मुंबई- केंद्रीय वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने देश की अर्थव्यवस्था में उद्योग एवं विनिर्माण क्षेत्र की हिस्सेदारी बढ़ाने की आवश्यकता पर बल देते हुए शुक्रवार को कहा कि यही वह क्षेत्र है जिसमें युवाओं को रोजगार के अधिक अवसर मिल सकते हैं।
चिदंबरम ने अभियांत्रिकी एवं विनिर्माण क्षेत्र की अग्रणी कम्पनी लार्सन एंड टुब्रो की स्थापना के 70 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आज यहाँ आयोजित एक समारोह में कहा कि देश के सकल घरेलू उत्पाद में 55 प्रतिशत योगदान, सेवा क्षेत्र का, 17 प्रतिशत योगदान कृषि क्षेत्र का तथा शेष हिस्सा उद्योग एवं मैनुफेक्चरिंग क्षेत्र का है।
उन्होंने कहा कि विभिन्न कारणों से अर्थव्यवस्था में कृषि क्षेत्र का योगदान और कम ही होने वाला है और सेवा क्षेत्र की विशिष्ट आवश्यकताओं के कारण उसमें पेशेवर अकुशल लोगों को रोजगार मिलने की सीमा है।
वित्तमंत्री ने कहा कि अगले भारत का अगले 20 से 30 वर्ष में विश्व में ऐसा एकमात्र देश बन जाना तय है जहाँ कामगारों की संख्या उन पर निर्भर लोगों की संख्या से कम होगी।
उन्होंने कहा कि इन असंख्य युवाओं में से पाँच प्रतिशत के ही पेशेवर रूप से कुशल होने का आंकलन है और ऐसे में सभी कामगारों को रोजगार उपलब्ध कराने की चुनौती से निपटने के लिए अभी से पूरी तैयारी करने की जरूरत है।
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