मुंबई : बैंकिंग, इंजीनियरिंग, मेटल, और रीयलिटी सेक्टर की कंपनियों के शेयरों में बिकवाली का दबाव रहने से देश के शेयर बाजारों में मंगलवार को लगातार दूसरे दिन तगड़ी गिरावट रही। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का सेंसेक्स 182 और नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 35 अंक नीचे बंद हुआ। यूरोपीय बाजारों में स्थिरता और एशियन मार्केट्स में मिलाजुला रुख रहा।
कारोबारियों का कहना है कि देसी बाजारों में गिरावट तकनीकी सुधार यानी करेक्शन के चलते हैं, क्योंकि इकॉनमी और बाजार की दिशा तय करने वाले बुनियादी कारकों की स्थिति में कोई बदलाव नहीं है। डायरेक्ट टैक्स की वसूली में 43 फीसदी की बढ़ोतरी इकॉनमी के लिहाज से अच्छा संकेत है।
कारोबार के दौरान बाजार में लगातार उतार-चढ़ाव रहा। सत्र के शुरू में सेंसेक्स सोमवार के 19261.35 पॉइंट के मुकाबले 19339.014 पॉइंट पर मजबूत खुला। सेंसेक्स शुरुआती कामकाज में ऊपर में 19375.07 पॉइंट तक जाने के बाद तेजी से गिरता हुआ नीचे में 19009.35 पॉइंट तक आया। फिर यह बहुत अधिक तेजी नहीं पा सका और सत्र की समाप्ति पर कुल 181.71 पॉइंट यानी 0.94 फीसदी के नुकसान से 19079.64 पॉइंट की गिरावट रही। एनएसई का निफ्टी 34.70 पॉइंट यानी 0.60 फीसदी की गिरावट से 5742.30 पॉइंट रह गया। सोमवार को सेंसेक्स ने अपने इतिहास की अंकों के लिहाज से दूसरी बड़ी गिरावट दर्ज की थी। इसमें 779 पॉइंट की गिरावट हुई थी। निफ्टी में सोमवार को 271 पॉइंट की रेकॉर्ड गिरावट दर्ज की गई थी।
सेंसेक्स में करीब 1 फीसदी की गिरावट के बावजूद मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों को अधिक झटका नहीं लगा। इनमें क्रमश: 11.74 और 21.90 पॉइंट का नुकसान हुआ। बीएसई के दूसरे सूचकांकों में बैंकेक्स ने 155 पॉइंट, इंजीनियरिंग ने 226.43, मेटल ने 246.87 और रियलिटी इंडेक्स ने 44.78 पॉइंट की गिरावट दर्ज की। पीएसयू में 37.29 पॉइंट का सुधार हुआ।
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