नई दिल्ली : टेलिकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) ने मोबाइल टेलिविजन सर्विसेज में 74 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को मंजूरी देने का प्रस्ताव किया है। साथ ही ट्राई का कहना है कि ऐसे ऑपरेशंस के लिए टेलिकॉम कंपनियों को फ्रेश लाइसेंस लेने की जरूरत नहीं है। मोबाइल टीवी सर्विसेज के तहत उपभोक्ताओं के लिए अपने हैंडसेट पर ही टीवी देखना मुमकिन होगा।
इस बाबत जारी ट्राई की सिफारिशों के मुताबिक, टेलिकॉम कंपनियां पहले आवंटित किए गए स्पेक्ट्रम के तहत ही मोबाइल टेलिविजन सर्विसेज का नेटवर्क चला सकती हैं। मोबाइल टीवी सर्विसेज की सेवाएं 2 रूटों के जरिए प्रदान की जा सकती हैं। इसके तहत या तो टेलिकॉम कंपनियों को आवंटित किए गए स्पेक्ट्रम के जरिए या फिर ब्रॉडकास्टिंग सिस्टम के जरिए। ट्राई ने कहा कि यह फैसला सर्विस प्रवाइडर्स पर छोड़ देना चाहिए। ट्राई ने 10 जनवरी तक इस ड्राफ्ट पर लोगों की राय मांगी है। अगर टेलिकॉम कंपनियां मोबाइल टेलिविजन सर्विसेज के लिए ब्रॉडकास्टिंग टेक्नॉलजी का इस्तेमाल करना चाहेंगी, तो उनके लिए मोबाइल टीवी लाइसेंस जरूरी कर दिया जाएगा।
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