Thursday, 31 January 2008

शेयर बाजार बढ़त में लौटे

देश के शेयर बाजार अब कुछ सम्भल गए हैं यहां निचले स्तरों से खरीदारी का साथ मिलने लगा हैइससे शेयर बाजार बढ़त पर लौट आए हैंफिलहाल सेंसेक्स 223 और निफ्टी 74 अंक ऊपर मौजूद हैऐसा ही सुधार मिडकैप स्मॉलकैप सूचकांकों में भी दिखाई दे रहा है

फिलहाल यहां तेल गैस सूचकांक तीन फीसदी से ज्यादा और आईटी, ऑटो, बैंकिंग और तकनीकी सूचकांक एक फीसदी से ज्यादा की तेजी पर हैकेवल पूंजीगत वस्तु, फार्मा, धातु और ऊर्जा क्षेत्रों में गिरावट दिखाई दे रही है

सेंसेक्स में शामिल शेयरों में से ओएनजीसी, बजाज ऑटो, हिंदुस्तान यूनिलीवर, रिलायंस, भारती एयरटेल, टाटा मोटर्स, अम्बुजा सीमेंट, इंफोसिस, आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी बैंक के शेयर सबसे ज्यादा बढ़त पर हैं

सेंसेक्स में हिंडाल्को, एचडीएफसी, आईटीसी, टाटा स्टील, सत्यम कम्प्यूटर्स, एसीसी, डीएलएफ, भेल, विप्रो, ग्रासिम के शेयर सबसे ज्यादा गिरावट पर हैं

दोपहर 12:35 बजे

मुम्बई शेयर बाजार (बीएसई) का सेंसेक्स 17,981.91 के स्तर पर 223.27 अंक ऊपर और राष्ट्रीय शेयर बाजार (एनएसई) का निफ्टी 5241.85 के स्तर पर 74.25 अंक ऊपर कारोबार कर रहा है

मझोले शेयर क्षेत्र का मिडकैप सूचकांक 7,453.10 के स्तर पर 27.10 अंक ऊपर और छोटे शेयर क्षेत्र का स्मॉलकैप सूचकांक 10,175.14 के स्तर पर 28.28 अंक ऊपर कारोबार कर रहा है

दोपहर 12:12 बजे

मुम्बई शेयर बाजार (बीएसई) का सेंसेक्स 17,853.71 के स्तर पर 95.07 अंक ऊपर और राष्ट्रीय शेयर बाजार (एनएसई) का निफ्टी 5198.65 के स्तर पर 31.05 अंक ऊपर कारोबार कर रहा है

मझोले शेयर क्षेत्र का मिडकैप सूचकांक 7,427.50 के स्तर पर 1.50 अंक ऊपर और छोटे शेयर क्षेत्र का स्मॉलकैप सूचकांक 10,107.89 के स्तर पर 38.97 अंक नीचे कारोबार कर रहा है

फिलहाल यहां तेल गैस सूचकांक तीन फीसदी और आईटी, ऑटो और तकनीकी सूचकांक एक फीसदी से ज्यादा की तेजी पर हैकेवल पूंजीगत वस्तु, फार्मा और ऊर्जा क्षेत्रों में गिरावट दिखाई दे रही है

सेंसेक्स में शामिल शेयरों में से रिलायंस, हिंदुस्तान यूनिलीवर, बजाज ऑटो, ओएनजीसी, टाटा मोटर्स, इंफोसिस, भारती एयरटेल, रिलायंस कम्युनिकेशन, एचडीएफसी बैंक और एनटीपीसी के शेयर सबसे ज्यादा बढ़त पर हैं

सेंसेक्स में हिंडाल्को, एचडीएफसी, भेल, सिप्ला, ग्रासिम, रैनबैक्सी, एसीसी, एसबीआई, सत्यम कम्प्यूटर्स और विप्रो के शेयर सबसे ज्यादा गिरावट पर हैं

सुबह 11:20 बजे

मुम्बई शेयर बाजार (बीएसई) का सेंसेक्स 17735.10 के स्तर पर 23.54 अंक नीचे और राष्ट्रीय शेयर बाजार (एनएसई) का निफ्टी 5159.90 के स्तर पर 7.70 अंक नीचे कारोबार कर रहा है

मझोले शेयर क्षेत्र का मिडकैप सूचकांक 7,349.20 के स्तर पर 76.80 अंक नीचे और छोटे शेयर क्षेत्र का स्मॉलकैप सूचकांक 10,005.20 के स्तर पर 141.66 अंक नीचे कारोबार कर रहा है

फिलहाल यहां आईटी, तकनीकी शेयरों के साथ-साथ तेल गैस क्षेत्र भी बढ़त पर लौटे हैंहालांकि धातु क्षेत्र दो फीसदी से ज्यादा की गिरावट पर हैबाकी क्षेत्र एक फीसदी के आसपास की गिरावट पर मौजूद हैं

सेंसेक्स में शामिल शेयरों में से महिन्द्रा एंड महिन्द्रा, ओएनजीसी, इंफोसिस, रिलायंस, हिंदुस्तान यूनिलीवर, टाटा मोटर्स, भारती एयरटेल, बजाज ऑटो, टीसीएस और अम्बुजा सीमेंट के शेयर सबसे ज्यादा बढ़त पर हैं

सेंसेक्स में हिंडाल्को, ग्रासिम, एसबीआई, आईटीसी, एचडीएफसी, डीएलएफ, टाटा स्टील, एसीसी, रिलायंस एनर्जी और एलएंडटी के शेयर सबसे ज्यादा गिरावट पर हैं

सुबह 10:35 बजे

मुम्बई शेयर बाजार (बीएसई) का सेंसेक्स 17474.62 के स्तर पर 284.02 अंक नीचे और राष्ट्रीय शेयर बाजार (एनएसई) का निफ्टी 5,092.45 के स्तर पर 75.15 अंक नीचे कारोबार कर रहा है

मझोले शेयर क्षेत्र का मिडकैप सूचकांक 7,179.00 के स्तर पर 246.40 अंक नीचे और छोटे शेयर क्षेत्र का स्मॉलकैप सूचकांक 9,899.56 के स्तर पर 246.60 अंक नीचे कारोबार कर रहा है

इस समय अचल सम्पत्ति क्षेत्र लगभग चार और धातु क्षेत्र तीन फीसदी से ज्यादा गिर चुका हैटिकाऊ उपभोक्ता क्षेत्र, बैंकिंग, तेल गैस, ऊर्जा और पीएसयू क्षेत्र दो फीसदी से ज्यादा नीचे है और कोई भी क्षेत्रीय सूचकांक बढ़त पर नहीं है

सेंसेक्स में शामिल शेयरों में से केवल भारती एयरटेल, ओएनजीसी, हिंदुस्तान यूनिलीवर और टाटा मोटर्स के शेयर बढ़त पर हैंयहां हिंडाल्को, रिलायंस एनर्जी, टाटा स्टील, डीएलएफ, एसबीआई, एचडीएफसी, एनटीपीसी, आईटीसी, रैनबैक्सी और रिलायंस कम्युनिकेशन के शेयर सबसे ज्यादा गिरावट पर हैं

यहां मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांक भी काफी गिरावट पर हैं

सुबह 10:13 बजे

मुम्बई शेयर बाजार (बीएसई) का सेंसेक्स 17,559.83 के स्तर पर 198.81 अंक नीचे और राष्ट्रीय शेयर बाजार (एनएसई) का निफ्टी 5110.75 के स्तर पर 56.85 अंक नीचे कारोबार कर रहा है

सुबह 9:58 बजे

मुम्बई शेयर बाजार (बीएसई) का सेंसेक्स 17,702.13 के स्तर पर 56.51 अंक नीचे और राष्ट्रीय शेयर बाजार (एनएसई) का निफ्टी 5,144.20 के स्तर पर 23.40 अंक नीचे कारोबार कर रहा है

एशियाई बाजार

आज एशियाई बाजारों में मिलाजुला रुख हैयहां जापान का निक्केई आधे फीसदी की तेजी पर हैदक्षिण कोरिया का सियोल कम्पोजिट एक फीसदी की तेजी दिखा रहा हैहालांकि हांगकांग का हैंग सेंग सवा फीसदी नीचे गिरा हैताइवान का ताइवान व्हेटेड एक फीसदी से ज्यादा की कमजोरी पर हैसिंगापूर का स्ट्रेट टाइम्स आधा फीसदी गिरा है

अमेरिकी बाजार

अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा फेड रेट में आधे फीसदी की कमी किए जाने के बावजूद अमेरिकी बाजार लुढ़क गएयहां डाओ जोंस में 37.47 अंक की गिरावट आई यह 12,442.83 के स्तर पर बंद हुआएसएंडपी 500 सूचकांक 6.49 अंक कमजोर होकर 1,355.81 अंक पर बंद हुआनैस्डेक कम्पोजिट में 9.06 अंक की गिरावट रही और यह 2,349 के स्तर पर बंद हुआ

अमेरिकी बाजार कल फिर टूटे

फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर में आधा फीसदी कटौती के बावजूद दो दिन की तेजी पर कल अमेरिकी बाजार में लगाम लग गई।

डाओ जोंस 37 अंक की गिरावट के साथ 12,442 के स्तर पर बंद हुआ जबकि नैस्डेक नौ अंक गिरकर 2,349 के स्तर पर बंद हुआ और एसएंडपी500 छः अंक गिरकर 1,355 के स्तर पर बंद हुआ।

एशियाई बाजारों में मिलाजुला रुख

अमेरिका में मंदी का खतरा एशियाई बाजारों के लिए भारी पड़ रहा है। आज शुरुआती कारोबार एशियाई बाजार करीब डेढ़ प्रतिशत तक गिरकर खुले। लेकिन उसके बादा यहां तेज वापसी देखने को मिली।

कुल मिलाकर एशियाई बाजारों में मिला-जुला रुझान है। कहीं हल्की गिरावट है तो कहीं हल्की तेजी है। यानी यहां से कुछ साफ संकेत नहीं मिल रहे हैं।

शेयर बाजारों की गिरावट बढ़ी

देश के शेयर बाजारों में अब गिरावट बढ़ने लगी हैयहां सभी क्षेत्रों में चौतरफा बिकवाली देखने को मिल रही हैसेंसेक्स की गिरावट इस समय बढ़कर 250 से ज्यादा अंकों की हो गई हैलेकिन निचले स्तरों पर खरीदारी का साथ मिल रहा हैनिफ्टी इस समय 75 अंक नीचे है

इस समय अचल सम्पत्ति क्षेत्र लगभग चार और धातु क्षेत्र तीन फीसदी से ज्यादा गिर चुका हैटिकाऊ उपभोक्ता क्षेत्र, बैंकिंग, तेल गैस, ऊर्जा और पीएसयू क्षेत्र दो फीसदी से ज्यादा नीचे है और कोई भी क्षेत्रीय सूचकांक बढ़त पर नहीं है

