Tuesday 12 February, 2008

मार्केट के साथ पावर को भी लगा शॉक

नई दिल्लीः रिलायंस पावर के आईपीओ के शेयर लिस्टेड होने के बाद कमाल नहीं कर पाए। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और नैशनल स्टॉक एक्सचेंज के साथ इसके शेयर भी औंधे मुंह गिरे। जहां बीएसई का शेयर इंडेक्स 833 और एनएसई का इंडेक्स 283 पॉइंट्स गिरा, वहीं रिलायंस पावर के शेयर अपने अलॉटमेंट प्राइस 450 रुपये से गिरकर 372 रुपये पर बंद हुए। इससे आईपीओ खरीदने वालों को करारा झटका लगा। उन्हें जिस मुनाफे की उम्मीद थी, वह उन्हें नहीं मिला।

इन्वेस्टर पूछ रहे थे कि ऐसा क्यों हुआ। जिस कंपनी के आईपीओ को खरीदने के लिए प्राइमरी मार्केट में 70 गुना ज्यादा आवेदन आए, आखिर सेकंडरी मार्केट में वह क्यों गिर गया। जानकारों का कहना है कि पिछले दिनों से शेयर मार्केट में जो कारोबार चल रहा है, उससे साफ लग रहा था कि लिस्टिंग के बाद इसके शेयर ज्यादा ऊंचाई पर नहीं जाएंगे। हालांकि इतना नीचे गिरने की बात भी किसी ने नहीं सोची थी।

बीएसई व एनएसई में रिलायंस पावर के आईपीओ के शेयरों की लिस्टिंग इसके प्राइस बैंड से ज्यादा हुई। बीएसई में शेयर 940 रुपये और एनएसई में 530 रुपये में लिस्टेड हुए। मगर बाद में जिस तरह से मंदी की हवा चली, उसने इसके शेयरों को चपेट में ले लिया। बीएसई में इसके शेयर 600 रुपये पर पहुंचे, मगर फिर गिरते हुए 372 रुपये पर बंद हुए। एनएसई में ये 335 रुपये के न्यूनतम स्तर पर आकर 372 रुपये पर बंद हुए।

बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि रिलायंस पावर के शेयरों को नीचे गिराने में उन कारोबारियों का प्रमुख हाथ रहा, जो पिछले कई दिनों से शेयरों में हो घाटे से परेशान थे। साहनी एंड साहनी के प्रमुख व सीनियर ब्रोकर विक्रम साहनी का मानना है कि रिलायंस पावर के आईपीओ को लेकर जितनी आशाएं बुलंद की गई थीं, उसने अन्य शेयरों से घाटा उठा रहे कारोबारियों को मुनाफा कमाने की रणनीति बनाने पर विवश कर दिया। शेयरों की लिस्टिंग के बाद इन कारोबारियों ने उसे बेचना शुरू कर दिया। अहम सचाई यह भी है कि इसके आईपीओ को खरीदने वाले अधिकांश वे खुदरा इनवेस्टर थे, जिन्होंने बैंकों से लोन लेकर इसको खरीदा था। उनकी रणनीति यही थी कि लिस्टिंग होने के बाद इसको बेचकर लाभ कमाना। उन्होंने वैसा ही किया।

बेशक रिलायंस पावर के शेयर बाजार की अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतर पाए, मगर कंपनी को उम्मीद है कि आने वाले समय में इसके शेयर अपने 40 लाख निवेशकों को निराश नहीं करेंगे। कंपनी के प्रवक्ता के अनुसार सोमवार को बाजार में मंदी का दिन था, जिसके कारण सभी बड़े शेयरों को नुकसान उठाना पड़ा। प्रवक्ता के अनुसार आईपीओ के शेयरों के इस प्रदर्शन से कंपनी परेशान तो है मगर निराश नहीं। रिलायंस पावर का आईपीओ का शेयर बाजार के इतिहास में सबसे बड़ा आईपीओ था। 11560 करोड़ रुपये के आईपीओ में करीब 40 लाख निवेशकों ने साढ़े सात लाख करोड़ रुपये का धन लगाया हुआ है।

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