नई दिल्ली : वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा है कि अगले साल 2008-09 के लिए 9 फीसदी इकॉनमी ग्रोथ का लक्ष्य रखा गया है। इसको हासिल करने में सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी। हालांकि, मौजूदा अंतरराष्ट्रीय आर्थिक परिदृश्य को देखते हुए इस लक्ष्य को पाना आसान नहीं होगा।
यहां पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि अगला साल आर्थिक सेक्टर के लिए चुनौतियों से भरा होगा। अगर 9 फीसदी के इकॉनमी ग्रोथ को पाना है तो इसके लिए सरकार, नीति-निर्धारकों, कॉरपोरेट जगत, किसानों और आम आदमी को कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी। हर क्षेत्र में विकास की गति को बढ़ाना होगा, तभी सफलता मिलेगी।
क्या करों की दरों को और तर्कसंगत बनाए जाने से जुड़े सवाल पर वित्त मंत्री ने थोड़ा इंतजार करने को कहा। चिदंबरम ने देशवासियों को नए साल की मुबारकबाद देने के साथ आग्रह किया प्रत्येक देशवासी भारत के विकास में अपने योगदान को बढ़ाने के लिए संकल्प ले।
इससे पहले फिक्की द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में चिदंबरम ने कहा कि बैंकों को शहरी गरीबों की सुध लेनी चाहिए। 10 रुपये में गरीब लोगों का खाता खोलने को महत्व देना होगा। इस तरह से बैंक गरीबी कम करने में अहम भूमिका अदा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि बात हमेशा ग्रामीण गरीबों के उत्थान की जाती है। मगर इस तरफ कोई ध्यान नहीं देता कि शहरों में भी गरीब रहते हैं और कई मायने में उनकी आर्थिक दशा ग्रामीण गरीबों से बदतर है। बैंकों को लोन का लाभ इन तक पहुंचाने के लिए बड़े पैमाने पर योजनाएं बनानी होंगी और उन्हें पूरा करना होगा।
इंडियन बैंक को दिल्ली में माइक्रो सेट शाखा खोलने पर बधाई देते हुए चिदंबरम ने कहा कि इस तरह की शाखा अन्य बैंकों को भी खोलनी चाहिए। माइक्रो सेट शाखा शहरी गरीबों को लोन देती है। एनजीओ और सेल्फ ग्रुप के जरिए उनको लोन दिया जाता है। उन्होंने कहा कि बैंकों को कार्य का ऐसा वातावरण बनाना पड़ेगी कि गरीब व्यक्ति 10 रुपये में जमा करने और 10 रुपये निकालने के लिए बैंक में आने में संकोच न करें।
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