सेंसेक्स में शामिल शेयरों में से केवल भारती एयरटेल, ओएनजीसी, हिंदुस्तान यूनिलीवर और टाटा मोटर्स के शेयर बढ़त पर हैंयहां हिंडाल्को, रिलायंस एनर्जी, टाटा स्टील, डीएलएफ, एसबीआई, एचडीएफसी, एनटीपीसी, आईटीसी, रैनबैक्सी और रिलायंस कम्युनिकेशन के शेयर सबसे ज्यादा गिरावट पर हैं

यहां मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांक भी काफी गिरावट पर हैं

शेयर बाजारों को आज वैश्विक बाजारों से अच्छे संकेत नहीं मिल रहे हैंकल अमेरिकी बैंक फेड रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में आधे फीसदी की और कटौती किए जाने के बावजूद अमेरिकी बाजारों में बिकवाली देखी गईजबकि आज एशियाई बाजार मिलाजुला कारोबार कर रहे हैं

सुबह 10:35 बजे

मुम्बई शेयर बाजार (बीएसई) का सेंसेक्स 17474.62 के स्तर पर 284.02 अंक नीचे और राष्ट्रीय शेयर बाजार (एनएसई) का निफ्टी 5,092.45 के स्तर पर 75.15 अंक नीचे कारोबार कर रहा है

मझोले शेयर क्षेत्र का मिडकैप सूचकांक 7,179.00 के स्तर पर 246.40 अंक नीचे और छोटे शेयर क्षेत्र का स्मॉलकैप सूचकांक 9,899.56 के स्तर पर 246.60 अंक नीचे कारोबार कर रहा है

सुबह 10:13 बजे

मुम्बई शेयर बाजार (बीएसई) का सेंसेक्स 17,559.83 के स्तर पर 198.81 अंक नीचे और राष्ट्रीय शेयर बाजार (एनएसई) का निफ्टी 5110.75 के स्तर पर 56.85 अंक नीचे कारोबार कर रहा है

सुबह 9:58 बजे

मुम्बई शेयर बाजार (बीएसई) का सेंसेक्स 17,702.13 के स्तर पर 56.51 अंक नीचे और राष्ट्रीय शेयर बाजार (एनएसई) का निफ्टी 5,144.20 के स्तर पर 23.40 अंक नीचे कारोबार कर रहा है

एशियाई बाजार

आज एशियाई बाजारों में मिलाजुला रुख हैयहां जापान का निक्केई आधे फीसदी की तेजी पर हैदक्षिण कोरिया का सियोल कम्पोजिट एक फीसदी की तेजी दिखा रहा हैहालांकि हांगकांग का हैंग सेंग सवा फीसदी नीचे गिरा हैताइवान का ताइवान व्हेटेड एक फीसदी से ज्यादा की कमजोरी पर हैसिंगापूर का स्ट्रेट टाइम्स आधा फीसदी गिरा है

अमेरिकी बाजार

अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा फेड रेट में आधे फीसदी की कमी किए जाने के बावजूद अमेरिकी बाजार लुढ़क गएयहां डाओ जोंस में 37.47 अंक की गिरावट आई यह 12,442.83 के स्तर पर बंद हुआएसएंडपी 500 सूचकांक 6.49 अंक कमजोर होकर 1,355.81 अंक पर बंद हुआनैस्डेक कम्पोजिट में 9.06 अंक की गिरावट रही और यह 2,349 के स्तर पर बंद हुआ

Tuesday, 29 January 2008

शेयर बाजार ऊपर खुले

देश के शेयर बाजार आज एक अच्छी बढ़त पर खुले हैंइसे एशियाई शेयर बाजारों से अच्छे संकेत मिले हैंशुरुआती कारोबार में सभी क्षेत्रों में खरीदारी देखी जा रही हैसेंसेक्स 250 और निफ्टी 77 अंक की बढ़त पर कारोबार कर रहा है

यहां सेंसेक्स में शामिल सभी शेयरों में बढ़त हैमिडकैप स्मॉलकैप सूचकांक भी बढ़त पर खुले हैं जिसके कारण बढ़ने वाले शेयरों की संख्या, घटने वाले शेयरों की संख्या से काफी ज्यादा नजर रही है

भारतीय रिजर्व बैंक आज ऋण मुद्रा नीति की समीक्षा करने जा रहा हैइसे लेकर बाजारों में असमंजस की स्थिति हैकई लोगों को ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद है

सुबह 10:25 बजे

मुम्बई शेयर बाजार (बीएसई) का सेंसेक्स 18,439.29 के स्तर पर 296.44 अंक ऊपर और राष्ट्रीय शेयर बाजार (एनएसई) का निफ्टी 5,373.85 के स्तर पर 99.75 अंक ऊपर कारोबार कर रहा है

मझोले शेयर क्षेत्र का मिडकैप सूचकांक 7,772.20 के स्तर पर 134.75 अंक नीचे और छोटे शेयर क्षेत्र का स्मॉलकैप सूचकांक 10,522.47 के स्तर पर 218.96 अंक ऊपर कारोबार कर रहा है

सुबह 9:56 बजे

मुम्बई शेयर बाजार (बीएसई) का सेंसेक्स 18,403.39 के स्तर पर 250.61 अंक ऊपर और राष्ट्रीय शेयर बाजार (एनएसई) का निफ्टी 5351.15 के स्तर पर 77.05 अंक ऊपर कारोबार कर रहा है

एशियाई बाजार मजबूत

आज एशियाई बाजार मजबूत दिख रहे हैंहांगकांग का हैंग सेंग तीन फीसदी ऊपर हैजापान के निक्केई में दो फीसदी की तेजी हैताइवान का ताइवान व्हेटेड हल्की बढ़त पर हैसिंगापूर का स्ट्रेट टाइम्स एक फीसदी और दक्षिण कोरिया का सियोल कम्पोजिट आधे फीसदी की ऊंचाई पर है

अमेरिकी बाजार चढ़े

अमेरिकी फेड द्वारा एक और कटौती किए जाने की उम्मीद में अमेरिकी बाजार कल काफी अच्छे बंद हुएडाओ जोंस में 176.72 अंक की तेजी आई यह 12,383.89 पर बंद हुआएसएंडपी 500 सूचकांक 23.36 अंक चढ़कर 1,353.97 अंक पर बंद हुआनैस्डेक में 23.71 अंक की तेजी रही और यह 2,349.91 पर बंद हुआ

यूलिप में निवेश करें, बारीकियां समझ कर

शेयर मार्केट और दूसरे पूंजी बाजारों में तेजी को देखते हुई निवेशकों में यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान यानी यूलिप को लेकर काफी उत्साह देखने को मिल रहा हैजब आप यूलिप पॉलिसी लेते हैं, तो इसमें निवेश किए गए आपके पैसे का एक हिस्सा पूंजी बाजार में निवेश किया जाता है और दूसरे हिस्से से लाइफ कवरेज होता हैएक्सपर्ट की राय में यूलिप से बेहतर रिटर्न हासिल होते हैं, लेकिन इनका स्ट्रक्चर थोड़ा कॉम्प्लेक्स होता हैऐसे में निवेश करने से पहले इसके हर पहलू के बारे में जान लेना बेहद जरूरी है

यूलिप क्या है?
यूलिप यानी यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लानइसमें किए गए निवेश का एक हिस्सा आपकी चुनी हुई योजना में लगाया जाता है और दूसरा हिस्सा आपका इंश्योरेंस कवर करता हैअमूमन आप इंश्योरेंस का जो भी प्रीमियम अदा करते हैं, उसका पांच-छह गुना तक की रकम का जीवन बीमा कवर किया जाता हैज्यादातर यूलिप योजनाएं तीन साल की लॉक-इन अवधि की होती हैं

इंश्योरेंस कवर के अलावा जो निवेश किया जाने वाला हिस्सा होता है, उसमें कई इनवेस्टमेंट ऑप्शन होते हैंकिसी में पूरा पैसा इक्विटी यानी शेयर बाजार में निवेश किया जाता हैसुरक्षित निवेश योजना के तहत इक्विटी और ऋण बाजार में निवेश का अनुपात 70 और 30 होता है, जबकि बैलेंस्ड प्लान में इनमें 50-50 का निवेश अनुपात होता हैहालांकि पॉलिसी लेने वालों को एक प्लान से दूसरे प्लान में जाने का विकल्प रहता है, लेकिन ये सीमित होते हैं

यूलिप से जुड़े ऊपरी व्यय
अमूमन पहले साल आप जितना प्रीमियम देते हैं, उसका एक हिस्सा काटकर ही निवेश किया जाता हैमान लीजिए पहले साल आपने 50,000 रुपये का प्रीमियम भरा, तो आपकी जो राशि निवेश के लिए जमा होगी, उसका हिसाब कुछ इस तरह बनेगा

प्रीमियम राशि- 50,000 रुपये
एंट्री लोड -5 फीसदी- 2,500 रुपये
फंड मैनेजमेंट शुल्क- 7.5 फीसदी - 3750 रुपये
एडमिनिस्ट्रेशन चार्जेज-240 रुपये
मॉर्टलिटी चार्ज- 140 रुपये
कुल लागत- 6,630 रुपये
वास्तविक निवेश राशि -50,000 -6,630 रुपये
43,370 रुपये

( इस उदाहरण में 50,000 रुपये प्रीमियम है और बीमा 2.5 लाख रुपये का है)

यूलिप की बारीकियां
चूंकि यूलिप का एक हिस्सा शेयर मार्केट या दूसरे पूंजी बाजारों में निवेश किया जाता है, इसलिए जैसे ही आपके पैसे से खरीदे गए शेयरों और यूनिटों के दाम गिरने लगते हैं, आपका रिजर्व कम होने लगता हैअब अगर इसमें इतना पैसा नहीं बचा है कि आपकी प्रीमियम राशि कवर हो सकती है, तो प्रीमियम का भुगतान नहीं होताआपसे प्रीमियम भरने को कहा जाता हैअगर आप ऐसा नहीं कर पाते, तो आपका बीमा कवर खत्म हो सकता हैदूसरे इसमें परंपरागत इंश्योरेंस पॉलिसी से मिलने वाले छह से आठ फीसदी तक के रिटर्न की भी गारंटी नहीं होती

एजेंट जो नहीं बताते
ज्यादातर एजेंट साल दर साल लगने वाले चार्जेज के बारे में नहीं बतातेयूलिप से आप तीन साल बाद पैसे निकाल सकते हैंप्रीमियम का भुगतान भी आपके फंड में जमा रकम से होता रहेगालेकिन अगर आपके फंड में इतना पैसा नहीं है कि मॉर्टलिटी चार्ज जमा किया जा सके, तो आपका इंश्योरेंस खत्म हो सकता हैअमूमन एजेंट ग्राहकों को इसकी जानकारी नहीं देते

