नई दिल्ली : घटिया प्रॉडक्ट बेचने वाली कंपनियां होशियार! सरकार द्वारा बनाए जा रहे कंस्यूमर प्रोटेक्शन लॉ में ऐसी कंपनियों के 'इलाज' का बेहतर इंतजाम किया जाएगा। सरकार ऐसी कंपनियों से मोटा जुर्माना वसूले जाने का नियम बनाने जा रही है। इसके तहत कंपनियां ग्राहकों को घटिया प्रॉडक्ट की जगह अच्छे प्रॉडक्ट तो देंगी ही, साथ ही हर्जाने के तौर पर मोटी रकम देने को भी मजबूर होंगी। सरकार प्रस्तावित कानून के 'प्रॉडक्ट लायबलिटी क्लॉज' में इस तरह की व्यवस्था करेगी।
कंस्यूमर अफेयर्स मिनिस्ट्री के एक आला अफसर ने बताया कि यह कानून हर तरह के कंस्यूमर पर लागू होगा, चाहे वे किसी तरह का प्रॉडक्ट खरीदें। इनमें इलेक्ट्रिकल अप्लायंसेज, इलेक्ट्रॉनिक्स, आईटी, टेलिकॉम, फूड पैकेजिंग डिवाइस समेत हर तरह के प्रॉडक्ट शामिल होंगे।
कंस्यूमर अफेयर्स मिनिस्ट्री नैशनल कंस्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी बनाने जा रही है। यह अथॉरिटी मोनोपोलीज एंड रेस्ट्रिक्टिव ट्रेड प्रैक्टिसेज कमिशन (एमआरटीपीसी) की जगह लेगी। जाहिर तौर पर इसका काम भी वही होगा, जो एमआरटीपीसी का है। यानी यह ग्राहकों की शिकायतें सुनेगी और उसका निपटारा करेगी। साथ ही इसकी दूसरी कई खासियतें भी होंगी। मसलन यह एक तरह की ऐसी जुडिशल बॉडी होगी जो ग्राहकों की शिकायतों का निपटारा काफी तेजी से करेगी।
कंस्यूमर कोर्ट की तरह इसके फैसलों में सालों नहीं लगेंगे। यह प्रस्तावित जुडिशल सिस्टम ठीक उसी तरह काम करेगा, जैसे अमेरिका में फेडरल ट्रेड कमिशन (एफटीसी) काम करता है। इस अथॉरिटी में कॉमर्स एंड इंडस्ट्री व कंस्यूमर अफेयर्स मिनिस्ट्री के अधिकारी शामिल होंगे। क्वॉलिटी काउंसिल ऑफ इंडिया के नुमाइंदों को भी इसमें जगह दी जाएगी। अथॉरिटी वैसे प्रॉडक्ट्स के लिए मानक तय करेगी, जिनका असर सेहत, सुरक्षा और पर्यावरण पर पड़ता है।
ग्राहक सशक्तीकरण के अलावा सरकार कन्फेक्शनरी प्रॉडक्ट्स के लिए भी काफी कड़े स्टैंडर्ड बनाने जा रही है। इसके मुताबिक कन्फेक्शनरी कंपनियों के लिए यह कानूनी रूप से जरूरी होगा कि वे किसी भी प्रॉडक्ट को मार्केट में पेश करने से पहले यह पूरी तरह सुनिश्चित कर लें कि प्रॉडक्ट के प्रॉडक्शन से लेकर डिस्पोजल तक के दौरान पर्यावरण पर कैसा असर पड़ेगा। टॉफी और चॉकलेट जैसी कन्फेक्शनरीज को ईको-लेवल टेस्ट से होकर गुजरना होगा। ईको-लेवल टेस्ट का मकसद इस बात की जांच करना होगा कि प्रॉडक्ट ईको-फ्रेंडली है या नहीं।
खरीदारों के लिए खुशखबरी...
- घटिया प्रॉडक्ट बेचने वाली कंपनियों की खैर नहीं
- शिकायत मिलने पर कंपनियों को ग्राहकों को अच्छा प्रॉडक्ट देना होगा। कंपनियां हर्जाना भी देंगी
- एमआरटीपीसी की जगह नैशनल कंस्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी बनेगी
- यह ग्राहकों की शिकायतों का जल्द निपटारा करेगी
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