अनिल अंबानी की रिलांयस एनर्जी को हरियाणा सरकार ने जुर्माने का झटका दे दिया। हुड्डा सरकार ने कहा है कि रिलायंस एनर्जी को यमुनानगर में लग रहे 600 मेगावाट के थर्मल प्लांट में देरी से हो रहे नुकसान की भरपाई करनी होगी। इस पर रिलायंस ने सरकार से प्रोजेक्ट के लिए तय समयसीमा बढ़ाने का अनुरोध किया है। कंपनी का कहना है कि देरी की वजहें उसके नियंत्रण से बाहर थीं। देरी का कारण दंगे और आगजनी के अलावा एडमिनिस्ट्रेटिव एप्रूवल में देरी को बताया गया है। शुक्रवार को जारी एक बयान में रिलायंस एनर्जी ने सरकार को आश्वासन दिया है कि ग्रिड से पावर सप्लाई अगले महीने शुरू हो जाएगी।
गौरतलब है कि रिलायंस एनर्जी और हरियाणा सरकार के बीच हुए पैक्ट के मुताबिक 300 मेगावाट प्रोडक्शन करने वाली पहली यूनिट पिछले साल नवंबर में बनकर तैयार होनी थी। दूसरी यूनिट में उत्पादन शुरू होने के लिए फरवरी 2008 की समयसीमा तय हुई थी। इन पूरे प्लांट के सेटअप की कॉस्ट 2400 करोड़ रुपये थी। इसका चेक रिलायंस एनर्जी को सितंबर 2004 में ही सौंप दिया गया था।
सूत्रों के मुताबिक स्टेट अथॉरिटी ने थर्मल प्लांट की ड्राइंग क्लियर करने में में 8 महीने की देरी कर दी। सूत्रों के मुताबिक रिलायंस पर पेनाल्टी लगाना घाटे का सौदा हो सकता है। कंपनी राज्य को पूरे देश में सबसे सस्ते दर पर और सबसे जल्दी बिजली मुहैया करा रही है। एक मेगावाट बिजली पर 3.49 करोड़ की लागत आ रही है।
इस मसले पर राज्य के बिजली मंत्री रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि कॉन्ट्रेक्ट पूरा होने में हो रही देरी से हो रहे नुकसान की भरपाई रिलायंस एनर्जी लिमिटेड को ही करनी होगी। हालांकि इसे रूटीन मैटर बताते हुए सुरजेवाला ने सफाई देने के अंदाज में कहा कि फिलहाल हम पावर स्टेशन के निर्माण पर ही पूरा ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। उनके मुताबिक रिलायंस ने सीएम हुड्डा को पहली यूनिट के मार्च तक हर हालत में पूरा होने का आश्वासन दिया था। इस प्लांट के लिए राज्य सरकार 20 फीसदी योगदान कर रही है, जबकि बाकी 80 फीसदी पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन के जरिए जुटाया जा रहा है।
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