मुआवजा
अगर बीमा पॉलिसी लेने वाले व्यक्ति की मौत हो जाती है, तो यूलिप पॉलिसी धारक को इंश्योर्ड रकम यानी सम इंश्योर्ड या यूनिटों के बढ़ने या घटने के बाद फंड में जमा कुल रकम में से जो भी ज्यादा होगा मिलेगायूलिप की बहुत कम ऐसी पॉलिसियां हैं, जिनमें सम इंश्योर्ड और फंड रकम दोनों का भुगतान किया जाता हैएक्सर्पट्स का कहना है कि ऐसे हालात में पारंपरिक लाइफ इंश्योरेंस, टर्म इंश्योरेंस पॉलिसियां या फिर सीधे म्यूचुअल फंड में निवेश ज्यादा अच्छे विकल्प हैं

बाजार में यूलिप प्रॉडक्ट
मार्केट में लगभग पचास तरह के यूलिप प्रॉडक्ट हैंआप इनमें से अपनी सुविधानुसार चुनाव कर सकते हैंहालांकि अलग-अलग यूलिप प्रॉडक्ट आपकी अलग-अलग जरूरतों को पूरा करने का दावा करते हैं लेकिन ये कमोबेश एक ही तरह के होते हैंचाहे वे चिल्ड्रन प्लान हों या फिर बोनस वाले प्लान सभी एक जैसे होते हैंहां, निवेशक को जो पैसा मिलता है उसके भुगतान का ढांचा अलग-अलग होता हैऐसे प्लान में आप लॉक-इन पीरियड के बाद पैसे निकाल सकते हैं

यूलिप पॉलिसी खरीदने से जुड़ी सावधानियां
पॉलिसी एनएवी पर जाएंपॉलिसी से जुड़े फंड का ट्रैक रिकॉर्ड देखेंआपका एजेंट चाहे जितना जोर डाले, पॉलिसी के बारे में पूरी जानकारी लिए या फिर ऑफर डॉक्यूमेंट की बारीकियां समझे बिना निवेश करेंअगर आपको ऑफर नहीं जंचता, तो बेहतर है कि आप यूलिप के बदले एसआईपी के जरिये म्यूचुअल फंड में निवेश करें

यूलिप एक नजर में
निवेश राशि - निवेश की कोई सीमा नहीं
पॉलिसी से जुड़े खर्च - कोई ऊपरी सीमा नहींयह खर्च इंश्योरेंस कंपनी तय करती है

टैक्स में छूट: आयकर की धारा 80 सी का कर छूट लाभ सभी यूलिप पॉलिसी को मिलता है

RBI और IPO रिफंड से तय होगा शेयर मार्केट

मुंबई : इस हफ्ते स्टॉक मार्केट की चाल आरबीआई के कदम और आईपीओ रिफंड पर निर्भर करेगीपिछले हफ्ते अमेरिकी फेडरल रिजर्व बैंक द्वारा की गई कटौती के बाद स्टॉक मार्केट में रिलीफ रैली चल पड़ी थीवैसे सेंसेक्स-निफ्टी में गिरावट के चलते पिछले दो हफ्ते में निवेशकों के 10 लाख करोड़ रुपये स्वाहा हो चुके हैं

फ्यूचर ग्रुप की कंपनी फ्यूचर कैपिटल और रिलायंस पावर के आईपीओ में रिफंड का काम शुरू होने के बाद ही लिक्विडिटी में इजाफा होगाइन दोनों आईपीओ में निवेशकों के 8 लाख करोड़ रुपये लगे हुए हैं और इसका बड़ा हिस्सा स्टॉक मार्केट से निकाला गया हैफ्यूचर कैपिटल से करीब 16 हजार करोड़ रुपये रिफंड आने हैं जबकि रिलायंस पावर से करीब 1 लाख करोड़ रुपये मार्केट में आने की उम्मीद जताई जा रही हैफ्यूचर कैपिटल के रिफंड का काम 29 जनवरी से शुरू होगा और इसका शेयर 1 फरवरी को लिस्ट होने की संभावना हैरिलायंस पावर के आईपीओ की लिस्टिंग फरवरी के पहले सप्ताह में होगी

इस हफ्ते स्टॉक मार्केट की पैनी नजर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की मौद्रिक नीति पर होगीआरबीआई 29 जनवरी को इसकी घोषणा करेगायूएस फेड कट के बाद उम्मीद है कि आरबीआई भी रीपो रेट में चौथाई फीसदी की कटौती करेगाफेड कट का असर शुक्रवार को स्टॉक मार्केट पर दिखा था और इस दिन सेंसेक्स में 1140 अंकों की रेकॉर्ड बढ़ोतरी दर्ज की गई थी। 14 से 22 जनवरी तक लगातार हो रही गिरावट के बाद भी बाजार में काफी उतार-चढ़ाव देखा गया था

इस गिरावट में विभिन्न कंपनियों के मार्केट कैप में करीब 16 लाख करोड़ की कमी हुई थी। 22-23 जनवरी को सेंसेक्स में थोड़ी रिकवरी होने के बावजूद अभी भी विभिन्न कंपनियों के मार्केट कैप में 10 लाख करोड़ रुपये की कमी देखी जा रही है

बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि 29 जनवरी को घोषित होने वाली आरबीआई की मौद्रिक नीति बाजार की दिशा तय कर देगाइस हफ्ते यूएस फेडरल रिजर्व की भी बैठक होनी है और इससे भी बाजार की दिशा तय होगी

उतार-चढ़ाव की वजह से मैंने नींद नहीं की खराब: दामोदरन

नई दिल्ली: स्टॉक मार्केट के उतारचढ़ाव को बाजार की सामान्य गतिविधि करार देते हुए सेबी चीफ एम. दामोदरन ने सोमवार को कहा कि इन मुद्दों पर मैंने अपनी नींद नहीं खराब की हैसेबी ने कहा कि प्राइमरी मार्केट एडवाइजरी कमिटी ने आईपीओ की प्रक्रिया 21 दिन की बजाय 16 दिन में पूरी करने की सिफारिश की है और सेबी ने इसे मानने का फैसला किया है

इस प्रक्रिया के तहत शेयर के अलॉटमेंट और रिफंड शामिल हैंइस बीच, जानकारी मिली है कि रिलायंस पावर ने आईपीओ के रिफंड की प्रक्रिया 1 फरवरी तक पूरी करने का लक्ष्य तय किया हैइसकी लिस्टिंग फरवरी के पहले सप्ताह में होगी

Monday, 28 January 2008

अमेरिकी बाजारों का संकट बरकरार

अमेरिकी बाजारों में शुक्रवार को ब्याज दर की कटौती का असर गायब हो गया। शुक्रवार को डाओ जोंस में 171 अंक की गिरावट देखी गई। वहीं नैस्डेक में 34 अंक की गिरावट देखी गई और एसएंडपी500 में 21 अंक यानी डेढ़ प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट रही।

जानकारों का मानना है कि फेड रेट में हाल में की गई कटौती के बावजूद वित्तीय कम्पनियों को ज्यादा मदद नहीं मिलेगी।

शेयर बाजार बुरी तरह लड़खड़ाए

आज देश के शेयर बाजार कमजोर वैश्विक संकेतों के चलते गिरावट पर खुले हैं और सूचकांक इस समय काफी गिरावट पर चले गए हैंयहां सेंसेक्स 800 अंक नीचे और निफ्टी 250 अंक नीचे कारोबार कर रहा है

इस समय यहां सभी शेयर क्षेत्र गिरावट पर हैंसबसे ज्यादा नुकसान अचल सम्पत्ति और धातु क्षेत्र का हो रहा है जो पांच फीसदी से ज्यादा की गिरावट पर हैंबाकी क्षेत्रीय सूचकांक भी तीन फीसदी से ज्यादा की गिरावट पर हैं

यहां सेंसेक्स में शामिल कोई भी शेयर बढ़त पर नहीं हैएचडीएफसी बैंक, एसबीआई, भारती एयरटेल, डीएलएफ, हिंडाल्को, महिन्द्रा एंड महिन्द्रा, रिलायंस कम्युनिकेशन, टाटा स्टील, भेल और रिलायंस के शेयर सबसे ज्यादा गिरावट पर हैं

सुबह 10:08 बजे

मुम्बई शेयर बाजार (बीएसई) का सेंसेक्स 17,557.27 के स्तर पर 804.39 अंक नीचे और राष्ट्रीय शेयर बाजार (एनएसई) का निफ्टी 5134.00 के स्तर पर 249.35 अंक नीचे कारोबार कर रहा है

सुबह 9:57 बजे

मुम्बई शेयर बाजार (बीएसई) का सेंसेक्स 17,709.33 के स्तर पर 652.33 अंक नीचे और राष्ट्रीय शेयर बाजार (एनएसई) का निफ्टी 5168.15 के स्तर पर 215.20 अंक नीचे कारोबार कर रहा है

एशियाई बाजार

आज एशियाई बाजार काफी गिरावट पर हैंहांगकांग का हैंग सेंग साढे तीन फीसदी नीचे हैजापान का निक्केई ढाई फीसदी, ताइवान का ताइवान व्हेटेड डेढ़ फीसदी, सिंगापूर का स्ट्रेट टाइम्स ढाई फीसदी और दक्षिण कोरिया का सियोल कम्पोजिट दो फीसदी की कमजोरी दिखा रहा है

शेयर बाजार फिर धड़ाम से नीचे आए

नई दिल्ली : अमेरिकी और एशियाई बाजारों में गिरावट से आशंकित भारतीय शेयर बाजारों में भी सप्ताह के पहले कारोबारी दिन खुलते ही जबरदस्त गिरावट दर्ज की गईबॉम्बे स्टॉक मार्केट के सूचकांक सेंसेक्स में कारोबार शुरू होने के कुछ ही देर में 652 अंक यानी 3.55 प्रतिशत की गिरावट आई और 17,709.33 के स्तर पर पहुंच गयानैशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी सुबह 10:05 बजे तक 180 अंक गिरकर 5203.90 पर पहुंच चुका था

बीएसई का सेंसेक्स शुक्रवार को 1139.92 पॉइंट्स यानी 6.62 प्रतिशत की तेजी के साथ 18361.66 पर और एनएसई का निफ्टी 349.90 पॉइंट्स यानी 6.95 प्रतिशत की तेजी के साथ 5383.35 पर बंद हुआ था। लेकिन इसके बाद शुक्रवार को अमेरिकी शेयर बाजारों में गिरावट आई थी। सोमवार को जब एशियाई बाजार खुले तो उसका असर साफ दिखाई दे रहा था। जापान के मुख्य शेयर सूचकांक निक्केई में तीन फीसदी और हॉंन्गकॉंन्ग के हैंगसैंग में ढाई फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई है।

आरबीआई और आईपीओ रिफंड से तय होगी मार्केट की दिशा

मुंबई : इस हफ्ते स्टॉक मार्केट की चाल आरबीआई के कदम और आईपीओ रिफंड पर निर्भर करेगीपिछले हफ्ते अमेरिकी फेडरल रिजर्व बैंक द्वारा की गई कटौती के बाद स्टॉक मार्केट में रिलीफ रैली चल पड़ी थीवैसे, सेंसेक्स-निफ्टी में गिरावट के चलते पिछले दो हफ्ते में निवेशकों के 10 लाख करोड़ रुपये स्वाहा हो चुके हैं

