Monday, 25 February 2008

चिदंबरम से क्यों उम्मीद करता है शेयर बाजार

शेयर बाजार अब नए उत्साह के लिए वित्त मंत्री पी चिदंबरम से ही उम्मीद करता है तो उसके कारण हैं। जनवरी में गिरावट के बाद से ही अंतरराष्ट्रीय कारकों ने सेंसेक्स को लगातार गिराया है। अब कई विश्लेषकों को लग रहा है कि बाजार में खरीद-फरोख्त का सही वक्त आ रहा है।

जेएम म्यूचुअल फंड के प्रमुख निवेश अधिकारी संदीप सभरवाल की राय है कि बुनियादी घटकों की मजबूती का तर्क अब भी पहले की तरह काम कर रहा है। कई शेयरों में अच्छा मूल्य दिखाई दे रहा है। उन्हें बेचने के बजाय खरीदने का वक्त है। निवेश का जोखिम अभी कम ही है। सभरवाल ने अपने ग्राहक निवेशकों से कहा है कि अगले सप्ताह बाजार में सुधार दिखाई देगा, इसलिए संदेह को त्याग देना चाहिए।

सेंट्रम ब्रोकिंग के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर आर बालाकृष्णन की राय में जब तक विदेशी निवेशक बाजार में नहीं आते तब तक लोगों से खरीदी का आग्रह करना थोड़ा कठिन फैसला है। भारतीय बाजार विदेशी धन से चलते हैं। विदेशी निवेशक इंतजार कर रहे हैं और घरेलू समर्थन भी ज्यादा उपलब्ध नहीं है, इसलिए बाजार कमजोर दिखाई दे रहा है।

बालाकृष्णन कहते हैं कि विदेशी निवेशक बहुत सकारात्मक दिखाई नहीं देते हैं। विदेशी बाजार स्थानीय बाजार की तुलना में ज्यादा गिरे हैं। इसलिए भारतीय बाजार दूसरों से ज्यादा महंगा दिखाई दे रहा है। गोल्डमैन साक्स की रिपोर्ट भी इस बात का समर्थन करती है। मौजूदा गिरावट के बाद भी बाजार 2008 के पीई का 20 गुना चल रहा है। बुक वैल्यू का 4.4 गुना और 2008 के नकद प्रवाह का 18 गुना है।

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