आईपीओ की कीमत तय करने पर विवादों के मद्देनजर सरकार ने चार्टर्ड अकाउंटेंटों की शीर्ष संस्था आईसीएआई को एक स्टडी करने का निर्देश दिया है। सरकार ने कहा है कि संस्था निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए उपाय सुझाए।
कॉरपोरेट मामलों के मंत्री प्रेमचंद गुप्ता ने इस बात की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि संस्था आने वाले समय में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। आईसीएआई की स्टडी में इस बात का आकलन किया जाएगा कि भारत और दूसरे देशों की प्रक्रिया में क्या फर्क है। आईसीएआई के प्रेजिडेंट वेद जैन ने बताया कि इंस्टिट्यूट ने इस बारे में टेक्निकल एक्सपर्ट्स के ग्रुप का गठन कर दिया है। हमारा फोकस इस बात पर होगा कि ट्रांसपैरंसी कायम की जाए, ताकि जानकारी न रखने वाले इन्वेस्टरों को चूना न लगाया जा सके।
यह समस्या तब सामने आई, जब कुछ कंपनियों के पब्लिक इश्यू लिस्टिंग के दिन या उसके तुरंत बाद इश्यू प्राइस से नीचे चले जाते हैं। इससे इन्वेस्टरों को नुकसान होता है। रपटों के मुताबिक, पिछले साल 85 कंपनियों ने आईपीओ के जरिए 22 हजार करोड़ रुपये जुटाए। इनमें 37 कंपनियों के शेयर कम कीमत पर चल रहे हैं। कुछ की कीमत तो 68 फीसदी तक कम हो चुकी है। यहां तक कि रिलायंस पावर का मेगा पब्लिक इश्यू भी लिस्टिंग के दिन ही घाटा दे गया। एम्मार और वोकहार्ट को अपने ऊंचे प्रीमियम वाले आईपीओ वापस लेने पड़े, क्योंकि मार्केट में उन्हें रेस्पॉन्स नहीं मिला।
आईआरबी की लिस्टिंग आज
आईआरबी इन्फ्रास्ट्रक्चर डिवेलपर्स लिमिटेड ने कहा है कि वह सोमवार को शेयर बाजार में लिस्ट होगी। कंपनी ने पिछले महीने आईपीओ के जरिये 944 करोड़ रुपये जुटाए थे। कंपनी ने 185 रुपये से 220 रुपये के प्राइस बैंड में निचले स्तर पर इश्यू प्राइस तय किया है। कंपनी ने आईपीओ के जरिये 5.1 करोड़ इक्विटी शेयरों की पेशकश की थी। इश्यू चार गुणा से ज्यादा सब्सक्राइब हुआ था।
कंपनी ने बताया कि उसे 239 किलोमीटर लंबे सूरत-दहिसर खंड को विकसित करने के लिए ठेका हासिल किया है। प्रोजेक्ट में लगभग 2600 करोड़ रुपये का पूंजी खर्च आएगा।
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