नई दिल्ली : यह एक ऐसी सलाह है जो तुरंत किसी के गले नहीं उतरेगी, खासकर ऐसे वक्त में जब शेयर मार्केट में गिरावट जारी है और पूरे मीडिया में 'ब्लैक मंडे', 'बाजार का काला' दिन', 'मार्केट में ब्लडबाथ', 'मार्केट में मेहेम' जैसे जुमले छाए हुए हैं। फौरी तौर पर तो मार्केट का बुरा हाल है लेकिन असल में छोटे निवेशकों के लिए यह बेहतरीन मौका है। नामी-गिरामी ब्रोकर और फंड मैनेजरों का मानना है कि यही वक्त है जब रिटेल इन्वेस्टर मार्केट में डिस्काउंट पर ब्लू चिप कंपनियों के शेयर खरीद सकते हैं।
मल्टिप्लेक्स ऐनेक्स के चेयरमैन कवि कुमार कहते हैं, 'बीएसई सेंसेक्स में गिरावट 7.41 फीसदी की है, मगर मिडकैप इंडेक्स में गिरावट 10.4 फीसदी और स्मॉलकैप में गिरावट 11 फीसदी से ज्यादा है। यह दिखाता है कि मंझोली और छोटी कंपनियों के शेयरों को ज्यादा बेचा गया है। यह रिटेल यानी छोटे निवेशकों के लिए बेहतर मौका है कि वे इन शेयरों को निचले स्तर पर यानी कम कीमतों पर खरीदें। कुछ समय तक अपने पास रखे और जब बाजार चढ़े तो बेचकर लाभ कमाएं। इस गिरावट ने छोटे निवेशकों को अपनी रणनीति बदलकर लाभ कमाने के लिए नया रास्ता खोल दिया है। रही बात आगे क्या होगा, बड़ा टेक्निकल करेक्शन हो चुका है। कुछ और हो सकता है। बाद में स्थिति सामान्य हो जाएगी।
यह साबित हो चुका है कि लॉन्ग टर्म जैसे 10-15 साल में शेयरों में निवेश अन्य निवेशों मसलन सरकारी बॉन्ड और एफडी से ज्यादा रिटर्न देता है। फंड मैनेजर मानते हैं कि अच्छे रिटर्न्स के लिए जरूरी है कि लोग अपने इन्वेस्टमेंट का कुछ हिस्सा शेयर मार्केट में भी लगाएं। एसबीआई म्युचुअल फंड्स के चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर संजय सिन्हा कहते हैं कि, 'दूसरे निवेशे जैसे सोना और प्रॉपर्टी के मुकाबले इक्विटी में ज्यादा गिरावट आई है, ऐसे में निवेशक उन कंपनियों में निवेश कर सकते हैं जिनके शेयर महंगे होने के कारण वे पहले ऐसा नहीं कर सके थे।'
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