मॉर्गन स्टैनले के प्रबंध निदेशक और ईक्विटी उप प्रमुख रिद्धम देसाई का मानना है कि बाजार की अस्थिरता कुछ महीने तक जारी रहेगी। अमेरिकी आंकड़े बाजार को कोई दिशा नहीं दे रहे हैं।
मॉर्गन स्टैनले के प्रबंध निदेशक और ईक्विटी उप प्रमुख पराग गुड़े ने कहा कि छः महीने पहले भारत की स्थिति दुनिया के बाजारों से अलग थी, लेकिन अब अगर वैश्विक बाजारों में मंदी की स्थिति बनी रहती है तो भारत भी उससे प्रभावित होगा।
बाजार ने संसद को भी हिलाया
अगले छः महीने ईक्विटी की दुनिया के लिए कैसे दिख रहे हैं?
वैश्विक स्तर पर काफी अनिश्चितताएं देखी जा रही है। मुझे लगता है कि अमेरिकी डाटा बाजार को स्पष्ट दिशा नहीं दे रहे हैं। अमेरिका की साख की समस्या सुलझती नहीं दिख रही है। फेडरल रिजर्व ने इससे निपटने के लिए बड़े कदम भी उठाए। लेकिन इन सबके बावजूद अस्थिरता थमती नजर नहीं आ रही है और यह अगले कुछ और महीने तक देखने को मिल सकती है।
सेंसेक्स में 12,700 का स्तर भी सम्भव
वैश्विक स्तर पर तरलता की कमी देखा जा रही है। उभरते बाजारों में लगातार बिकवाली देखी जा रही है। मॉर्गन में अपने संस्थागत क्लायंट से बात करने से आपको इसके पीछे क्या वजह लगती है?
छः महीने पहले भारत की स्थिति दुनिया के दूसरे बाजारों से बिल्कुल अलग थी लेकिन अगर वैश्विक स्तर पर मंदी की स्थिति कायम रहती है तो इससे भारत भी प्रभावित होगा।
आंकड़े बताते हैं कि पहले महीने में विदेशी निवेशकों ने जमकर बिकवाली की। लेकिन हाल के स्तर से बाजार का नीचे का स्तर क्या होगा यह कहना मुश्किल है।
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