बजट से पहले ही शेयर कारोबारियों को एक बड़ा तोहफा मिल गया है। शार्ट सेलिंग के लिए शेयर उधार लेने या देने पर सिक्यूरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स (एसटीटी) या कैपिटल गेन टैक्स नहीं लगेगा। शेयर उधार लेने या देने से कोई लाभ होता है तो उस पर नियमों के अनुसार टैक्स लगेगा।
शुक्रवार को संसद में बजट आने वाला है, इसलिए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर विभाग (सीबीडीटी) ने कोई सकरुलर जारी नहीं किया है। लेकिन कहा है कि सेबी की नई योजना के तहत शेयरों के उधार लेने या देने पर कोई एसटीटी या कैपिटल गेन टैक्स नहीं लगेगा।
क्या है शार्ट सेलिंग:
शार्ट सेलिंग शेयरों का ऐसा कारोबार है, जिसमें निवेशक बिना स्वामित्व के भी शेयर बेच सकता है।
1. निवेशक किसी अन्य संगठन या संस्था से शेयर उधार लेता है।
2. उधार लिए शेयर बाजार में बेच देता है।
3. बाजार बंद होने से पहले शेयर फिर खरीदता है।
4. खरीदे शेयर उसी को लौटा देता है, जिससे उधार लिए थे।
नई व्यवस्था में क्या होगा:
शेयरों को उधार लेने या देने पर तो छूट हासिल होगी। लेकिन ऐसे लेन-देन से होने वाले मुनाफे पर आयकर अधिनियम के तहत टैक्स लागू होगा। शेयर उधार लेने या देने को कैपिटल गेन टैक्स के तहत स्थानांतरण नहीं माना जाएगा।
सेबी और रिजर्व बैंक ने तय किया है कि शेयर कारोबारियों के लिए शेयरों के उधार लेने या देने की योजना लागू होनी चाहिए। यह योजना सिक्यूरिटीज लेंडिंग स्कीम 1997 के तहत शुरू की जाएगी।
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