नई दिल्ली। देश में बुनियादी ढांचागत क्षेत्र में आए उछाल को आकर्षित करने के उद्देश्य से स्विट्जरलैंड की सीमेंट बनाने वाली होलसिम ने आगामी पांच वर्षो में 10 हजार करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना बनाई है।
कंपनी ने देश में अपने संयंत्रों को स्थापित करने एवं क्षमताओं को बढ़ाकर 2.5 करोड़ टन तक पहुंचाने के इरादे से निवेश योजना बनाई है। होलसिम सीमेंट ने एसीसी लिमिटेड एवं अंबुजा सीमेंट में नियंत्रित हिस्सेदारी का अधिग्रहण करने के बाद देश में अपनी मौजूदगी दर्ज की है।
होलसिम के एशिया प्रशांत प्रबंधन दल के सदस्य अमित कोठारी ने बताया कि हमने सालाना आठ से दस प्रतिशत विकास का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके लिए प्रति वर्ष 40 करोड़ से 50 करोड़ अमेरिकी डालर के खर्च पर हम अपनी उत्पादन क्षमताओं में 40 लाख से 50 लाख टन की बढ़ोतरी करेंगे। आगामी पांच वर्षो में हम अपनी क्षमताओं में 2.5 करोड़ टन का इजाफा करेंगे। उन्होंने बताया कि दो कंपनियों के जरिये 31 दिसंबर 2007 तक कंपनी की उत्पादन क्षमता 4.5 करोड़ टन पहुंच गई थी।
कंपनी द्वारा संयंत्रों को स्थापित किये जाने के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि यह संयंत्र के आकार पर निर्भर करेगा। देश में अपनी स्थिति का सुदृढ़ करने के मकसद से आगामी अधिग्रहण के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में कोठारी ने बताया कि फिलहाल कोई अधिग्रहण नहीं। अगर अवसर होगा तो हम उस पर विचार करेंगे। कंपनी ने बताया कि उसकी भारत में होलसिम ब्रांड को लाने की कोई योजना नहीं है।
कोठारी ने बताया कि होलसिम की वैश्विक बिक्री लगभग 20 अरब डालर की है। इसमें भारत से लगभग दो अरब से ढाई अरब डालर को योगदान होता है। कंपनी ने बताया कि देश में 24 संयंत्रों के साथ उसकी 23 से 25 फीसदी की बाजार हिस्सेदारी है। होलसिम के 70 देशों में विनिर्माण संयंत्रों के साथ उसकी 20 करोड़ टन से अधिक की क्षमता भी है। कंपनी ने बताया कि दुनिया के 75 देशों में उसकी पहुंच है।
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