नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान चौतरफा बिकवाली दबाव के कारण निफ्टी कुल 495 प्वॉइंट्स घटकर 5705 पर बंद हुआ। व्यवसायियों का कहना है कि प्रमुख कंपनियों के दिसंबर तिमाही परिणाम उम्मीद के अनुरूप ही हैं, किंतु अमेरिकी अर्थव्यवस्था की कमजोर स्थिति एवं घरेलू कंपनियों के महँगे शेयर भावों को देखते हुए बड़े खिलाड़ियों ने आठ-दस दिन पहले से मुनाफा वसूली प्रारंभ कर दी थी परिणामस्वरूप बहुसंख्य फ्यूचर शेयरों में ओपन इंटरेस्ट की मात्रा बढ़ती चली गई यानी इनमें मध्यम अवधि कमजोर ट्रेडर्स ने खरीदी कर ली थी। इसलिए फ्यूचर शेयरों में दबाव ज्यादा है।
अधिकांश फ्यूचर ट्रेडर्स घबराहट में बेचान करने की स्थिति में पहुँचने वाले हैं, इसलिए कहा जा सकता है कि आगामी एक-दो दिनों में तीव्र उतार-चढ़ाव के बीच पेनिक बॉटम बनेगा। उल्लेखनीय है कि पेनिक बॉटम जब भी बनता है ब्लूचिप शेयर आश्चर्यजनक रूप से सस्ती या आकर्षक कीमतों पर मिलने लग जाते हैं। निश्चित रूप से बड़े खिलाड़ी एवं फंड मैनेजर इस संभावित स्थिति का लाभ उठाने के लिए तैयार बैठे होंगे।
सेक्टर स्पेसिफिक की बात करें तो अधिकांश पीएसयू बैंकिंग शेयर्स दीर्घावधि तेजी के दौर में चल रहे हैं, इसलिए इलाहाबाद बैंक, आंध्रा बैंक, केनरा बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक एवं यूनियन बैंक के भावों में तीव्र गिरावट आती है तो यह दीर्घावधि निवेश का अवसर होगा। ऑइल मार्केटिंग कंपनियों में हिन्दुस्तान पेट्रोलियम, बीपीसीएल एवं आईओसी के भाव पर्याप्त रूप से गिर चुके हैं और रही-सही कसर फ्यूचर के कमजोर ट्रेडर्स पूरी कर देंगे। अतः इस सेक्टर में भी निचले स्तर पर दीर्घावधि निवेशक खरीदी करेंगे ही।
रिफाइनरी कंपनियों का मार्जिन बढ़ने के कारण इनके परिणाम उम्मीद से बेहतर आते रहने की संभावनाएँ हैं। इसलिए एमआरपीएल, बोंगईगाँव रिफाइनरी एवं चेन्नई पेट्रो सहित अन्य रिफाइनरी कंपनियों के भावों में और गिरावट लाभदायक खरीदी के अवसर प्रदान करेगी। आईएफसीआई 1 महीने पहले 120 रु. के भाव पर बिका है।
अब यदि यह शेयर 60-65 रु. के भाव पर मिलता है तो और क्या खराब होगा? निवेशकों को याद रखना चाहिए कि इस कंपनी में स्टेक खरीदने के लिए वित्तीय क्षेत्र के महारथियों में होड़ मची हुई थी किन्हीं कारणों से स्टेक बेचने की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई, किंतु संभावनाओं के द्वार तो खुल ही गए हैं।
इसी प्रकार आईसीआईसीआई बैंक में वेल्यू अनलॉकिंग का मामला है। इस शेयर ने मंदी के माहौल में 14 जनवरी को 1465 का नया हाई बनाया था और अब भाव 220 रु. नीचे आ गए हैं। इसलिए वर्तमान स्तर से 100 रु. गिरे तो लेना चाहिए। लेने के बाद 75 रु. और गिरे तो और लेना चाहिए।
आईटीसी, एनटीपीसी, वीएसएनएल, सीएमसी, हिन्दुस्तान कंस्ट्रक्शन, टाटा केमिकल्स, इंडियन होटल्स, जिंदल स्टेनलेस, टाटा स्टील, डीसीबी, पॉवर ग्रिड, इंडस-इंड बैंक, एनडीटीवी इत्यादि फ्यूचर शेयरों के भाव और घटे तो जानकार निवेशक मौका चूकने वाले नहीं हैं।
मिड-केप शेयरों में एनसीएल इंड., मेरिको, साधना नाइट्रेट, वक्रांगी, आकृति सिटी, बिन्नानी सीमेंट, फर्स्ट सोर्स इत्यादि में जानकार निवेशक खरीदी कर रहे हैं।
बहरहाल, नए इश्युओं के मार्केट में रिलायंस पॉवर द्वारा कई नए कीर्तिमान बनाने के बाद अब कुछ दिनों के लिए माहौल ठंडा हो गया है। जे कुमार इंफ्रा एवं कार्ड्स केबल छोटी कंपनियाँ हैं इसलिए इनमें संस्थागत निवेशकों का रिस्पांस देखने के बाद ही निवेशक निर्णय लें। ऑन मोबाइल एवं एमार एमजीएफ के इश्युओं में बड़े निवेशकों की विशेष दिलचस्पी देखने को मिल सकती है इसलिए इनके लिए रुपया बचाकर रखना चाहिए और भी कई अच्छे इश्यू एक के बाद एक आने वाले हैं। अतः मार्च तक तो इश्यू क्वालिटी के मामले में निवेशकों के पास एक से बढ़कर एक विकल्प मौजूद रहेंगे।
No comments:
Post a Comment