फ्यूचर ग्रुप की कंपनी फ्यूचर कैपिटल और रिलायंस पावर के आईपीओ में रिफंड का काम शुरू होने के बाद ही लिक्विडिटी में इजाफा होगाइन दोनों आईपीओ में निवेशकों के 8 लाख करोड़ रुपये लगे हुए हैं और इसका बड़ा हिस्सा स्टॉक मार्केट से निकाला गया हैफ्यूचर कैपिटल से करीब 16 हजार करोड़ रुपये रिफंड आने हैं जबकि रिलायंस पावर से करीब 1 लाख करोड़ रुपये मार्केट में आने की उम्मीद जताई जा रही हैफ्यूचर कैपिटल के रिफंड का काम 29 जनवरी से शुरू होगा और इसका शेयर 1 फरवरी को लिस्ट होने की संभावना हैरिलायंस पावर के आईपीओ की लिस्टिंग फरवरी के पहले सप्ताह में होगी

इस हफ्ते स्टॉक मार्केट की पैनी नजर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की मौदिक नीति पर होगीआरबीआई 29 जनवरी को इसकी घोषणा करेगायूएस फेड कट के बाद उम्मीद है कि आरबीआई भी रीपो रेट में चौथाई फीसदी की कटौती करेगाफेड कट का असर शुक्रवार को स्टॉक मार्केट पर दिखा था और इस दिन सेंसेक्स में 1140 पॉइंट की रेकॉर्ड बढ़ोतरी दर्ज की गई थी। 14 से 22 जनवरी तक लगातार हो रही गिरावट के बाद भी बाजार में काफी उतार-चढ़ाव देखा गया था

इस गिरावट में विभिन्न कंपनियों के मार्केट कैप में करीब 16 लाख करोड़ की कमी हुई थी। 22-23 जनवरी को सेंसेक्स में थोड़ी रिकवरी होने के बावजूद अभी भी विभिन्न कंपनियों के मार्केट कैप में 10 लाख करोड़ रुपये की कमी देखी जा रही हैबाजार विशेषज्ञों का कहना है कि 29 जनवरी को घोषित होने वाली आरबीआई की मौद्रिक नीति बाजार की दिशा तय कर देगाइस हफ्ते यूएस फेडरल रिजर्व की भी बैठक होनी है और इससे भी बाजार की दिशा तय होगी

Friday, 25 January 2008

शेयर बाजार मजबूत बढ़त पर

देश के शेयर बाजार इस समय एक अच्छी बढ़त पर कारोबार कर रहे हैंफिलहाल यहां सेंसेक्स में 760 अंक और निफ्टी में 245 अंकों की तेजी है

यहां बैंकिंग, तेल गैस और ऊर्जा क्षेत्र में पांच फीसदी से ज्यादा की तेजी हैबाकी क्षेत्रीय सूचकांक भी तीन फीसदी से ज्यादा की तेजी पर हैं और कोई भी क्षेत्रीय सूचकांक गिरावट पर नहीं है

मिडकैप स्मॉलकैप सूचकांक भी बढ़त पर हैं हालांकि यहां दिग्गज शेयरों जैसी तेजी नहीं है

सेंसेक्स में शामिल तीस शेयर में से रिलायंस एनर्जी दस फीसदी, ओएनजीसी नौ फीसदी, आईसीआईसीआई बैंक साढे छः फीसदी, महिन्द्रा एंड महिन्द्रा, ग्रासिम, टाटा मोटर्स, बजाज ऑटो, एनटीपीसी, भेल, विप्रो के शेयर बढ़त पर हैंसेंसेक्स का कोई भी शेयर गिरावट पर नहीं है

सुबह 10:38 बजे

मुम्बई शेयर बाजार (बीएसई) का सेंसेक्स 17983.46 के स्तर पर 761.72 अंक ऊपर और राष्ट्रीय शेयर बाजार (एनएसई) का निफ्टी 5277.65 के स्तर पर 244.20 अंक ऊपर कारोबार कर रहा है

सुबह 10:26 बजे

मुम्बई शेयर बाजार (बीएसई) का सेंसेक्स 17886.57 के स्तर पर 664.83 अंक ऊपर और राष्ट्रीय शेयर बाजार (एनएसई) का निफ्टी 5248.05 के स्तर पर 214.60 अंक ऊपर कारोबार कर रहा है

इस समय यहां मझोले शेयर क्षेत्र का मिडकैप सूचकांक 7327.75 के स्तर पर 199.25 अंक ऊपर और छोटे शेयर क्षेत्र का स्मॉलकैप सूचकांक 10077.26 के स्तर पर 63.30 अंक ऊपर कारोबार कर रहा है

सुबह 9:57 बजे

मुम्बई शेयर बाजार (बीएसई) का सेंसेक्स 17,773.41 के स्तर पर 551.67 अंक ऊपर और राष्ट्रीय शेयर बाजार (एनएसई) का निफ्टी 5220.10 के स्तर पर 186.65 अंक ऊपर कारोबार कर रहा है

यहां ज्यादातर दिग्गज शेयरों में तेजी हैयहां फिलहाल सभी क्षेत्रीय सूचकांक बढ़त पर खुले हैंलेकिन निवेशक कल के बाजार के हाल को देखकर आज भी कुछ सावधान हैंबाजार कल भी एक अच्छी तेजी पर खुलकर लुढ़क गए थे

एशियाई बाजार

आज एशियाई बाजार मजबूत कारोबार कर रहे हैंहांगकांग का हैंग सेंग पांच फीसदी चढ़ा हैजापान का निक्केई तीन फीसदी, ताइवान का ताइवान व्हेटेड ढाई फीसदी, सिंगापूर का स्ट्रेट टाइम्स तीन फीसदी, दक्षिण कोरिया का सियोल कम्पोजिट डेढ़ फीसदी तेजी दिखा रहा है

अमेरिकी बाजार

कल अमेरिकी बाजारों में भी अच्छी तेजी देखने को मिलीडाओ जोंस 108.44 अंक चढ़कर 12,378.61 पर बंद हुआएसएंडपी 500 सूचकांक 13.47 अंक ऊपर 1,352.07 पर और नैस्डेक कम्पोजिट सूचकांक 44.51 अंक ऊपर 2,360.92 के स्तर पर पर बंद हुआ

एशियाई बाजारों से अच्छे संकेत

आज एशियाई बाजारों में अच्छी तेजी देखी जा रही है। निक्केई, स्ट्रेट टाइम्स, ताइवान, कोस्पी सभी बाजारों में अच्छी बढ़त देखी जा रही है। केवल शंघाई में हल्की गिरावट है।

अमेरिकी बाजारों में शानदार तेजी

अमेरिकी बाजारों में नवम्बर के बाद से पहली बार दो दिनों की सबसे बड़ी रैली देखी गई। डाओ जोंस एक प्रतिशत की बढ़त के साथ 12,378 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं माइक्रोसॉफ्ट के शानदार नतीजों के चलते नैस्डेक में करीब दो प्रतिशत की तेजी देखी गई। जबकि एसएंडपी500 ने एक प्रतिशत की तेजी दिखाई।

अमेरिकी बाजार पर ब्याज दरों की कटौती का असर तो है ही, इसके अलावा बुश प्रशासन और अमेरिकी कांग्रेस डेढ़ सौ अरब डॉलर के राहत पैकेज पर सहमत हो गए हैं जिससे बाजार को सहारा मिला। बुश सरकार लोगों को कर छूट देने पर भी तैयार हो गई है, जिसके तहत सबप्राइम के शिकार लोगों को 600 डॉलर की रकम दी जाएगी।

विदेशी पूंजी प्रवाह पर लगाम जरुरी

डावोस। वित्त मंत्री पी.चिदम्बरम ने आज कहा कि भारत में शेयर बाजार में आ रही विदेशी पूंजी की धार को हल्का करने की जरुरत है और इसके लिए जो भी जरुरी कदम होंगे उठाए जाएंगे। चिदम्बरम स्विट्जरलैंड में डावोस में ‘वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम’ की वार्षिक बैठक के दौरान संवाददाताओं से बात कर रहे थे।


चिदम्बरम ने कहा कि इस बारे में रिजर्व बैंक जरुरी उपाय करता रहेगा। कहा कि हमें पूंजी प्रवाह को कुछ हल्का करने की जरुरत है साथ में यह भी देखना है कि अर्थव्यवस्था को ताकत देने वाली पूंजी की धारा को नुकसान न पहुंचे।

वित्त मंत्री ने कहा कि रिजर्व बैंक इस बारे में पहले भी कुछ कदम उठा चुका है वह आगे भी ऐसे कदम उठाता रहेगा ऐसा विश्वास है।

उल्लेखनीय है कि प्रतिभूति बाजार में पूंजी की बाढ़ से पिछले वर्ष रुपये की विनिमय दर में 12 प्रतिशत से अधिक की तेजी रही।

Thursday, 24 January 2008

शेयर बाजार अच्छी बढ़त पर खुले

आज देश के शेयर बाजार अच्छी बढ़त पर खुले हैं। सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 485 अंक की तेजी पर है और 18 हजार के स्तर के ऊपर कारोबार कर रहा है। निफ्टी में भी 137 अंकों की अच्छी तेजी देखी जा रही है।

यहां सभी दिग्गज शेयर खरीदारी की अगुवाई कर रहें हैं और सेंसेक्स के सभी शेयर बढ़त पर हैं। यहां टिकाऊ उपभोक्ता क्षेत्र को छोड़कर बाकी क्षेत्रीय सूचकांक एक से तीन फीसदी की तेजी पर हैं। टिकाऊ उपभोक्ता क्षेत्र तीन फीसदी की गिरावट पर है।

सुबह 9:56 बजे

मुम्बई शेयर बाजार (बीएसई) का सेंसेक्स 18,078.92 के स्तर पर 484.85 अंक ऊपर और राष्ट्रीय शेयर बाजार (एनएसई) का निफ्टी 5340.60 के स्तर पर 137.20 अंक ऊपर कारोबार कर रहा है।

एशियाई बाज़ार में सुधार का दौर जारी

एशियाई शेयर बाज़ारों में सुधार का सिलसिला दूसरे दिन गुरुवार को भी जारी है। उधर बुधवार को यूरोपीय और अमरीकी शेयर बाज़ारों में गिरावट दर्ज हुई है।

गुरुवार को जब जापान के शेयर बाज़ार में कारोबार की शुरुआत हुई तो वहाँ दो प्रतिशत से ज़्यादा की बढ़त दर्ज हुई।

भारतीय बाज़ार के लिए भी गुरुवार का दिन क़रीब 500 अंकों की बढ़त के साथ शुरू हुआ है। बुधवार को सेंसेक्स 17594 पर बंद हुआ था।

वहीं सिडनी और हाँगकाँग से भी शेयर बाज़ार में तेज़ी की ख़बरें आ रही हैं।

ग़ौरतलब है कि मंगलवार को अमरीका के केंद्रीय रिज़र्व बैंक की ओर से ब्याज़ दरों में कटौती की घोषणा की गई थी।

