नई दिल्ली: रिलायंस पावर के लिए सोमवार को पहले 60 सेकंड अहम होंगे। शेयर प्राइस को 450 रुपये के ऑफर प्राइस से ऊपर रखना चुनौती होगी। आईपीओ में इन्वेस्ट करने वालों को वाजिब मुनाफा भी देना होगा। एक ब्रोकर का कहना था कि बाजार की मौजूदा स्थिति को देखते हुए यह मुश्किल भरा हो सकता है।
तेजड़ियों का कहना है कि करीब 90 फीसदी हिस्सा प्रोमोटर्स के हाथ में है, इसलिए बिकवाली का दबाव नहीं देखे जाने की उम्मीद है। एफआईआई दूसरे बड़े निवेशक (करीब 4.5 फीसदी) हैं। लेकिन वे भी तब तक बेचने के मूड में नहीं आएंगे, जब तक बढ़िया प्रीमियम न मिले। उन्हें अलॉटमेंट में कोई डिस्काउंट भी नहीं मिला था और इंटरेस्ट पर भी अच्छी खासी रकम चुकानी पड़ी थी।
बाजार के जानकार बता रहे हैं कि लिस्टिंग 500-600 रुपये प्रति शेयर होगी। अनिल की दूसरी कंपनी रिलायंस कम्यूनिकेशन 290 रुपये पर लिस्ट हुई थी, अब बीएसई में उसकी कीमत 646.10 रुपये है। रिलायंस पावर का ग्रे मार्केट प्रीमियम 50-60 रुपये प्रति शेयर तक गिर गया है, जबकि कुछ हफ्ते पहले जब आईपीओ की प्रक्रिया जारी थी, तब यह 450-550 रुपये था। एक ब्रोकर का कहना है कि बाजार में ऐसी कई ताकतें हैं, जो इश्यू के प्राइस को कम करने की कोशिश करेंगी। ग्रे मार्केट में प्रीमियम नगण्य है और मार्केट में उथल-पुथल है। मंदड़िए बाजार में गिरावट की स्थिति को भुनाना चाहेंगे।
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