Wednesday, 2 January 2008

सस्ते हो सकते हैं होम और कंज्यूमर लोन

मुंबई. नए साल में कंज्यूमर और होम लोन सस्ते हो सकते हैं क्योंकि नए साल की दूसरी तिमाही से होम और कंज्यूमर लोन की ब्याज दरों में गिरावट आने की संभावना है। ईंधन और खाद्यान्न की बढ़ती कीमतें मुद्रास्फीति बढ़ा सकती हैं।

बैंकर्स और अर्थशास्त्रियों का मानना है कि अभी ब्याज दरें शिखर पर हैं और जमा दरों में गिरावट के साथ 2008 में ब्याज दरों में नरमी की संभावना है। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के चेयरमैन और एमडी एम.वी. नायर ने कहा कि साल के दौरान मुनाफे पर प्रभाव पड़ा है, लेकिन बैंकों ने जमा दरें कम करना शुरू कर दिया है।

मध्यावधि के लिए रिजर्व बैंक द्वारा मुद्रास्फीति 3 फीसदी के निकट रखने के उद्देश्य के चलते ब्याज दरों में निश्चित रूप से गिरावट आएगी। यस बैंक के मैनेजिंग डाइरेक्टर व सीईओ राना कपूर का भी मानना है कि ब्याज दरों में 0.5 फीसदी तक की कटौती हो सकती है।

उन्होंने कहा कि अगले तीन महीनों में तो ब्याज दरों में किसी तरह की गिरावट के आसार नहीं। रिजर्व बैंक द्वारा जनवरी में ब्याज दरें घटाने की कोई संभावना नहीं है। लेकिन अप्रैल से शुरू होने वाले अगले वित्त वर्ष में क्.५ फीसदी की गिरावट आ सकती है।

रिजर्व बैंक पिछले डेढ़ साल में ब्याज दरों में ६ बार बढ़ोतरी कर चुका है। बैंक होम, व्हीकल और पर्सनल लोन पर भी ब्याज दरें बढ़ा चुका है। एबीएन एमरो बैंक की प्रमुख (भारत) मीरा एच. सान्याल ने भी यह संभावना व्यक्त की है कि ब्याज दरों में थोड़ी-बहुत गिरावट आ सकती है।

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