेंस पर बुरा असर डाला है। रिमिटेंस वह पैसा है जो प्रवासी भारतीय अपने घर भेजते हैं।

दरअसल, डॉलर गुरुवार को 40 रुपये से भी नीचे आ गया था। इस वजह से रीयाल भी रुपये के सामने कमजोर हो गया है। शुक्रवार को एक रीयाल की कीमत महज 10.88 रुपये रह गई। हाल तक इसकी कीमत 11 रुपये थी और 5 साल पहले 13.54 रुपये।

गौरतलब है कि रुपये की मजबूती की वजह से भारत एक्सपोर्टर भी खासे परेशान हैं। एक्सपोर्टरों का कहना है कि उनके ज्यादातर पेमेंट डॉलर में होते हैं। डॉलर के कमजोर होने से उनके मुनाफे पर बुरा असर पड़ रहा है।

1 comment:

Anonymous said...

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