Saturday, 9 February 2008

मंदी से आईपीओ बाजार फ्रीज

नई दिल्ली: शेयर बाजार में मंदी से कंपनियों को आईपीओ के खरीदार नहीं मिल रहे। वोकहार्ट हॉस्पिटल के बाद रीयल एस्टेट की दिग्गज कंपनी एमार एमजीएफ ने भी आईपीओ वापस ले लिया है। सूत्रों के अनुसार कंपनी के आईपीओ को 43 फीसदी ही समर्थन मिला, यानी जितने शेयर कंपनी ने बाजार में उतारे, उसमें से 43 फीसदी के लिए ही आवेदन आए। फर्स्ट ग्लोबल के डायरेक्टर शंकर शर्मा का कहते हैं कि बाजार में भारी उतार-चढ़ाव से निवेशकों को डर है कि आईपीओ के शेयर बीएसई और एनएसई में लिस्टेड होने पर मंदी की चपेट में न आ जाएं। इसलिए वे ज्यादा प्राइस बैंड वाले आईपीओ से बच रहे हैं। निवेशकों का मूड देखते हुए आने वाले कई आईपीओ के भविष्य पर सवालिया निशान लग गया है।

ज्यादा प्राइस बैंड पर संशय

पिछले कुछ माह के दौरान जितने आईपीओ आए हैं, उनका प्राइस बैंड बाजार की अपेक्षाओं से ज्यादा रहा है। प्राइस बैंड का मतलब होता कि जिस कीमत पर निवेशक शेयरों के आवेदन कर सकते हैं। जब कोई कंपनी अपना आईपीओ बाजार में लाती है तो उसका प्रति शेयर का मूल्य तकनीकी रूप से 10 रुपये होता है। कारोबार और नेटवर्थ के आधार पर कंपनी को प्रीमियम और प्राइस बैंड तय करने का अधिकार होता है। एमार एमजीएफ ने आईपीओ के शेयरों का प्राइस बैड 610 से 690 रुपये तय किया था। बाद में इसको घटाकर 540 से 630 रुपये कर दिया। प्रीमियम इनवेस्टर के प्रमुख एस. पी. तुलस्यान का कहना है कि पहले ज्यादा प्राइज बैंड के आईपीओ को निवेशकों ने खूब खरीदा, क्योंकि शेयर मार्केट ऊंचाई की तरफ बढ़ रहा था, अब अनिश्चितता का दौर है। आम निवेशक रिस्क नहीं लेना चाहता है।

सरकार व कंपनियां परेशान

एमार एमजीएफ कंपनी की बाजार में जो हालत हुई, उससे सरकार और कॉरपोरेट परेशान है। सरकारी कंपनी रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कारपोरेशन (आरईएल) का पब्लिक इश्यू मार्च के तीसरे सप्ताह बाजार में आने वाला है। पावर सेक्रेटरी अनिल राजदान ने कंपनी के चेयरमैन ए. लखीना से आईपीओ को लेकर बातचीत की। सूत्रों के अनुसार आईपीओ के शेयरों की कीमतों को लेकर दोनों में चर्चा हुई। बाद में अनिल राजदान ने कहा कि सरकार आरईएल के आईपीओ की सफलता को लेकर आश्वस्त है। प्राइवेट कंपनी एसईवीसी कंस्ट्रक्शन ने आईपीओ की बंद होने की तारीख 13 फरवरी तक बढ़ा दी। इसका आईपीओ शुक्रवार को बंद होना था। ऐसा निवेशकों का समर्थन में कमी देखते हुए किया गया। कंपनी ने प्राइस बैंड 85 से 90 रुपये प्रति शेयर से घटाकर 80-90 रुपये कर दिया है।

आने वाले आईपीओ पर सवाल

अहम सवाल यह है कि आने वाले आईपीओ का क्या होगा? यूटीआई म्यूचुअल फंड के चीफ मार्केटिंग ऑफीसर जयदीप भट्टाचार्य कहते हैं, यह मार्केट के मूड पर निर्भर करता है। बजट आने वाला है और बाजार में स्थिरता आ सकती है और यह सुधर भी सकता है। मगर कंपनियों को अपने आईपीओ के शेयर कीमतों को लेकर काफी होमवर्क करना होगा। निवेशक अब सेकेंडरी मार्केट को देखकर ही आईपीओ को खरीदेगा।

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