इसके बाद से ही एशियाई बाज़ारों में सुधार होना शुरू हो गया। बुधवार का दिन भारतीय बाज़ार के लिए भी अच्छा रहा और एक अच्छी बढ़त के साथ बुधवार का कारोबार बंद हुआ।

हाँ, मगर यूरोपीय शेयर बाज़ार के लिए अमरीकी केंद्रीय रिज़र्व बैंक की कटौती एक नई चिंता लेकर आई कि कहीं अमरीका की तर्ज पर यूरोपीय केंद्रीय बैंक भी कटौती की घोषणा न कर दे।

इसी चिंता और दुनिया भर में आर्थिक मंदी की आशंका को देखते हुए यूरोपीय शेयर बाज़ारों में गिरावट का दौर जारी रहा।

पश्चिमी बाज़ारों का संकट

बुधवार को ब्रिटेन का मुख्य शेयर सूचकांक फुट्सी लगभग चार प्रतिशत नीचे गिर गया, यह गिरावट सोमवार से ही लगातार जारी है।

शेयर बाज़ार
यूरोपीय शेयर बाज़ार मंदी से जूझ रहा है

मंगलवार को इसी गिरावट के दौर को थामने की कोशिश करते हुए अमरीकी केंद्रीय बैंक फ़ेडरल रिज़र्व ने ब्याज दरों में भारी कटौती की घोषणा की थी, फ़ेडरल रिज़र्व ने ब्याज दर में ।75 प्रतिशत की कटौती की घोषणा की थी जो पिछले ढाई दशक की सबसे बड़ी कटौती है।

अमरीकी अर्थव्यवस्था के लिए यह मंदी का दौर चल रहा है। स्थिति यह पैदा हो गई है कि अमरीकी राष्ट्रपति ने अर्थव्यवस्था में तेज़ी लाने के लिए एक विशेष पैकेज की घोषणा भी कर दी है।

इस पैकेज की घोषणा के बाद भी अभी तक बाज़ार में अपेक्षित सुधार होता नज़र नहीं आ रहा है।

उधर भारत में शेयर बाज़ार में सोमवार और मंगलवार की भारी गिरावट के बाद बुधवार को हालात कुछ बेहतर हुए हैं, मुंबई शेयर बाज़ार का मुख्य सूचकांक सेंसेक्स 5।17 फ़ीसदी की बढ़त लेकर 17594 पर बंद हुआ।

खरीदारी का मौका चूके रिटेल इनवेस्टर

नई दिल्ली : उम्मीद के मुताबिक अमेरिकी फेडरल बैंक की ब्याज दर में 0.75 फीसदी की कटौती का असर देश के शेयर बाजारों में दिखाई दिया। बुधवार को बॉम्बे शेयर मार्केट का इंडेक्स 864 अंक की रिकवरी कर 17,509 अंक पर बंद हुआ। नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के निफ्टी इंडेक्स में 304 अंकों की रेकॉर्ड बढ़त रही। लेकिन रिटेल इनवेस्टर बुधवार को भी कम दामों में शेयर खरीदने का फायदा नहीं उठा पाए।

ब्रोक्ररों ने उन्हें मार्जिन घाटे की भरपाई के नाम पर खरीदारी नहीं करने दी। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि मौका अभी पूरी तरह हाथ से नहीं निकला है। बैंकों, वित्तीय संस्थानों और म्यूचुअल फंडों ने शेयरों की खरीदारी की, जिससे सेंसेक्स सुधर गया। रिटेल इनवेस्टर ब्रोकरों और सेबी को दोषी मान रहे हैं। उनका कहना है कि सेबी ने सारी स्थिति जानने के बावजूद रिटेल इनवेस्टरों को शेयरों में निवेश का मौका देने के लिए ब्रोकरों को आदेश नहीं दिया।

जियोजित फाइनेंशियल के प्रमुख गौरांग शाह कहते हैं, अगर रिटेल इंवेस्टरों ने किन्हीं वजह से पिछले दो-तीन दिन में शेयरों की खरीदारी नहीं की या उन्हें खरीदारी करने से रोका गया तो निश्चित रूप से उनके हाथ से खरीदारी का ऐसा गोल्डन अवसर छिन गया है, जो भविष्य में उनको भारी मुनाफा दे सकता था।

रिटेल इनवेस्टरों को जहां शेयरों के दाम घटने से लाखों की चोट लगने का दुख है, वहीं इस बात की नाराजगी है कि ब्रोकरों ने उनके साथ खेल किया। रिटेल इनवेस्टर प्रदीप अग्रवाल का कहना है कि वे कई बार अपने ब्रोकर के पास गए ताकि शेयरों की खरीदारी कर सकें। ब्रोकर ने उनकी बात नहीं सुनी। कई छोटी व मझोली कंपनियों के शेयरों के दामों में 50 से 70 फीसदी की गिरावट आ चुकी थी। उनको ये शेयर खरीदने का मौका मिलता तो गिरावट के वर्तमान दौर में वे सुनहरे भविष्य की कहानी लिख सकते थे।रिटेल इनवेस्टरों ने इसके लिए अपनी आवाज भी उठाई पर वह अनसुनी रह गई। कुछ रिटेल इनवेस्टरों का कहना है कि उन्हें शेयरों की नकद खरीदारी से भी रोका गया।

ब्रोकरों का कहना है कि उनके सामने तकनीकी मजबूरी थी, जिनके चलते उनको ऐसा करना पड़ा। नैक्सस इंफोटेक के प्रमुख सुधीर जोशी कहते हैं, ब्रोकरों के सामने मार्जिन घाटे को पूरा करने की मजबूरी थी। मार्जिन घाटा इतना ज्यादा हो गया कि उसको पूरा करना मुश्किल हो गया था। इस कारण उन पर कारोबार सर्किट भी लगा दिया यानी वे एक सीमा से ज्यादा कारोबार नहीं कर सकते थे। ऐसे में वे क्या करते। उनका पहला लक्ष्य मार्जिन को पूरा करना था, जो उन्होंने किया। ब्रोकरों को शाम को अपने ग्राहकों के कारोबार को पूरा ब्यौरा देना होता है। घाटे को देखते हुए मार्जिन मनी देनी होती। मगर पिछले कुछ दिनों में घाटा मार्जिन मनी से ज्यादा हो गया। इसे संतुलित करने के लिए शेयरों को बेचना पड़ा।

बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि बुधवार को बाजार कुछ संभला है। पिछले दिनों के दौरान शेयर बाजार में करीब 15 लाख करोड़ निकाले गए। वापसी करीब 5 से 6 लाख करोड़ रुपये की हुई हैं। यानी अब भी कुछ मिड व स्मॉल कैप के शेयर निचले स्तर पर चल रहे हैं। उनके दामों में 30 से 40 फीसदी की गिरावट है। एसिका स्टॉक ब्रोकरेज के पोरास भोंदरा का कहना है कि बेशक खरीदारी का एक अवसर चला गया, मगर अब भी रिटेल इनवेस्टर चाहे तो भविष्य में मुनाफा कमाने की इबारत लिख सकते हैं। उनको निचले स्तर पर चल रहे शेयरों व उनकी कंपनियों का अध्ययन करना चाहिए। हो सके तो नकदी देकर शेयर खरीदें। खरीदारी यह सोच कर करें कि उन्हें एक साल तक पैसा नहीं निकालना है।

अमेरिका की तर्ज पर नहीं घटॆगी ब्याज दर

मुंबई: अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में 0.75 प्रतिशत की कटौती किए जाने भर से यह तय नहीं हो जाता कि रिजर्व बैंक भी अपनी मौद्रिक नीति की समीक्षा के वक्त यही कदम उठाए। यह बात देश की सबसे बड़ी बैंक ने कही।

स्टैट बैंक के चेयमैन ओपी भट्ट ने कहा, फेडरल रिजर्व द्वारा अमेरिका में की गई ब्याज दरों में कटौती के बाद हो सकता है कि सरकार ब्याज दरों में बढ़ोतरी न करे, लेकिन इनके अपनेआप कम होने की कोई संभावना नहीं है। अपनी मौद्रिक नीति की समीक्षा के वक्त रिजर्व बैंक को अन्य बातों का भी ध्यान रखना होता है।

भट्ट ने कहा कि यहां के हालात अमेरिका से जुदा हैं। इन पर विचार करने के बाद भी रिजर्व बैंक के अधिकारी इस बारे में कोई निर्णय लेंगे। यहां भी ब्याज दर घटाने का प्रमुख आधार परिणाम ही होगा।

Wednesday, 23 January 2008

शेयर बाजारों की अच्छी शुरुआत

देश के शेयर बाजार आज एक अच्छी बढ़त पर खुले हैं। कल अमेरिकी केंद्रीय बैंक, फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों में तीन-चौथाई फीसदी की कमी करने के फैसले का बाजार पर अच्छा असर दिखाई दे रहा है। इसे एशियाई बाजारों से भी अच्छे संकेत मिले हैं।

शुरुआती कारोबार में बैंकिग सूचकांक पांच फीसदी की तेजी दिखा रहा है। बाकी क्षेत्रीय सूचकांक दो से पांच फीसदी ऊपर हैं। यहां एचडीएफसी बैंक का शेयर नौ फीसदी ऊपर है। सेंसेक्स में शामिल शेयरों में से केवल विप्रो का शेयर गिरावट दिखा रहा है।

सुबह 9:56 बजे

मुम्बई शेयर बाजार का सेंसेक्स 17655.89 के स्तर पर 925.95 के स्तर पर और राष्ट्रीय शेयर बाजार का निफ्टी 5131.95 के स्तर पर 232.65 के स्तर पर कारोबार कर रहा है।

एशियाई बाजार

कल अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों में तीन-चौथाई फीसदी की कमी करने के फैसले के बाद आज एशियाई बाजार अच्छी तेजी दिखा रहे हैं और बढ़त पर लौट आए हैं।

एशियाई बाजारों में हैंगसेंग सबसे ज्यादा साढ़े सात फीसदी ऊपर है। जापान का निक्केई साढ़े तीन फीसदी, सिंगापूर का स्ट्रेट टाइम्स तीन फीसदी, दक्षिण कोरिया का सियोल कम्पोजिट पौने दो फीसदी की तेजी पर है। हालांकि ताइवान का ताइवान व्हेटेड हल्की गिरावट पर है।

आखिर क्यों धराशायी हुआ शेयर बाजार?

