Monday, 4 February 2008

शेयर बाजारों में रहेगा सतर्कता का माहौल

नई दिल्ली- पिछले कई सप्ताह से निरंतर उठापटक के बीच बने हुए देश के शेयर बाजारों में आगामी सप्ताह सतर्कता का माहौल रहने की अधिक संभावना है। बीते सप्ताह बम्बई शेयर बाजार (बीएसई) का सेंसेक्स 128.14 अंक और नेशनल स्टाक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 66.10 अंक नीचे आए।

बाजार विश्लेषकों का कहना है कि फिलहाल यह नहीं माना जाना चाहिए कि शेयर बाजारों से भारी उठापटक का माहौल खत्म हो गया है। उनकी राय में निवेशकों को सतर्कता के साथ काम करने की जरूरत है और बढ़े भावों पर मुनाफावसूली भी की जा सकती है।

ग्लोब कैपीटल मार्केट्स लिमिटेड के प्रमुख और दिल्ली शेयर बाजार के पूर्व अध्यक्ष अशोक अग्रवाल का कहना है कि सोमवार को बाजार अच्छे मूड में दिख सकता है किंतु सतर्कता जरूरी है। उनकी राय है कि बढ़े भाव पर मुनाफावसूली भी आ सकती है।

अग्रवाल की राय में अमेरिका के सबप्राईम का संकट अब वहाँ की बीमा कंपनियों पर भारी पड़ सकता है और बीमा कंपनियाँ इसके दबाव में डिफाल्टर भी हो सकती हैं। उनका कहना है कि बैंक सबप्राईम के संकट से हुए नुकसान के लिए बीमा कंपनियों से भरपाई के लिए दावे कर सकते हैं और इसका घाटा बीमा कंपनियों को उठाना पड़ सकता है। यह डर बाजार के लिए भारी भी पड़ सकता है।

उनकी राय में एफएमसीजी, बैंकिग और आटोमोबाईल कंपनियों के शेयरों को अच्छा समर्थन मिलने की उम्मीद है। इस्पात कंपनियों के दाम बढ़ाने से इस क्षेत्र का रुख भी सकारात्मक रहने की संभावना है किंतु सीमेंट कंपनियों को लेकर असमंजस की स्थिति है।

उधर बीते सप्ताह बीएसई और एनएसई में लगातार उठापटक बनी रही। बीएसई का सेंसेक्स सप्ताह के पहले चार कारोबारी दिवसों में मंदी के दबाव में रहने के बाद शुक्रवार को 584.74 अंक की तेजी के बावजूद कुल 128.14 अंक के नुकसान से 18233.42 अंक रहा। निफ्टी 66.10 अंक गिरकर 5317.25 अंक रहा।

रिजर्व बैंक के मंगलवार को चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही की रिण एवं मौद्रिक नीति की समीक्षा में ब्याज दरों में किसी प्रकार की कटौती नहीं किए जाने से शेयर बाजार निराशा हुआ। अमेरिका के फैडरल रिजर्व के 22 जनवरी को देश की अर्थव्यवस्था को मंदी से ऊपर लाने की कोशिश में ब्याज दरों में पौना प्रतिशत की कटौती के बाद यहाँ इस बात की प्रबल संभावना थी कि रिजर्व बैंक भी कम से कम चौथाई प्रतिशत की कटौती कर सकता है। किंतु केन्द्रीय बैंक ने उच्च आर्थिक विकास दर के साथ मुद्रास्फीति को काबू में रखने को प्राथमिकता देते हुए ब्याज दरों में किसी प्रकार का बदलाव नहीं किया।

फैडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में पौना प्रतिशत की कटौती किए जाने के बाद 29 और 30 जनवरी को हुई बैठक के बाद फिर से आधा प्रतिशत की कमी कर दी। इसे देखते हुए शुक्रवार को यहाँ शेयर बाजारों ने कुछ राहत की सांस ली।

सेंसेक्स सप्ताह के पहले चार कारोबारी दिवसों में क्रमश 208.88 अंक, 60.84 अंक, 330.30 और 109.93 अंक टूटने के बाद शुक्रवार को 584.74 अंक ऊपर रहा। एनएसई ने सोमवार को 109.25 अंक का गोता लगाया और मंगलवार को इसमें 6.70 अंक का मामूली सुधार हुआ। इसके बाद के दो कारोबारी दिवसों में यह फिर क्रमश 113.23 तथा 30.15 अंक टूटने के बाद शुक्रवार को 179.80 अंक ऊँचा रहा।

रिजर्व बैंक के ब्याज दरों में कटौती नहीं किए जाने से बीते सप्ताह बैंकिंग क्षेत्र के शेयरों पर बिकवाली का खासा जोर दिखा। मझौली और लघु कंपनियों के शेयर भी बिकवाली के दबाव से बच नहीं पाए।

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