Monday, 11 February 2008

अस्थिरता शेयर बाजार पर काबिज रहेगी

मुंबई: जब मंदड़ियों ने बाजार पर पकड़ बना रखी है तब क्या अकेला रिलायंस पावर का शेयर उसे उबार सकता है? हर रैली पर बेचने की रणनीति अब भी ज्यादा सुरक्षित नजर आती है।

बीएसई सेंसेक्स 17,464.89 पर बंद हुआ था और उसमें कोई रैली आई भी तो 19,000-19,200 के स्तर पर प्रतिरोध का सामना करना पड़ेगा। मंदड़ियों ने बाजार को कब्जे में ले रखा है। अस्थिरता का माहौल अभी बना रहेगा। ट्रेडरों को जोखिम का आकलन करके ही कारोबार करना चाहिए। ऐसा लगता है कि सेंसेक्स 15,300-15,500 के नए निचले स्तर पर जाना चाहता है। जब तक सेंसेक्स 19,200 का स्तर पार नहीं करता इस निचले स्तर पर जाने की आशंकाएं बनी रहेंगी। हो यह रहा है कि बहुत सारे निवेशक ऊंचे स्तर पर फंसे हैं। सेंसेक्स जैसे ही ऊपर जाता है, वे बिकवाली बढ़ा देते हैं।

निवेशकों का एक वर्ग खरीदकर इंतजार करने वाला है, वह शेयर बाजार में एक बार फिर तेजी का दौर आने का इंतजार करेगा। आप पूरे तकनीकी परिदृश्य को देखें तो ऊंचे स्तर पर शेयरों की आपूर्ति बढ़ जाती है। यानी बाजार के एकदम ऊपर जाने की स्थिति कम है।

लंबी अवधि के निवेशक:उन्हें अंधाधुंध खरीदी से बचना चाहिए। इंडेक्स में 16,400-16,600 के स्तर पर बड़ा समर्थन निकल रहा है। निफ्टी (5120.35): यह 5,560-5,620 के रजिस्टेंस जोन में है। सोमवार को 5,545 का स्तर छूने के बाद इंडेक्स मंदी की पकड़ में आ गया था। अब यह 4,450-4,600 का सपोर्ट जोन छू सकता है। अब मंथली क्लोज 4,600 से नीचे होता है तो बाजार के लंबी अवधि में तेजी की संभावनाएं खत्म हो जाएंगी।

किन पर दें ध्यान: भारती एयरटेल (883 रु): शेयर 990 रुपए का रजिस्टेंस लेवल पार करने में विफल रहा है, तेजी का दौर कायम है। अस्थिरता का माहौल बताता है कि 950 रुपए के ऊपर शेयर जाता है तो तेजी है। उसके बाद शेयर 1,200-1,250 रुपए तक जा सकता है।

ओएनजीसी (996.3 रु): शेयर 1,110-1,140 रुपए के जोन में चला गया और सोमवार से दिशा उलटी हो गई है। जब तक कोई रैली 1,210 रुपए का स्तर पार नहीं करती, शेयर नीचे की ओर जा सकता है।

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