नई दिल्ली : देश के शेयर बाजार ने सोमवार को इतिहास रचा। सेंसेक्स में एक दिन में 1408 पॉइंट की गिरावट दर्ज की गई। एक दिन में कारोबारियों को छह लाख करोड़ रुपये का घाटा हो गया। यह पहला मौका था जब सेंसेक्स के सभी 30 शेयरों में गिरावट आई। मंगलवार भी सेंसेक्स के लिए अमंगल साबित हुआ। बाजार खुलते ही गिरा। लोअर सर्किट के कारण इसे बंद करना पड़ा। दो ही दिनों में सेंसेक्स 19,000 से गिरकर 16,000 के नीचे आ पहुंचा। वित्त मंत्री के आश्वासनों के बावजूद निवेशकों का बाजार पर से भरोसा गायब हो गया है।

यूं तो किसी भी गिरावट की सैद्धांतिक वजह एक ही होती है कि बाजार से खरीदार कम और बेचने वाले ज्यादा हो जाएं। सोमवार और मंगलवार को यही हुआ। लेकिन इसके अलावा भी कुछ वजहें हैं , जो इस गिरावट के लिए जिम्मेदार हैं।

वर्ल्ड वाइड मंदी की आशंका

देश के शेयर बाजारों में गिरवाट का जो सबसे बड़ा कारण है वह है अमेरिका और ईस्ट एशिया में आए मंदी के लक्षण। अब देखते हैं कि आखिर ये कैसे बाजार को प्रभावित कर रहे हैं ? भारतीय शेयर बाजारों में विदेशी संस्थागत निवेशकों का दबदबा बहुत अधिक बढ़ गया था। पहले से ही ऐसी आशंका जताई जा रही थी कि अगर विदेशी संस्थागत निवेशकों ने अपना पैसा खींच लिया तो शेयर बाजारों में उथल-पुथल हो सकती है और हुआ भी यही।

भारतीय शेयर बाजारों में तेजी का दौर जारी था और निवेशक जबर्दस्त लाभ में चल रहे थे। यहां के संस्थागत विदेशी निवेशकों में बड़ी संख्या में अमेरिकी हैं। अमेरिका और ईस्ट एशिया में आई मंदी के लक्षण को देखकर ये डर गए। हालांकि , इस मंदी क्या असर पड़ेगा अभी कुछ कहा नहीं जा सकता पर इन्हें लग रहा है कि कहीं मंदी पूरी दुनिया को अपनी चपेट में न ले ले। वैसी स्थिति में भारत भी इससे अछूता नहीं रह सकता है। यह सब देखकर निवेशकों को लगा कि यही मौका है कि अपने लाभ को भारतीय मार्केट्स से कैश करा लिया जाए और उन्होंने बिकवाली शुरू कर दी। चूंकि मार्केट में उनकी भागीदारी काफी अधिक है , इसलिए उनकी हलचल का असर भी सबसे अधिक पड़ता है।

घरेलू निवेशक

विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली से भारतीय निवेशक भी घबराकर बाजार से पैसा निकालने लगते हैं , जिस कारण बाजार और गिर जाता है। और फिर गिरने का सर्कल बन जाता है। यह उथल-पुथल का दौर 3-4 दिन चलता है। उसके बाद बाजार कुछ दिन ठहरेगा। फिर एक बार उथल-पुथल का दौर रहेगा। उसके कुछ दिन बाद बाजार सामान्य ढंग से चलने लगेगा।

इसके अलावा , तेजी के दौर में बड़ी संख्या में ऐसे सट्टेबाज बाजार में आ जाते हैं जो रातोरात अमीर बन जाना चाहते हैं। इनमें अधिकतर कर्ज लेकर इन्वेस्ट करते हैं। जब बाजार गिरने लगता है तो ये सबसे पहले पैसा समेट कर भाग जाना चाहते हैं। ये हड़बड़ी में बिकवाली करते हैं , जिससे बाजार और अधिक गिर जाता है।

बड़े आईपीओ

हालांकि ये बहुत अधिक प्रभावित नहीं करते हैं , लेकिन जब बाजार में बिकवाली का दौर हो तो यह बाजार डुबाने में और सहयोगी साबित होते हैं। चूंकि लोग पहले से ही पैसा लगा चुके होते हैं , इसलिए बाजार में पैसे की कमी हो जाती है , जिसका असर नए निवेश पर पड़ता है।

गिरावट को रोकने का उपाय

बाजार को गिरने से रोकने का उपाय अब सरकार ही कर सकती है। चूंकि संस्थागत निवेशकों का स्टॉक काफी बड़ा होता है इसलिए उनकी कमी की भरपाई रिटेल इन्वेस्टर्स नहीं कर सकते हैं। इसके लिए संस्थागत घरेलू निवेशकों की जरूरत पड़ेगी। इन घरेलू संस्थागत निवेशकों की मदद से सरकार मार्केट्स की गिरावट को थाम सकती है।

रिटेल इन्वेस्टरों के लिए मौका

अभी बाजार के गिरने का सबसे अधिक फायदा रिटेल इन्वेस्टरों को होगा। इस वक्त सस्ती कीमतों पर पर्याप्त शेयर बाजार में मौजूद होंगे। इस वक्त जो भी निवेशक सोच समझकर खरीदारी करेगा वह फायदे में रहेगा। जरूरत है सस्ते में शेयर खरीद कर कुछ इंतजार करने की। बहुत जल्दबाजी नहीं दिखाएं। कुल मिलाकर देखें तो इस गिरावट ने छोटे निवेशकों के लिए लाभ कमाने का नया रास्ता खोल दिया है।

घबराहट में बीता दिन

शेयर बाजार में दो दिन से इंडेक्स लगातार गिरने से निवेशक संभल पाते कि इससे पहले ही उन्हें भारी सदमे का सामना करना पड़ा। सूचकांक जब बढ़ा नहीं निवेशकों की धड़कने ऊपर नीचे होती रही। शहर के 90 प्रतिशत ब्रोकर के यहां मंगलवार को बाइंग लिमिट नहीं होने से खरीद नहीं कर पाए। कई जगह ऐसी स्थिति भी रही जहां कंप्यूटर पर ऑटोमेटिक ही सौदे कट गए।

सौदे कटने से निवेशकों में घबराहट फैल गई। दिन-भर मायूसी और सदमे में डूबे निवेशक बात करने को भी तैयार नहीं हुए। हालांकि बाजार शाम को 1200 अंक सुधर कर बंद हुआ। इससे पहले सुबह जैसे ही बाजार खुला सूचकांक 2000 से भी अधिक टूट चुका था। बाजार में सर्किट लग गया था। सरकार को स्टॉक एक्सचेंज एक घंटे के लिए बंद करना पड़ा। इसके एक घंटे बाद जब बाजार खुला तब भी निवेशकों की हालत बहुत खराब थी। इसमें कोई भी सुधार नहीं आया था।

मोबाइल स्विच ऑफ किए

मायूसी का निवेशकों में आल इस कदर था कि उन्होंने अपने मोबाइल के स्वीच ऑफ कर दिए। जिनसे बात करना चाहा, तो नुकसान के बारे में बताने से इंकार कर दिया। उनका कहना था कि इतना ही बहुत है, जो आपसे बात की।

दो दिन में 200 करोड़ का घाटा

शेयर ब्रोकर का मानना है कि बाजार टूटने से शहर में पिछले दो दिन में करीब 200 करोड़ के नुकसान का अनुमान है। यह घाटा निवेशकों द्वारा पोजीशन बचाने के लिए समय पर राशि जमा नहीं कराने के कारण हुआ।

एफ एंड ओ में हुआ नुकसान

एफ एंड ओ यानि फ्यूचर एंड ऑक्शन के सौदे। इसमें एक साथ निवेशक लाखों के सौदे करते हैं और जब डूबते हैं तो लाखों रुपए ही डूबते हैं। एक ब्रोकर के अनुसार इसमें 80 प्रतिशत निवेशकों को चूना लगा है।

शहर में 40 हजार निवेशक

शहर में नए और पुराने मिलाकर करीब 40 हजार निवेशक हैं। इनमें पुराने खिलाड़ी ही एफ एंड ओ में निवेश करने का साहस दिखाते हैं। नए जिन्होंने हाल ही में डीमेट खुलवाएं हैं उन्हें इसमें कोई नुकसान नहीं है। क्योंकि उन्होंने आईपीओ में ही निवेश किया था।

बाजार में लौटी रौनक, 900 अंक ऊपर खुला सेंसेक्स

मुंबई. शेयर बाजार में लगातार दो दिनों से जारी उथल-पुथल के बाद आज सेंसेक्स बढ़त के साथ खुला। कारोबार के शुरूआती सत्र के पांच मिनट के अंदर ही 30 शेयरों वाला सूचकांक 900 अंक ऊपर पहुंच गया।

इससे पहले बांम्बे स्टॉक एक्सचेंज का संवेदी सूचकांक आज 16,529 अंक पर खुला। रिलायंस पेट्रो, रिलायंस एनर्जी, आईटीसी और एनटीपीसी जैसे बड़ी कंपनियों के शेयर तेजी के साथ खुले।

चिदंबरम ने निवेशकों से कहा "रिलैक्स"

नई दिल्ली: वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा है कि पिछले दो दिनों से शेयर बाजार में हुए हार्ट ब्रेकिंग क्रैश के बाद भी निवेशक अपने होश न खोएं सरकार उनकी मदद के लिए पर्याप्त तरलता उपलब्ध कराएगी।

चिदंबरम ने कहा, मुझे रिजर्व बैंक और अन्य सभी बैंकों ने आश्वस्त किया है कि वे शेयर दलालों और निवेशकों को पर्याप्त तरलता उपलब्ध कराएंगे। इसकी कोई समस्या नहीं है। विश्व आर्थिक मंच में में हिस्सा लेने दावोस रवाना होने से पहले चिदंबरम ने उम्मीद जताई कि निवेशक फिर बाजार की ओर रुख करेंगे।

वित्त मंत्री बोले, पश्चिम में व्याप्त समस्याओं का हमारे बाजार पर हावी होने नहीं दिया जाएगा। हमारी अर्थव्यवस्था विकसित देशों की अर्थव्यवस्था से अलग है।

Tuesday, 22 January 2008

बाजार सम्भलने की ओर

शेयर बाजार में अब उम्मीद की एक किरण नजर आई है। यहां बाजार अपने दिन के निचले स्तरों से काफी ऊपर लौटे हैं। सेंसेक्स दोपहर 12:56 बजे सेंसेक्स 16 हजार के स्तर के ऊपर 16,769.19 के स्तर पर 836.16 अंक नीचे और निफ्टी 4920.00 के स्तर पर 288.80 अंक नीचे है।

सुबह 11:59 बजे

शेयर बाजारों के नीचे गिरने का सिलसिला फिर चालू हो गया है। सेंसेक्स अब 2000 और निफ्टी 700 अंक नीचे चला गया। फिलहाल निवेशकों में अफरा-तफरी का माहौल है। सबसे ज्यादा बुरा हाल वायदा कारोबारियों का है। छोटे शेयर दलाल भी काफी खराब स्थिति में पहुंच गए हैं।

इस समय सेंसेक्स 15,510.81 के स्तर पर 2004.55 अंक नीचे और निफ्टी 4497.45 के स्तर पर 711.35 अंक नीचे कारोबार कर रहा है।

सुबह 11:00 बजे

सुबह के कारोबार में लोअर सर्किट लगने के बाद एक घंटे बंद रहे शेयर बाजार अब खुल गए हैं और यहां एक अच्छी वापसी देखने को मिली है। वित्तमंत्री के इस बयान के बाद, कि शेयर ब्रोकरों को तरलता (लिक्विडिटी) की कोई कमी नहीं होने जाएगी, बाजार में निचले स्तरों से खरीदारी लौटी है।

