Saturday 1 March, 2008

कच्चा तेल ऐतिहासिक ऊंचाई पर

सिंगापूर। इक्वाडोर में प्रमुख तेल पाइपलाइन बंद होने और यूरोप के प्रमुख बिजलीघरों को प्राकृतिक गैस भेजने वाले संयंत्र में आग लगने के कारण आज कच्चे तेल के दाम ऐतिहासिक ऊंचाई 103.05 डॉलर प्रति बैरल को छूते हुए 102.55 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गए।


सुबह कच्चे तेल की कीमतों की उछाल रिकॉर्ड 103.05 डॉलर प्रति बैरल तक गई जबकि बाद में 4 सेंट कम होकर 102.55 डॉलर प्रति बैरल पर टिक गई। इससे पहले कच्चे तेल के दाम वर्ष 1980 में ईरानी क्रांति के बाद 102.53 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गए थे।

लंदन ब्रेंट क्रूड छह सेंट घटकर 100.84 डॉलर प्रति बैरल बोले गए।

कच्चे तेल में यह तेजी तेल निर्यातक राष्ट्र संगठन (ओपेक) की अगले सप्ताह होने वाली बैठक से ठीक पहले आई है। बैठक में ज्यादातर सदस्य कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ाने के हक में नहीं हैं। उनका तर्क है कि बाजार में पर्याप्त तेल उपलब्ध है।


इक्वाडोर में प्रशांत महासागर के बंदरगाहों को जोड़ने वाली पाइपलाइन लीकेज के कारण बंद कर दी गई है। हालांकि सम्बद्ध कम्पनी ने कहा है कि तेल आपूर्ति के लिए अन्य पाइपलाइनों का इस्तेमाल किया जाएगा।

तेल के दाम बढ़ने का एक कारण इंग्लैंड के नोरफोक इलाके में बेक्टन शैल के एक प्राकृतिक गैस संयंत्र को आग लग जाने के कारण बंद किया जाना भी है। इससे साढ़े चार करोड़ घनमीटर की गैस आपूर्ति रूक गई है। इससे ब्रिटेन के बिजली घरों की कुल जरुरत की 13 प्रतिशत गैस की आपूर्ति की जाती है।


अमरीकी ऊर्जा मंत्री सैम बोडमेन ने कहा है कि ओपेक को तेल की बढ़ती कीमतों को देखते हुए इसका उत्पादन बढ़ाना चाहिए जबकि वेनेजुएला के तेल मंत्री राफील रामीरेज ने कहा है कि इसकी जरूरत नहीं है। गौरतलब है कि अमेरिका में कच्चे तेल का भंडार पिछले सप्ताह भी लगातार सातवें सप्ताह बढ़ा जबकि गैसोलीन का भंडार पिछले 14 वर्ष के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है।

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