शेयर बाजार में दो दिन से इंडेक्स लगातार गिरने से निवेशक संभल पाते कि इससे पहले ही उन्हें भारी सदमे का सामना करना पड़ा। सूचकांक जब बढ़ा नहीं निवेशकों की धड़कने ऊपर नीचे होती रही। शहर के 90 प्रतिशत ब्रोकर के यहां मंगलवार को बाइंग लिमिट नहीं होने से खरीद नहीं कर पाए। कई जगह ऐसी स्थिति भी रही जहां कंप्यूटर पर ऑटोमेटिक ही सौदे कट गए।
सौदे कटने से निवेशकों में घबराहट फैल गई। दिन-भर मायूसी और सदमे में डूबे निवेशक बात करने को भी तैयार नहीं हुए। हालांकि बाजार शाम को 1200 अंक सुधर कर बंद हुआ। इससे पहले सुबह जैसे ही बाजार खुला सूचकांक 2000 से भी अधिक टूट चुका था। बाजार में सर्किट लग गया था। सरकार को स्टॉक एक्सचेंज एक घंटे के लिए बंद करना पड़ा। इसके एक घंटे बाद जब बाजार खुला तब भी निवेशकों की हालत बहुत खराब थी। इसमें कोई भी सुधार नहीं आया था।
मोबाइल स्विच ऑफ किए
मायूसी का निवेशकों में आल इस कदर था कि उन्होंने अपने मोबाइल के स्वीच ऑफ कर दिए। जिनसे बात करना चाहा, तो नुकसान के बारे में बताने से इंकार कर दिया। उनका कहना था कि इतना ही बहुत है, जो आपसे बात की।
दो दिन में 200 करोड़ का घाटा
शेयर ब्रोकर का मानना है कि बाजार टूटने से शहर में पिछले दो दिन में करीब 200 करोड़ के नुकसान का अनुमान है। यह घाटा निवेशकों द्वारा पोजीशन बचाने के लिए समय पर राशि जमा नहीं कराने के कारण हुआ।
एफ एंड ओ में हुआ नुकसान
एफ एंड ओ यानि फ्यूचर एंड ऑक्शन के सौदे। इसमें एक साथ निवेशक लाखों के सौदे करते हैं और जब डूबते हैं तो लाखों रुपए ही डूबते हैं। एक ब्रोकर के अनुसार इसमें 80 प्रतिशत निवेशकों को चूना लगा है।
शहर में 40 हजार निवेशक
शहर में नए और पुराने मिलाकर करीब 40 हजार निवेशक हैं। इनमें पुराने खिलाड़ी ही एफ एंड ओ में निवेश करने का साहस दिखाते हैं। नए जिन्होंने हाल ही में डीमेट खुलवाएं हैं उन्हें इसमें कोई नुकसान नहीं है। क्योंकि उन्होंने आईपीओ में ही निवेश किया था।
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