इस समय सेंसेक्स 16491.74 के स्तर पर 1113.61 अंक नीचे और निफ्टी 4770.10 के स्तर पर 438.70 अंक नीचे कारोबार कर रहा है।

सुबह 9:55 बजे

देश के शेयर बाजारों में आज खुलते ही 10 फीसदी की गिरावट देखने को मिली जिसके बाद बाजार में 10 फीसदी लोअर सर्किट लग गई है। अब कारोबार 10:55 को फिर शुरु होगा।

आज कारोबार की शुरुआत के पहले तीन मिनट के भीतर ही सेंसेक्स 1714.41 अंक गिरा, निफ्टी में भी 630.45 अंक की गिरावट दर्ज हुई, जिसके बाद यहां कारोबार रोकने का निर्णय लिया गया। बंद होने ए समय सेंसेक्स 15888.94 के स्तर पर और निफ्टी 4578.35 के स्तर पर खड़ा था।

सेंसेक्स अपने उच्चतम स्तर से अब 25 फीसदी नीचे और निफ्टी 28 फीसदी नीचे है। कारोबार 10:55 बजे दुबारा शुरू होगा, यदि फिर से इस तरह की तेज गिरावट देखने को मिलती है तो फिर कारोबार दो घंटे के लिए रोक दिया जाएगा।

बाजार के कल के और आज के तीन मिनट के कारोबार में बाजार 3,100 अंक गिरा है। यह चौथा मौका है जब बाजार में लोअर सर्किट लगने के कारण कारोबार रुका है।

इस बीच इस मुद्दे पर राजनीति भी शुरू हो गई है। इंवेस्टर ग्रीवांस फोरम के किरीट सोमैया ने सेबी और सरकार को इस घटना की जिम्मेदारी लेते हुए सेबी अध्यक्ष और वित्तमंत्री के इस्तीफे की मांग कर दी है।

शेयर बाज़ार में ऐतिहासिक गिरावट

मुंबई शेयर बाज़ार सोमवार को रिकॉर्ड गिरावट के साथ बंद हुआ है, एक ही दिन में मुंबई शेयर बाज़ार के प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स ने इतना बड़ा गोता पहले कभी नहीं लगाया था।

सोमवार को सेंसेक्स में 1400 से अधिक अंकों की गिरावट दर्ज की गई और सेंसेक्स 17605 के अंक पर बंद हुआ, हालत तो ये हो गई थी कि एक समय इंडेक्स 16995 तक जा गिरा था।

सोमवार की गिरावट 7।4 प्रतिशत थी और इस तेज़ गिरावट को देखते हुए सेबी ने थोड़ी देर के लिए ख़रीद-फ़रोख्त पर रोक लगा दी थी।

अंतरराष्ट्रीय शेयर बाज़ारों के नीचे जाने के ताज़ा रुझान को देखते हुए भारतीय बाज़ार की गिरावट पर किसी को आश्चर्य तो नहीं हुआ है लेकिन आर्थिक विश्लेषण एक झटके में इतनी बड़ी गिरावट के लिए तैयार नहीं थे।

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने एक संवाददाता सम्मेलन में पूछे गए सवाल के जवाब में लोगों को आश्वासन दिया कि ऐसे उतार-चढ़ाव आते रहते हैं लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था की सेहत बिल्कुल दुरुस्त है।

सोमवार को भी दुनिया भर के प्रमुख शेयर बाज़ारों में भारी गिरावट का दौर रहा। लंदन, फ्रैंकफर्ट, टोकियो और न्यूयॉर्क के बाज़ारों में तीन से सात प्रतिशत तक की गिरावट देखी गई।

ऐसा नहीं है कि गिरावट सिर्फ़ भारत के बाज़ार में हो, चीन, ताइवान, कोरिया, सिंगापुर, हांगकांग के बाज़ारों में भी बिकवाली का दौर रहा।

अमरीकी अर्थव्यवस्था में मंदी की आशंका को देखते हुए निवेशक बाज़ार से अपना पैसा खींच रहे हैं।

इससे पहले पिछले सप्ताह कारोबार के आख़िरी दिन शुक्रवार को भी बाज़ार में ख़ासी घबराहट देखी गई थी और सेंसेक्स काफ़ी गिरकर बंद हुआ था।

इस घबराहट की सबसे अधिक मार रिलायंस एनर्जी के शेयरों पर पड़ी जिसमें 16 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई।

एसीसी, बजाज ऑटो, एनटीपीसी, रिलायंस कम्युनिकेशन, हिंडाल्को, डीएलएफ़, ग्रासिम इंडस्ट्रीज़ और रिलायंस इंडस्ट्रीज़ के शेयर भी औंधे मुँह गिरे हैं।

हाल ये रहा कि विश्वसनीय माने जाने वाले बैंकिग क्षेत्र के सारे शेयरों ने 11 से 14 प्रतिशत तक का गोता लगाया।

कुछ सप्ताह पहले ही सेंसेक्स 21 हज़ार के आँकड़े को छू चुका था यानी तेज़ उछाल के बाद सूचकांक में लगभग साढ़े तीन हज़ार से ज़्यादा अंकों की गिरावट आई है।

एशियाई बाज़ार दूसरे दिन भी गिरे

एशिया के शेयर बाज़ारों में गिरावट मंगलवार को भी जारी है।

जापान का निक्केई सूचकांक मंगलवार को पाँच प्रतिशत नीचे खुला है। दक्षिण कोरिया के शेयर बाज़ार का भी लगभग ऐसा ही हाल है।

इस बीच, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के प्रमुख डोमिनिक़ स्ट्रॉस-कान ने दुनिया की अर्थव्यवस्था की स्थिति को गंभीर बताया है। वे यूरोप के प्रमुख शेयर बाज़ारों में सोमवार को आई भारी गिरावट के बाद बोल रहे थे।
ये अमरीका में 11 सितंबर के हमलों के बाद से यूरोप के शेयर बाज़ारों में आई सबसे बड़ी गिरावट है।
स्ट्रॉस-कान ने कहा कि अमरीकी अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए राष्ट्रपति बुश ने जिस पैकेज की घोषणा की है, निवेशकों को उससे कहीं ज़्यादा बड़ा क़दम उठाए जाने की अपेक्षा थी।
भारत में मुंबई का मुख्य शेयर बाज़ार भी सोमवार को रिकॉर्ड गिरावट के साथ बंद हुआ था।

एक ही दिन में मुंबई शेयर बाज़ार के प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स ने इतना बड़ा गोता पहले कभी नहीं लगाया था।
सोमवार को सेंसेक्स में 1400 से अधिक अंकों की गिरावट दर्ज की गई और सेंसेक्स 17605 के अंक पर बंद हुआ, हालत तो ये हो गई थी कि एक समय इंडेक्स 16995 तक जा गिरा था।

मंदी की आशंका

अमरीकी अर्थव्यवस्था में मंदी की आशंकाओं के कारण ये गिरावट देखी जा रही है।
अमरीकी अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए राष्ट्रपति बुश ने जिस पैकेज की घोषणा की है, निवेशकों को उससे कहीं ज़्यादा बड़ा क़दम उठाए जाने की अपेक्षा थी

डोमिनिक़ स्ट्रॉस-कान, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के प्रमुख

लंदन, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, ताइवान और फ़िलीपींस के बाज़ारों में गिरावट का दौर रहा।

उधर ऑस्ट्रेलिया का एएसएक्स 200 सूचकांक करीब 166 अंकों की गिरावट के साथ बंद हुआ। ये पिछले एक साल में सबसे निचला स्तर था।

हालांकि अमरीका के राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने पिछले शुक्रवार को अर्थव्यवस्था के लिए कुछ आपात उपायों की घोषणा की थी लेकिन इससे निवेशकों पर कुछ ख़ास असर पड़ता नज़र नहीं आ रहा है।

राष्ट्रपति बुश ने अमरीका की अर्थव्यवस्था को मज़बूत बनाने और उसमें तेज़ी लाने के लिए लगभग डेढ़ सौ अरब डॉलर के विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी।

लेकिन लोगों को चिंता इस बात है कि बुश प्रशासन के इन क़दमों से अमरीका में उपभोक्ताओं की खर्च करने की क्षमता नहीं बढ़ेगी।

एशिया और यूरोप की बड़ी-बड़ी कंपनियों के लिए अमरीकी अर्थव्यवस्था बहुत महत्वपू्र्ण हैं क्योंकि अमरीका इन कंपनियों के लिए बड़ा निर्यात बाज़ार है।

विशेषज्ञों के मुताबिक अगर बाज़ार में माँग कम होगी तो इससे कंपनियों के मुनाफ़े पर सीधे-सीधे असर पड़ेगा।

एशियाई शेयर बाजार आज भी धराशाई

लगातार दूसरे दिन दुनिया के शेयर बाजारों में शेयरों के चीथड़े उड़ने जारी हैं। आज मंगलवार को हांगकांग का शेयर बाजार छह प्रतिशत से भी ज्यादा गिर गया। चीन का शेयर बाजार ट्रेडिंग के आरंभिक दौर में ही छह प्रतिशत गिर गया। जबकि जापानी शेयर बाजार निक्केई चार प्रतिशत गिर कर बंद हुआ।

संबंधित खबर : सेंसेक्स के इतिहास की सबसे बड़ी गिरावट

अमेरिकी अर्थव्यवस्था के मंदी की ओर बढ़ने के डर से दुनिया भर के शेयर बाजारों में कल से जारी भारी बिकवाली का दौर आज भी नहीं थमा। एशियाई बाजारों की जो हालत है उसे देखते हुए भारतीय बाजारों में सोमवार जैसी तबाही दोहराए जाने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।

मंगलवार को हांगकांग का बेंचमार्क इंडेक्स “ हैंग सेंग” खुलते ही 6.1% गिर गया। कुछ देर बाद हालांकि इसकी हालत कुछ सुधरी। दोफर बाद तक (हांगकांग के समयानुसार) यह 5.31% नीचे था।

जापानी शेयर बाजार निक्केई भी मंगलवार को अरंभिक ट्रेडिंग में 4% गिर गया।

सोमवार को सारे एशियाई और यूरोपीय शेयर बाजार औंधे मुंह गिर गए थे। यह गिरावट अमेरिकी मंदी रोकने के लिए बुश प्रशासन के कदमों के प्रति निवेशकों के नाउम्मीदी और पिछले सप्ताह अमेरिकी बाजारों में आई गिरावट के के कारण है। सोमवार को अमेरिकी बाजार मार्टिन लूथर किंग की याद में दी जाने वाली छुट्टी के कारण बंद रहे थे।

लेकिन यूरोपीय देशों में ब्रिटेन का शेयर बाजार सोमवार को 5.5% गिरा, फ्रांस का 6.8% और जर्मनी का शेयर बाजार 7.2% गिर गए।

