Friday, 29 February 2008

वित्तमंत्री ने बजट-2008 पेश किया

बजट प्रस्तुत कर रहे हैं। उनके बजट अभिभाषण की महत्वपूर्ण बातें-


-वर्ष 2007-08 में आर्थिक वृद्धि दर 8.7 प्रतिशत रहेगी।

-पिछले चार साल में औसत विकास दर 8.8 फीसदी।

-कृषि विकास दर 2.2 फीसदी।

-पूंजी अंतर्वाह जरुरत से ज्यादा हो रहे हैं।

-महंगाई को काबू करना हमारी प्रथमिकता। खाद्य में आत्मनिर्भरता होंगे।

-गेहूं की पैदावार 2192.33 करोड़ टन।

-चावल की पैदावर 948 करोड़ टन रही है।

-कृषि के विकास के लिए कई योजनाएं लाई जाएंगी।

-कृषि वृद्धि दर निराशाजनक।

-मिडडे मिल से 11.4 करोड़ बच्चों को फायदा।

-शिक्षा पर खर्च 20 फीसदी बढ़ेगा।

-भारत निर्माण: हर रोज 42 गांवों में बिजली पहुंच रही है।

-भारत निर्माण: हर रोज 52 गांवों में टेलीफोन सुविधा पहुंच रही है।

-11वीं पंचवर्षीय: दूसरे वर्ष में सकल बजटीय 2,43,386 करोड़ रुपए तक पहुंची।

-शिक्षा बजट प्रावधान में 20 फीसदी की बढ़त, 34,400 करोड़ तक पहुंची।

-नए मॉडल स्कूल कार्यक्रम के तहत 6,000 उच्चस्तरीय विद्यालय स्थापित होंगे।

-410 अतिरिक्त कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय स्थापित होंगे।

-अनुसूचित जाति जनजातियों के लिए 20 जिलों में नवोदय विद्यालय।

वित्तमंत्री ने अपने बजट अभिभाषण में कहा है कि इस साल कृषि विकास दर 2.6 रहने का अनुमान है। कृषि उत्पादन अपने उच्चतम स्तर पर है।

उन्होंने संसद में अपने अभिभाषण में आगे बताया कि-

- भारत निर्माण पर 31,280 करोड़ रुपए खर्च करेगा।

- सकल बजटीय सहायता 2,43,386 करोड़ टन।

- 2008-09 में कृषि के लिए सब्सिडी 2,43,386 करोड़ रुपए।

- 11वीं पंजवर्षीय योजना में रिकॉर्ड तोड़ वृद्धि।

- सेवा क्षेत्र की विकास दर 10.7 फीसदी रहेगी।

- निर्माण क्षेत्र 9.4 फीसदी की दर से बढ़ेगी।

- ग्रामीण रोजगार योजना अब पूरे देश में चलेगी।

- शहरी नवीनीकरण पर 6,866 करोड़ रुपए खर्च होंगे।

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