Thursday 10 January, 2008

लखटकिया से नहीं है मारुति की लड़ाई: मारुति सुजूकी

नई दिल्ली : मारुति सुजूकी ने बुधवार को राजधानी में अपनी कॉन्सेप्ट कार ए-स्टार का ग्लोबल लॉन्च किया। इस मौके पर कंपनी के नए एमडी शिंजो नाकानिशी भी मौजूद थे। कार लॉन्च की गहमागहमी के बीच नाकानिशी से नवभारत टाइम्स ने खास बातचीत की। टाटा की लखटकिया कार से लेकर इंडियन ऑटो इंडस्ट्री के हर पहलू पर वह बोले। उन्होंने कहा कि लखटकिया से टक्कर का मारुति सुजूकी का कोई इरादा नहीं है। नाकानिशी से बातचीत के खास अंश:

टाटा की बहुचर्चित लखटकिया कार का ग्लोबल लॉन्च गुरुवार को ऑटो एक्सपो में हो रहा है। इस पर आपकी प्रतिक्रिया?
आपकी तरह हमारी नजर भी इस कार पर है। हम यह देखना चाहते हैं कि 1 लाख रुपये की कार आखिर होगी कैसी?

खबरें आई थीं कि लखटकिया से मुकाबले के लिए आप मारुति 800 की कीमत घटाने जा रहे हैं?
ऐसी कोई भी खबर गलत है। मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया।

क्या आपको अब भी लखटकिया पर यकीन नहीं हो रहा है?
मैं इस कार के वजूद को नहीं नकार रहा। पर इतना जरूर कहता हूं कि इस दाम में आने वाली कोई कार, एक कार से उम्मीद किए जाने वाले सभी मानकों पर खरी नहीं उतर सकती। सभी मानकों से मेरा मतलब इमिशन, सेफ्टी, कलपुर्जे, रेग्युलेशन आदि सब कुछ से है। इंडियन टैक्स सिस्टम रेग्युलेशन का हिस्सा है।

आप यह कह रहे हैं कि क्वॉलिटी से कहीं न कहीं समझौता किया गया?
जी हां। कार पर आने वाली लागत, लेबर कॉस्ट, टैक्स और दूसरी सभी चीजों को देखें तो भारत में कोई भी कार २ लाख रुपये के आसपास से कम में बेची ही नहीं जा सकती है। (हंसते हुए) ऐसे में 1 लाख की कार का अंदाजा आप खुद लगा सकते हैं। ऑटो इंडस्ट्री के सभी बुनियादी पहलुओं को ध्यान में रखा जाए, तो भारत में मारुति 800 से सस्ती कार की कल्पना भी नहीं की जा सकती।

पर लोग इस कार का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं?
मैं इस बात से इनकार नहीं कर रहा। लोग सस्ती शर्ट भी पहनते हैं और महंगी भी।

लखटकिया कार को कौन खरीदेगा?
मुझे लगता है कि टूव्हीलर चलाने वाले लोग इस कार की ओर शिफ्ट करेंगे। या फिर ऐसे लोग इसकी ओर जाएंगे, जो पहली दफा कार खरीदने की हिम्मत जुटा रहे हों।

पहली दफा कार खरीदने वाले यदि इसे खरीदेंगे, तो आपकी मारुति 800 और ऑल्टो जैसी एंट्री लेवल कारों की बिक्री गिरेगी नहीं?
कुछ हद तक। इस लिहाज से अगले 3-4 साल हमारे लिए ट्रांजिशन फेज की तरह होंगे। यह सही है कि कार के खरीदार ऊपर की ओर शिफ्ट करते हैं। जो शुरू में मारुति 800 खरीदता है, वह ऑल्टो की ओर जाता है। फिर वैगन आर की ओर और इस तरह ग्राहक का अपग्रेडेशन होता जाता है। इस लिहाज से मारुति 800 के ग्राहक टाटा की लखटकिया की ओर जा सकते हैं।

भारत के 50 फीसदी से ज्यादा के कार बाजार पर मारुति सुजूकी का कब्जा है। ऐसे में आपको नहीं लगता कि लखटकिया आपके मार्केट शेयर पर बुरा असर डालेगी?
नहीं। मुझे लगता है कि 2010 तक भारत का कार बाजार 20 लाख यूनिटों का होगा। इसमें मारुति का हिस्सा 10 लाख के आसपास होगा।

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