चीन का शेयर बाजार आज मंगलवार को आरंभिक ट्रेडिंग में ही 6% से भी ज्यादा गिर गया। इसमें करीब 300 अंकों की गिरावट आई। कल यहां का शेयर बाजार दिन के खत्मे तक 5.1% गिरा था।

खुलते ही गिरा बाजार, बाजार एक घंटे के लिए बंद

मुंबई. लगातार दूसरे दिन सेंसेक्स में गिरावट को देखते हुए शेयर बाजार एक घंटे के लिए बंद कर दिया गया है। आज सुबह बाजार खुलने के कुछ ही मिनटों बाद बांम्बे स्टॉक एक्सचेंज का संवेदी सूचकांक न्यूनमत 15,576.30 अंक पर पहुंच गया। 30 शेयरों वाला बीएसई सूचकांक इस समय 15,888 अंक पर है।

भारी गिरावट की आशंका को देखते हुए बाजार को एक घंटे के लिए बंद कर दिया गया है। अब शेयर बाजार दोबारा 10.55 बजे खुलेगें। इससे पहले बांम्बे एस्टॉक एक्सचेंज आज सुबह 17,605 अंक पर खुला।

रिलायंस एनर्जी, रिलायंस पेट्रो, एलएंडटी, रिलायंस, आईटीसी, टाटा स्टील, भेल, टीसीएस और एनटीपीसी जैसे बड़े कंपनियों के शेयरों ने भी अच्छी शुरूआत नहीं की।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (निफ्टी) 5,208 अंक पर खुला।

शेयर बाजार की पांच बड़ी गिरावटें

मुम्बई। देश के शेयर बाजारों में चौतरफा भारी बिकवाली का दबाव रहने से कल से लेकर आज तक ऐतिहासिक रिकॉर्ड गिरावट दर्ज की गई है। अंकों के लिहाज से मुम्बई शेयर बाजार (बीएसई) के सेंसेक्स और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) निफ्टी की अब तक पांच बड़े नुकसान निम्न प्रकार हैं:

सेंसेक्स:
21 जनवरी 2008 --- 1408.35
18 मई 2006 --- 826.38
17 दिसम्बर 2007 --- 769.48
18 अक्टूबर 2007 --- 717.43
18 जनवरी 2008 --- 687.12

निफ्टी
21 जनवरी 2008 --- 496.50
17 दिसम्बर 2007 --- 270.70
18 मई 2006 --- 246.20
21 नवम्बर 2007 --- 219.85
18 अक्टूबर 2007 --- 208.30

मार्केट का गिरना अच्छी खबर है

नई दिल्ली : यह एक ऐसी सलाह है जो तुरंत किसी के गले नहीं उतरेगी, खासकर ऐसे वक्त में जब शेयर मार्केट में गिरावट जारी है और पूरे मीडिया में 'ब्लैक मंडे', 'बाजार का काला' दिन', 'मार्केट में ब्लडबाथ', 'मार्केट में मेहेम' जैसे जुमले छाए हुए हैं। फौरी तौर पर तो मार्केट का बुरा हाल है लेकिन असल में छोटे निवेशकों के लिए यह बेहतरीन मौका है। नामी-गिरामी ब्रोकर और फंड मैनेजरों का मानना है कि यही वक्त है जब रिटेल इन्वेस्टर मार्केट में डिस्काउंट पर ब्लू चिप कंपनियों के शेयर खरीद सकते हैं।

मल्टिप्लेक्स ऐनेक्स के चेयरमैन कवि कुमार कहते हैं, 'बीएसई सेंसेक्स में गिरावट 7.41 फीसदी की है, मगर मिडकैप इंडेक्स में गिरावट 10.4 फीसदी और स्मॉलकैप में गिरावट 11 फीसदी से ज्यादा है। यह दिखाता है कि मंझोली और छोटी कंपनियों के शेयरों को ज्यादा बेचा गया है। यह रिटेल यानी छोटे निवेशकों के लिए बेहतर मौका है कि वे इन शेयरों को निचले स्तर पर यानी कम कीमतों पर खरीदें। कुछ समय तक अपने पास रखे और जब बाजार चढ़े तो बेचकर लाभ कमाएं। इस गिरावट ने छोटे निवेशकों को अपनी रणनीति बदलकर लाभ कमाने के लिए नया रास्ता खोल दिया है। रही बात आगे क्या होगा, बड़ा टेक्निकल करेक्शन हो चुका है। कुछ और हो सकता है। बाद में स्थिति सामान्य हो जाएगी।

यह साबित हो चुका है कि लॉन्ग टर्म जैसे 10-15 साल में शेयरों में निवेश अन्य निवेशों मसलन सरकारी बॉन्ड और एफडी से ज्यादा रिटर्न देता है। फंड मैनेजर मानते हैं कि अच्छे रिटर्न्स के लिए जरूरी है कि लोग अपने इन्वेस्टमेंट का कुछ हिस्सा शेयर मार्केट में भी लगाएं। एसबीआई म्युचुअल फंड्स के चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर संजय सिन्हा कहते हैं कि, 'दूसरे निवेशे जैसे सोना और प्रॉपर्टी के मुकाबले इक्विटी में ज्यादा गिरावट आई है, ऐसे में निवेशक उन कंपनियों में निवेश कर सकते हैं जिनके शेयर महंगे होने के कारण वे पहले ऐसा नहीं कर सके थे।'

Monday, 21 January 2008

पहले घंटे में ही सेंसेक्स 650 अंक टूटा

आज देश के शेयर बाजारों में शुरू से ही चौतरफा गिरावट का दबाव दिखाई दे रहा है। वैश्विक बाजारों में आई कमजोरी और पिछले हफ्ते आए बड़े आईपीओ के कारण तरलता का अभाव बाजार को ले डूबा है। यहां सेंसेक्स 647 और निफ्टी 188 अंक नीचे पहुंच चुका है।

शुरुआती कारोबार में ही सभी सूचकांक ढेर हो गए हैं और कोई भी क्षेत्रीय सूचकांक ऊपर कारोबार नहीं कर पा रहा है। सबसे ज्यादा मार अचल सम्पत्ति और धातु क्षेत्र को पड़ रही है जो सात और छः फीसदी से ज्यादा की गिरावट पर हैं।

सुबह 10:25 बजे

मुम्बई शेयर बाजार (बीएसई) का सेंसेक्स 18365.90 के स्तर पर 647.80 अंक नीचे और राष्ट्रीय शेयर बाजार (एनएसई) का निफ्टी 5516.75 के स्तर पर 188.55 अंक नीचे कारोबार कर रहा है।

सुबह 9:58 बजे

मुम्बई शेयर बाजार (बीएसई) का सेंसेक्स 18605.44 के स्तर पर 408.25 अंक नीचे और राष्ट्रीय शेयर बाजार (एनएसई) का निफ्टी 5579.25 के स्तर पर 126.05 अंक नीचे कारोबार कर रहा है।

कोलगेट पामोलिव में लक्ष्य 525 रुपएः गुजराल

तकनीकी विश्लेषक अश्वनी गुजराल की राय है कि कोलगेट पामोलिव में लक्ष्य 525 रुपए का है।

गुजराल नेे कहा, “कोलगेट पामोलिव को 430-435 रुपए पर समर्थन मिल रहा है। इसमें लक्ष्य 525 रुपए है। मैं तो इस तरह के बाजार में हर कोई चीज खरीदने के पक्ष में नहीं हूं। अब भी बाजार में गिरावट दिखाई दे रही है। जब तक बाजार अस्थिर है, मुझे लगता है कि एफएमसीजी कई दूसरे क्षेत्रों के मुकाबले अच्छा प्रदर्शन करेगा। अगर कोई खरीदना ही चाहता है तो उसे रक्षात्मक रवैया इस्तेमाल करना चाहिए।”

बड़े मियां तो बड़े मियां छोटे मियां सुभान अल्ला

नई दिल्लीः देश में सबसे बड़ा आईपीओ पेश करना ही अनिल अंबानी की कामयाबी नहीं है। उनका एडीएजी ग्रुप अब मार्केट कैप (100 अरब डॉलर) के लिहाज से रिलायंस इंडस्ट्रीज के बाद देश में दूसरे नंबर पर पहुंच गया है। संभावना जताई जा रही है कि अनिल अपने बड़े भाई मुकेश को पछाड़ सकते हैं। एक विदेशी पत्रिका द्वारा तैयार अमीरों की लिस्ट में मुकेश और लक्ष्मी मित्तल के बाद तीसरे नंबर पर अनिल का नाम दर्ज है।

एडीएजी ग्रुप की कंपनी रिलायंस पावर के आईपीओ के लिए रेकॉर्ड 200 अरब डॉलर की बिडिंग हुई। देश और दुनिया के निवेशकों ने ऐसी कंपनी के आईपीओ के लिए बिडिंग की, जिसका अब तक बिजनेस शुरू नहीं हुआ है। रिलायंस पावर को मिले मेगा रिस्पॉन्स के बाद एडीएजी ग्रुप का मार्केट कैप 3.94 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है, जबकि जून 2005 में यह 16 हजार करोड़ रुपये था।

धीरूभाई अंबानी की विरासत जब मुकेश और अनिल में बंटी, तभी से एक-दूसरे को पछाड़ने के लिए दोनों भाइयों में जैसे होड़ लग गई। बंटवारे के बाद मिली दौलत में दोनों भाइयों ने बहुत कुछ जोड़ा। अब ऐसा मौका आया है, जब अनिल अपने बड़े भाई से सिर्फ एक कदम पीछे रह गए हैं।

कंपनी के चेयरमैन अनिल अंबानी ने शनिवार को पत्रकारों से कहा, अब एडीएजी ग्रुप मार्केट कैप के लिहाज से देश का दूसरा सबसे बड़ा कॉरपोरेट हाउस बन गया है। एडीएजी के मार्केट कैप में रिलायंस पावर 1.07 लाख करोड़, रिलायंस एनर्जी 50,234 करोड़, आरएनआरएल 33,602 करोड़, एडलैब्स 6,471 करोड़, रिलायंस कैपिटल 57,558 करोड़ और रिलायंस कम्यूनिकेशन ने 1.44 लाख करोड़ का योगदान दिया है।

इस बीच, कंपनी ने आईपीओ की कीमत 450 रुपये तय कर दी है। कंपनी रिटेल इनवेस्टर को 20 रुपये का डिस्काउंट दे रही है, लिहाजा रिटेलर्स को यह शेयर 430 रुपये में मिलेगा। रिलायंस पावर के शेयर की लिस्टिंग फरवरी के पहले सप्ताह में होगी। आईपीओ ऐप्लिकेशन के जरिए रिलायंस पावर को करीब 7.5 लाख करोड़ रुपये मिले, जिसमें से आधा हिस्सा विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) का है। इस इश्यू को 73 गुणा से ज्यादा ऐप्लिकेशन मिले यानी 22.8 करोड़ शेयर के ऑफर पर रिलायंस पावर को 1665 करोड़ शेयर के ऐप्लिकेशन मिले। रिटेल इनवेस्टर के हिस्से के लिए कंपनी को 14 गुणा ऐप्लिकेशन मिले।